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17 June
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पत्तागोभी: कीट, लक्षण, बचाव एवं उपचार (Cabbage: pests, symptoms, prevention and treatment)


सब्जियों में पत्तागोभी एक लोकप्रिय फसल है। पत्तागोभी की खेती बिहार, उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, आसाम, हरियाणा और महाराष्ट्र में की जाती है। इसकी खेती वैसे तो रबी, खरीफ और जायद तीनों में कर सकते हैं पर यह रबी सीजन में ज्यादा लगाई जाती है। पत्तागोभी की सब्जी में कीटों की समस्या ज्यादातर देखने को मिलती हैं।

पत्ता गोभी के कीटों पर नियंत्रण कैसे करें? (How to control the pests of Cabbage?)

माहू कीट (Aphids) :

  • माहू छोटे-छोटे कीट होते हैं जो गोभी के पौधों के कोमल हिस्सों जैसे तना, पत्तियां, फूल, और नई फलियों से रस चूसते हैं।
  • ये कीट पौधे पर रस चूसने के बाद एक तरल पदार्थ छोड़ते हैं, जिससे पत्तियों पर काले रंग के फंगस (फफूंद) लग जाते हैं।
  • फफूंद के कारण पत्तियां काली हो जाती हैं और पौधों में प्रकाश सीधे नहीं पहुंच पाता है जिससे होने वाली प्रकाश संश्लेषण की क्रिया सही से नहीं हो पाती है जिससे पौधा अपने लिए भोजन नहीं बना पाता है और उपज और गुणवत्ता पर असर पड़ता है।

नियंत्रण:

  • पीले रंग के 12 से 15 स्टिकी ट्रैप प्रति एकड़ की दर से लगाएं।
  • 1 लीटर पानी में 2 से 5 मिली नीम तेल मिलाकर छिड़काव करें।
  • अत्यधिक माहू होने पर, 12 से 15 ग्राम प्रति एकड़ इमिडाक्लोप्रिड 70% WG (DeHaat Contropest) कीटनाशक का छिड़काव करें।

डायमंड बैक मोथ कीट (Diamond Back Moth) :

  • यह कीट गोभी के पत्तों के नीचे अंडे देता है।
  • हरी रंग की सुंडी पत्तों पर हमला करती है और उन्हें खा जाती है, जिससे पत्तों में छेद हो जाते हैं।
  • समय पर नियंत्रण न करने पर यह कीट फसल को 75 से 90 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा सकता है।

नियंत्रण:

  • खेत में 12 से 15 पीले स्टिकी ट्रैप प्रति एकड़ की दर से लगाएं।
  • अत्यधिक प्रकोप पर, ईमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी (DeHaat Illigo) का 100 मि.ली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • यदि नियंत्रण न हो, तो (DeHaat Ataque) क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5% SC दवा को 0.3 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

तम्बाकू इल्ली कीट (tobacco caterpillar) :

  • तम्बाकू इल्ली सबसे पहले झुण्ड में आकर गोभी के पत्तों को खाती है और धीरे-धीरे पूरे खेत में फैल जाती है।
  • यह पौधों को खाकर उनमें अपना मल छोड़ती है, जिससे फूल बर्बाद हो जाते हैं।

नियंत्रण:

  • नए पतंगों को नियंत्रित करने के लिए 8-10 फेरोमोन ट्रैप प्रति एकड़ की दर से लगाएं।
  • अत्यधिक प्रकोप पर, ईमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी (DeHaat Illigo) का 100 मि.ली प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • अधिक संक्रमण होने पर (DeHaat Ataque) क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5% SC दवा को 0.3 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर पत्ता गोभी में अच्छी तरह से छिड़काव करें।

पत्ता गोभी की फसल में कीटों से नियंत्रण के लिए जैविक उपाय (Biological measures to control pests in cabbage crop) :

  • जैव कीटनाशक: गोभी की फसल में कीटों के नियंत्रण के लिए जैविक कीटनाशक उपाय अच्छे साबित होते हैं। इसमें बैसिलस थुरिंजिएन्सिस (बीटी) एक प्रमुख जैव कीटनाशक है जो कैटरपिलर को नियंत्रित करता है। इससे निकला विष कैटरपिलर के लिए हानिकारक होता है पर मनुष्यों और जानवरों पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।
  • प्राकृतिक दुश्मनों का उपयोग: गोभी के खेत में लेडीबग्स, लेसविंग्स और परजीवी ततैया जैसे प्राकृतिक दुश्मनों को छोड़ने से कीटों को नियंत्रित किया जा सकता है। ये कीड़े फ़ीड करके कीटों की आबादी को कम करने में मदद करते हैं।
  • फसल चक्र: गोभी के खेत में फसल चक्र एक प्रभावी तकनीक है, जिसमें अलग-अलग मौसमों में एक ही खेत में अलग-अलग फसलें उगाई जाती हैं। यह कीटों के जीवन चक्र को तोड़ने में मदद करता है और उनकी आबादी को कम करता है।
  • ट्रैप फसलें: कुछ पौधे कीटों को आकर्षित करने और मुख्य फसल से दूर रखने के लिए लगाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, गोभी की फसल में सरसों रोपण गोभी एफिड्स को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
  • फेरोमोन ट्रैप: ये जाल नर कीटों को आकर्षित करने और उन्हें फंसाने के लिए सिंथेटिक फेरोमोन का उपयोग करते हैं। इससे गोभी के कीट की आबादी को कम किया जा सकता है।

कीटनाशकों का प्रयोग करते समय इन बातों का ध्यान रखें (Keep these things in mind while using pesticides):

  • दवा का छिड़काव करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि पंप में लीकेज न हो।
  • दवा को मुंह लगाकर घोल खींचने का प्रयास न करें।
  • तरल कीटनाशकों को सावधानीपूर्वक पंप में डालें और शरीर के किसी अंग में न लगने दें। यदि ऐसा होता है, तो तुरंत साफ पानी से धोएं।
  • कीटनाशकों का छिड़काव हमेशा सुबह या शाम के वक़्त करें और यह ध्यान रखें कि आसपास तेज हवा न हो।
  • छिड़काव के बाद बचे हुए कीटनाशक को सुरक्षित भण्डारित करें।
  • रसायनों को बच्चों, बूढ़ों और पशुओं की पहुंच से दूर रखें।
  • कीटनाशकों के खाली डिब्बों को किसी अन्य काम में नहीं लें। उन्हें तोड़कर मिट्टी में दबा दें।
  • छिड़काव के बाद खेत में किसी मनुष्य या जानवर को न जाने दें।

क्या आप भी पत्ता गोभी की फसल में कीटों से परेशान हैं? अपना जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट करके बताएं। इसी तरह की अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए 'किसान डॉक्टर' चैनल को अभी फॉलो करें। और अगर पोस्ट पसंद आयी तो इसे लाइक करके अपने किसान दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: पत्ता गोभी कब लगाई जाती है?

A: अगर आप पत्ता गोभी की खेती करना चाहते हैं तो जुलाई-अगस्त और सितंबर-अक्टूबर के महीने में इसकी खेती की जाती है और जुलाई से अगस्त का समय अगेती फूल गोभी लगाने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है।

Q: पत्ता गोभी की पौध कितने दिन में तैयार होती है?

A: पत्ता गोभी की फसल 40-45 दिन में तैयार हो जाती है।

Q: पत्ता गोभी में कौन सा रोग होता है?

A: पत्ता गोभी की फसल में रोग मौसम और किस्मों के अनुसार लगते हैं जैसे- अगर अगेती गोभी की फसल लगाई है तो उसमें अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा और काला सड़न रोग ज्यादातर लगता है। इसके अलावा अगर मध्य-अगेती और मध्य-पछेती समूह की किस्म लगाई है तो उसमें मृदुल आसिता और काला सड़न रोग मुख्य रूप से लगता है। मध्य समूह की पत्तागोभी में मृदुल आसिता रोग की समस्या ज्यादा होती है।

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