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18 Dec
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मिर्च में बेहतरीन उपज के लिए फूल प्रबंधन (Proper Flower Management for Better Yield in Chilli)


मिर्च की खेती भारतीय किसानों के लिए न केवल आमदनी का एक जरिया है, बल्कि यह हमारी रसोई और औषधीय उपयोग में भी अहम भूमिका निभाती है। मिर्च की फसल की सफलता में कई चीजें मायने रखती हैं, लेकिन फूलों का सही प्रबंधन सबसे जरूरी है। अगर फूलों का सही ध्यान रखा जाए, तो न केवल पैदावार बढ़ती है, बल्कि मिर्च की गुणवत्ता भी बेहतर होती है। इस लेख में हम आपको मिर्च के फूल प्रबंधन के आसान और प्रभावी तरीके बताएंगे, ताकि आपकी फसल अधिक फलदार और फायदेमंद हो सके।

मिर्च में बेहतर फूलों के लिए उर्वरक प्रबंधन (Fertilizer Management for Better Flowers in Chilli)

  • शुरुआती अवस्था (Initial Stages): मिर्च की फसल के लिए प्रति एकड़ 87 किलो यूरिया, 125 किलो डी.ए.पी और 50 किलो एम.ओ.पी का उपयोग करना चाहिए। यूरिया को दो भागों में बांटकर देना आवश्यक है। इसका पहला भाग रोपाई के समय और दूसरा भाग टॉप ड्रेसिंग के दौरान प्रयोग करें, जिससे पौधों की वृद्धि और उत्पादन बेहतर हो सके। पौधों की बेहतर प्रारंभिक वृद्धि के लिए देहात स्टार्टर (4 किलोग्राम प्रति एकड़) का उपयोग करें। बुवाई के समय खाद को बीज के नीचे कतारों में डालें।
  • वानस्पतिक अवस्था (Vegetative Stage): मिर्च की रोपाई के 10-15 दिन बाद प्रति लीटर पानी में 5 ग्राम एनपीके 19:19:19 उर्वरक का स्प्रे करें। इसके साथ, प्रति एकड़ 1 किलोग्राम मैग्नीशियम सल्फेट का उपयोग करें। यह पौधों की पत्तियों को स्वस्थ और हरा-भरा बनाए रखने में मदद करता है।
  • फूल बनने की अवस्था (Flowering Stage): मिर्च की रोपाई के 40-50 दिनों बाद प्रति लीटर पानी में 5 ग्राम एनपीके 12:61:00 का स्प्रे करें। फूल बनने के दौरान प्रति एकड़ 450 ग्राम बोरोन को 150 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। इससे फूलों की गुणवत्ता में सुधार होगा और परागण बेहतर होगा। फूलों और फलों के झड़ने की समस्या को रोकने के लिए प्रति एकड़ 5 किलोग्राम एस.ओ.पी (पोटेशियम सल्फेट) 00:00:50 और 500 ग्राम बोरॉन डीओटी (बी-20%) का उपयोग करें। इसे ड्रिप या सिंचाई के माध्यम से दें। Flowering Special Fertilizer (9:27:18+TE) को 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। यह फूल और फल सेटिंग को बढ़ावा देता है। Akillis GA (जिब्रेलिक एसिड 0.001%) का 25-30 मिली प्रति पंप की दर से छिड़काव करें, जिससे फूलों और फलों की गुणवत्ता में सुधार होता है।
  • फल बनने की अवस्था (Fruiting Stage): फलों की संख्या बढ़ाने और अच्छे आकार के लिए न्यूट्री वन पोटेशियम नाइट्रेट 13:00:45 का 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में और न्यूट्री वन बूस्ट मास्टर का 2-3 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। एमकेपी (Mono Potassium Phosphate) - 00:52:34 का उपयोग फलों और फूलों के गिरने की समस्या को कम करने के लिए करें। इसे 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें। मिर्च के फलों का आकार और चमक बनाए रखने के लिए Chiron का उपयोग करें। इसे प्रति एकड़ 500 मिलीलीटर की दर से ड्रिप या स्प्रे विधि से दें। सूक्ष्म पोषक तत्वों के लिए मल्टीप्लेक्स कंपनी के उत्पाद जैसे न्यूट्री प्रो ग्रेड 2, 3, 4, 5 का उपयोग करें, जो आपके क्षेत्र के लिए उपयुक्त हो।

फूल प्रबंधन के अन्य प्रभावी उपाय (Other Effective Flower Management Practices)

  • फूलों के समय पौधों को नियमित पानी देना जरूरी है, लेकिन अत्यधिक पानी से बचें।
  • शुष्क मौसम में यदि प्राकृतिक परागणों की कमी हो तो हाथ से परागण करें, जिससे फूलों में फल बनने की प्रक्रिया बढ़े।
  • फूलों के विकास के लिए सही समय पर मोनो पोटैशियम फॉस्फेट (MKP) और जिब्रेलिक एसिड (GA) का छिड़काव करें।
  • बेकार शाखाओं को काटकर पौधों की ऊर्जा फूलों और फलों पर केंद्रित करें।
  • बोरॉन के साथ-साथ फफूंदनाशकों और कीटनाशकों का उपयोग करें ताकि फूल गिरने से बच सकें।
  • अत्यधिक गर्मी या ठंड से बचने के लिए खेतों का तापमान संतुलित रखें, ताकि फूलों का गिरना कम हो सके।

क्या आप जानते हैं मिर्च में कौन-कौन से खाद और उर्वरक बेहतर फूल प्रबंधन के लिए सबसे जरूरी है? अपने अनुभव और सुझाव हमारे साथ कमेंट में जरूर साझा करें! ऐसी ही उपयोगी और रोचक जानकारियों के लिए 'कृषि ज्ञान' चैनल को अभी फॉलो करें। पोस्ट को लाइक और शेयर करें, ताकि यह जानकारी अन्य किसानों तक भी पहुंचे!

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: मिर्च के लिए कौन सी सिंचाई सबसे अच्छी है?

A: मिर्च की खेती के लिए ड्रिप सिंचाई सबसे उपयुक्त मानी जाती है। यह सिंचाई विधि पौधों को नियमित और नियंत्रित मात्रा में पानी पहुंचाने का काम करती है। ड्रिप सिंचाई से न केवल पानी की बचत होती है, बल्कि मिट्टी की नमी भी बनी रहती है, जिससे पौधों को निरंतर पोषण मिलता है। इसके अलावा, यह विधि जड़ सड़ने जैसी समस्याओं से बचाव करती है और पैदावार को बढ़ाने में मददगार होती है।

Q: हरी मिर्च की खेती कब और कैसे करें?

A: हरी मिर्च की खेती साल में तीन बार की जा सकती है। बीज बुवाई के लिए फरवरी-मार्च, जून-जुलाई, और सितंबर-अक्टूबर सबसे सही समय है। बुवाई के लिए पहले खेत को अच्छी तरह तैयार करें और उन्नत किस्म के बीजों का चयन करें। पौधों को 1.5-2.5 फीट की दूरी पर लगाएं ताकि उन्हें पर्याप्त जगह मिल सके। सही मौसम, मिट्टी, और पोषण के साथ, मिर्च की फसल उच्च गुणवत्ता और बेहतर पैदावार देगी।

Q: मिर्च का पौधा कितने दिन में फल देने लगता है?

A: मिर्च का पौधा बुवाई के बाद 90-130 दिनों में हरी मिर्च देना शुरू कर देता है। यदि आप लाल मिर्च की खेती कर रहे हैं, तो फलों के पूरी तरह पकने में 150-170 दिन का समय लग सकता है। पौधों को पर्याप्त पोषण और सही देखभाल के साथ समय पर फल मिलना सुनिश्चित होता है।

Q: एक एकड़ में मिर्च का उत्पादन कितना होता है?

A: मिर्च की फसल से एक एकड़ भूमि पर सही देखभाल और अनुकूल मौसम की स्थिति में 150-200 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। पैदावार फसल की किस्म, खेत की तैयारी और पोषण प्रबंधन पर निर्भर करती है।

Q: मिर्ची में फुटाव के लिए क्या डालें?

A: मिर्ची के पौधों में अधिक फुटाव और शाखाओं के विकास के लिए नाइट्रोजन युक्त उर्वरक का उपयोग करें। इसके साथ ही, जिंक और बोरॉन का स्प्रे करना पौधों में नई शाखाओं के विकास और फलों की संख्या को बढ़ाने में काफी लाभदायक होता है। यह फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में सुधार करता है।

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