बेर: अच्छे फलन के लिए कटाई-छटाई प्रबंधन (Ber: Pruning management for good fruiting)
बेर के बागवानी में कटाई-छँटाई का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह न केवल पौधों की स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है बल्कि उनके उत्पादन को भी बढ़ाता है। कटाई-छंटाई के माध्यम से पौधों को सही आकार दिया जा सकता है, जिससे वे बेहतर ढंग से फल और फूल दे सकते हैं। बेर के पौधों की कटाई-छंटाई के विभिन्न कारण और विधि के बारे में सम्पूर्ण जानकारी आर्टिकल में देंगे।
कैसे करें बेर में बेहतर उत्पादन के लिए कटाई-छटाई? (How to do pruning for better production of Ber?)
- पहले साल में कटाई-छंटाई : बेर के पौधों की प्रारंभिक वर्षों में सही विकास के लिए कटाई-छंटाई अत्यंत आवश्यक होती है। इस समय, मुख्य रूप से मूलवृन्त से निकलने वाली अनचाही शाखाओं को काटना चाहिए। इससे कलिकायन किए हुए ऊपरी भाग की उचित बढ़ोतरी हो सकेगी। पहले 2-3 वर्षों के दौरान पौधों को सशक्त रूप और सही आकार देने के लिए उनके मुख्य तने पर 3-4 प्राथमिक शाखाएँ चुननी चाहिए। ये शाखाएं यथोचित दूरी पर और सभी दिशाओं में होनी चाहिए ताकि पौधा सही तरीके से फैल सके।
- हर साल कटाई-छंटाई का महत्व : बेर के पौधों में हर वर्ष कटाई-छंटाई करना अत्यंत आवश्यक होता है। इसका मुख्य कारण यह है कि बेर में फूल और फल नई शाखाओं पर ही बनते हैं। अगर पुरानी शाखाओं को नहीं काटा जाएगा तो नई शाखाओं का विकास नहीं हो पाएगा और फल उत्पादन कम हो जाएगा। इसलिए, प्रति वर्ष कटाई-छँटाई करना जरूरी होता है। इसके माध्यम से पौधे अधिक संख्या में नई और ओजस्वी शाखाएं उत्पन्न करते हैं, जो अधिक फल और फूल देते हैं।
- कटाई-छंटाई का सर्वोत्तम समय : बेर के पौधों में कटाई-छंटाई का सर्वोत्तम समय मई का महीना होता है। इस समय पौधे सुषुप्तावस्था में होते हैं, यानी उनकी वृद्धि थोड़ी रुक जाती है और वे आराम की स्थिति में होते हैं। इस समय कटाई-छंटाई करने से पौधों को कम क्षति होती है और वे जल्दी से नए अंकुर निकलने लगते हैं।
- शाखाओं की कटाई : मुख्य अक्ष की शाखाओं को चौथी से षष्ठम् द्वितीयक शाखाओं के स्तर तक काटना चाहिए। इसका मतलब है कि 17-23 नोड तक की शाखाओं को काट देना चाहिए। यह कटाई पौधों के आकार और उनकी शक्ति को बनाए रखने में मदद करती है। साथ ही, सभी द्वितीयक शाखाओं को उनके निकलने के पॉइंट से नजदीक से ही काटना चाहिए। इससे पौधों में नई शाखाओं का विकास तेजी से होता है।
- अनचाही, रोगग्रस्त, सूखी और एक दूसरे के ऊपर से गुजरने वाली शाखाओं की कटाई : पौधों में अनचाही, रोगग्रस्त, सूखी और एक दूसरे के ऊपर से गुजरने वाली शाखाओं को भी हर वर्ष काट देना चाहिए। यह कार्य पौधों की स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। अनचाही शाखाओं को हटाने से पौधों का ऊर्जा संतुलन सही रहता है और वे बेहतर फल-फूल दे सकते हैं। रोगग्रस्त और सूखी शाखाओं को हटाने से पौधों में रोगों का संक्रमण कम होता है और वे स्वस्थ रहते हैं। एक दूसरे के ऊपर से गुजरने वाली शाखाओं को हटाने से पौधों में हवा और प्रकाश का सही प्रवाह होता है, जिससे उनका समग्र विकास बेहतर होता है।
- उत्पादकता, फलों का आकार और गुणवत्ता बनाए रखना : उत्पादकता, फलों का आकार और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए, बेर के पेड़ों की प्रति वर्ष सही समय पर कटाई-छंटाई करना अति आवश्यक है। कटाई-छँटाई चूर्णिल आसिता व्याधि और तेज हवाओं से होने वाले नुकसान को भी कम करता है। नियमित रूप से छंटाई किया गया बेर का पेड़ 30 साल तक युवा रह सकता है। बेर में फल मुख्यतः उसी वर्ष में तैयार हुई नई ओजस्वी टहनियों पर लगते हैं। अतः, प्रति वर्ष अधिक संख्या में नई ओजस्वी शाखाएं पैदा करने के लिए पुरानी शाखाओं की नियमित रूप में छंटाई करते रहना आवश्यक होता है। फलों का भार बहुत अधिक होने पर नई शाखाओं को भी बीच-बीच से काटने की आवश्यकता पड़ सकती है, अन्यथा शाखाओं के टूटने का भय रहता है।
- प्रारंभिक वर्षों में पौधे को मजबूत और सही आकार देना : रोपण के पहले दो-तीन साल तक पौधों को मजबूत और सही आकार देने के लिए सधाई का कार्य किया जाना चाहिए। इस दौरान, पौधों के मुख्य तने पर 3-4 प्राथमिक शाखाएँ हर दिशा में रहने देते हैं, जबकि शेष सभी शाखाओं को काट देना चाहिए। एक सीधे बढ़ने वाले तने पर भूमि की सतह से 30-40 सेंटीमीटर ऊंचाई पर समान दूरी पर और चारों दिशाओं में फैलने वाली इन 3-4 शाखाओं को बढ़ाने के लिए छोड़ देते हैं। जुलाई में रोपण पश्चात मुख्य तने के को आगामी मार्च माह में कलिकायन-संयोजन बिंदु से 1-2 आसंधि छोड़कर काट देते हैं ताकि उसे कोई तने निकालें। इनमें से सबसे ओजस्वी तने को मुख्य प्ररोह के रूप में चुना जाता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)
Q: बेर में कटाई-छटाई क्यों करें?
A: बेर के पौधों में कटाई-छंटाई करने के कई महत्वपूर्ण कारण होते हैं जैसे: कटाई-छँटाई के माध्यम से पौधों को एक मजबूत और संतुलित ढांचा दिया जाता है, जिससे वे बेहतर ढंग से विकसित होते हैं और नई शाखाओं पर फूल और फल विकसित होते हैं। नियमित कटाई-छँटाई से नई शाखाओं का विकास होता है, जो उच्च गुणवत्ता वाले फल उत्पादन में सहायक होती हैं। बेर के पौधे अनचाही, रोगग्रस्त, और सूखी शाखाओं को हटाने से पौधों में रोगों का संक्रमण कम होता है और वे स्वस्थ रहते हैं। कटाई-छँटाई से पौधों के बीच हवा और प्रकाश का सही प्रवाह होता है, जिससे उनका समग्र विकास बेहतर होता है।
Q: बेर में कटाई-छंटाई कब करें?
A: बेर के पौधों में कटाई-छंटाई मई-जून के महीनों में करनी चाहिए, जब पौधों की अधिकांश पत्तियां झड़ चुकी होती हैं। इस समय पौधे सुषुप्तावस्था में होते हैं, जिससे उन्हें कम क्षति होती है और वे जल्दी से नए अंकुर निकालते हैं।
Q: बेर में कटाई-छंटाई कैसे करें?
A: रोपण के पहले दो-तीन साल तक पौधों की सधाई के लिए कटाई-छंटाई करनी चाहिए। इसके बाद, फलन के लिए कटाई-छँटाई की जाती है। मुख्य तने पर 3-4 प्राथमिक शाखाएँ यथोचित दूरी पर चुनें और उन्हें सही आकार में कांटे।
Q: बेर में कटाई-छंटाई कितनी करनी चाहिए?
A: बेर के पौधों में कटाई-छंटाई करते समय शाखाओं का 50 प्रतिशत भाग काट देना चाहिए। तृतीयक शाखाओं को पूर्ण रूप से काट दें और द्वितीयक शाखाओं को 15-20 कलियों की कटाई करें।
Q: बेर में कटाई-छटाई के समय क्या न करें?
A: कटाई-छंटाई के समय पेड़ के कटे भागों को खुला न छोड़ें। बीमारी से पौधों को बचाने के लिए कटे हुए भागों पर फफूंदीनाशक का लेप करें। इससे पौधे संक्रमण से बचाते हैं और स्वस्थ रहते हैं।
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