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गेहूं
कृषि ज्ञान
11 Nov
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गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए बेसल डोज!


गेहूं की अच्छी पैदावार के लिए सही उर्वरक का उपयोग और उनका उचित समय पर प्रयोग अत्यंत आवश्यक है। बेसल डोज़ (प्रारंभिक उर्वरक) का उपयोग बुवाई के समय किया जाता है, ताकि पौधों को शुरुआती विकास के लिए आवश्यक पोषण मिल सके। यह फसल की जड़ों को मजबूत करता है, पौधों को संतुलित पोषण प्रदान करता है, और उत्पादन क्षमता को बढ़ाता है।

एक एकड़ गेहूं में इन उर्वरकों का बेसल डोज़ के रूप में उपयोग करें:

  • 35-40 किलो डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट)
  • 20-25 किलो एम.ओ.पी (म्यूरेट ऑफ पोटाश)
  • 30-35 किलो यूरिया
  • 4 किलो देहात स्टार्टर
  • 4 किलो बेंटोनाइट सल्फर
  • 5 किलो स्लेमाइट

ये उर्वरक पौधों को नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, सल्फर और सूक्ष्म पोषक तत्वों की पर्याप्त आपूर्ति करते हैं। बेंटोनाइट सल्फर मिट्टी में सल्फर की कमी को पूरा करता है, जो प्रोटीन निर्माण और अनाज की गुणवत्ता सुधारने में सहायक है। स्लेमाइट एक कीटनाशक है, जो मिट्टी में दीमक और अन्य कीटों के नियंत्रण में सहायक है और फसल की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

बेसल डोज़ के फायदे:

  • पौधों को शुरुआती पोषण देकर उनकी वृद्धि तेज करता है।
  • फसल को शुरुआती तनाव और प्रतिकूल परिस्थितियों से बचाने में मदद करता है।
  • जड़ों का विकास बेहतर होता है, जिससे पौधे मिट्टी से अधिक पोषक तत्व अवशोषित कर पाते हैं।
  • उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में वृद्धि होती है।
  • मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखता है।

क्या आप गेहूं की खेती करते हैं? अगर हां, तो बुवाई के समय आप कौन सी खाद का इस्तेमाल करते हैं? सही खाद का चुनाव करें और अपनी पैदावार में बढ़ोतरी पाएं! अगर आप ऐसे ही जानकारियां चाहते हैं फसलों की, तो हमारे कृषि ज्ञान चैनल को फॉलो करें और पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।

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