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28 Nov
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ठंडे मौसम में बुवाई के लिए 5 बेहतरीन फसलें | 5 Best Crops to Cultivate in Winter Season

कृषि का सीधा संबंध मौसम से है, और हर मौसम के अनुसार फसलों का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है। भारत में ठंड का मौसम यानी रबी सीजन कृषि के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस समय तापमान गिरने के साथ-साथ दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं, जो कई फसलों के विकास के लिए आदर्श है। ठंड के मौसम के अनुसार सही फसलों का चयन करके किसान अधिक पैदावार एवं अच्छी गुणवत्ता वाली फसल प्राप्त कर सकते हैं। जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा प्राप्त होता है। अगर आप भी ठंड के मौसम में खेती करने का मन बना रहे हैं तो इस पोस्ट के माध्यम से आप ठंड के मौसम में बुवाई के लिए 5 बेहतरीन फसलों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

ठंड के मौसम में खेती के लिए 5 बेहतरीन फसलें | 5 Ideal Crops for Farming in Winter Season

  • मेथी: मेथी की हरी पत्तियों का इस्तेमाल करने के अलावा इसकी सूखी पत्तियों एवं दानों का प्रयोग मसालों के तौर पर किया जाता है। गर्म जलवायु में इसकी पत्तियां जल्दी पीली पड़ सकती हैं और उत्पादन प्रभावित हो सकता है। इसलिए मैदानी क्षेत्रों में इसकी बुवाई अक्टूबर से नवंबर महीने में की जाती है। पहाड़ी क्षेत्रों में इसकी बुवाई मार्च से मई तक की जाती है। वहीं दक्षिण भारत के क्षेत्रों जैसे कर्नाटक, आंध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु में इसकी खेती रबी एवं खरीफ दोनों मौसम में की जाती है। बात करें कसूरी मेथी की तो इसकी खेती के लिए ठंड का मौसम सर्वोत्तम है। इसके पौधों को 10-25 डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है। इस फसल में ठंड के मौसम में 10 से 15 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें। यह फसल बहुत कम समय में तैयार हो जाती है। बुवाई के 30-35 दिनों बाद फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
  • पालक: पालक एक हरी एवं पत्तेदार सब्जी है। ठंड के मौसम में बुवाई के लिए यह उपयुक्त है। इसकी खेती के लिए 10 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान आदर्श माना जाता है। इस फसल को बहुत अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है और पारंपरिक फसलों की तुलना में यह जल्दी तैयार भी हो जाती है। इसकी एक बार बुवाई करके कई बार कटाई की जा सकती है। बुवाई के करीब 30-40 दिनों बाद फसल की पहली कटाई की जा सकती है। पहली कटाई के 15-20 दिनों के अंतराल पर दूसरी कटाई की जा सकती है। हरी पत्तेदार सब्जियों में इसकी मांग अधिक होने के कारण इसकी खेती से किसानों को अच्छा मुनाफा होता है।
  • गोभी: फूल गोभी हो या पत्ता गोभी, दोनों की खेती के लिए ठंड का मौसम उपयुक्त है। इसके अलावा गांठ गोभी की खेती भी इस मौसम में की जा सकती है। समशीतोष्ण जलवायु और 15-20 डिग्री सेल्सियस तापमान में गोभी की अच्छी उपज होती है। इसकी अगेती किस्मों की बुवाई के लिए अगस्त-सितंबर का महीना उपयुक्त है। इसकी पछेती किस्मों की बुवाई के लिए सितम्बर-अक्टूबर महीने में करनी चाहिए। अगेती किस्मों की बुवाई करने पर प्रति एकड़ खेत के लिए 200 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। वहीं पछेती किस्मों की बुवाई करने पर प्रति एकड़ खेत में 120 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है। इस फसल में हर 4-6 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए। मुख्य खेत में पौधों की रोपाई के करीब 60 से 90 दिनों बाद फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है।
  • मटर: मटर एक प्रमुख दलहन फसल है। इसके ताजे दानों का सेवन तो किया ही जाता है, इसके साथ ही दानों को सूखा कर भी इस्तेमाल किया जाता है। ठंड के मौसम में इसके पौधे तेजी से बढ़ते हैं और इसकी खेती विभिन्न प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। मटर की बुवाई के लिए 10 डिग्री सेल्सियस से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच का तापमान उपयुक्त होता है। विभिन्न क्षेत्रों में इसकी बुवाई अक्टूबर से दिसंबर महीने तक की जा सकती है। यह जल्दी तैयार होने वाली फसलों में से एक है। फसल को परिपक्व होने में लगभग 90-120 दिनों का समय लगता है।
  • गाजर: गाजर ठंढे जलवायु की फसल है। अच्छी फसल के लिए 10-15 डिग्री सेल्सिअस तापमान अच्छा होता है। इससे अधिक तापमान पर जड़ छोटी और कम तापमान पर जड़ लंबी और पतली हो जाती है। इसकी बुवाई के लिए अगस्त से अक्टूबर तक का समय उपयुक्त है। इसके अलावा आप नवंबर-दिसंबर महीने में भी इसकी बुवाई कर सकते हैं। गाजर की खेती लगभग सभी तरह की मिट्टी में सफलतापूर्वक की जा सकती है। ठंड के मौसम में 10 से 12 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें। खुदाई से 2-3 सप्ताह पहले सिंचाई का कार्य बंद कर दें। सामान्यतौर पर बुवाई के 90-100 दिनों के बाद गाजर की फसल खुदाई के लिए तैयार हो जाती है। खुदाई से पहले हल्की सिंचाई करें इससे खुदाई में आसानी होती है और गाजर टूटने से बच सकते हैं।

ठंड के मौसम में खेती करने के फायदे | Benefits of Farming During the Winter Season

  • पानी की बचत: ठंड के मौसम में फसलों को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है। जिससे पानी की बचत की जा सकती है।
  • मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार: ठंड के मौसम में खेती करने से मिट्टी का कटाव कम होता है और मिट्टी की नमी बढ़ाती है। जिससे मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है और इसकी संरचना बेहतर हो सकती है।
  • खरपतवार की वृद्धि में कमी: ठंड का मौसम खरपतवार के विकास को कम करने में मददगार साबित हो सकता है।
  • आय में वृद्धि: केवल एक मौसम में खेती करने की जगह गर्मी एवं ठंड दोनों  मौसम में खेती करने से किसानों की आय में वृद्धि होती है।
  • रोग एवं कीटों के प्रकोप में कमी: ठंड के मौसम में कीटों एवं रोगों का प्रकोप कम होता है, जिससे फसल स्वस्थ रहती है।
  • बाजार में अधिक मांग: ठंड में खेती की जाने वाली फसलों की बाजार में मांग भी अधिक होती है। जिससे किसानों को फसलों की बिक्री करने पर अच्छा मुनाफा प्राप्त होता है।

ठंड के मौसम में फसलें की खेती के लिए आवश्यक सावधानियां | Essential Precautions for Cultivating Crops in Winter Season

  • फसलों का चयन: इस मौसम में ऐसे फसलों का चयन करें ठंड के मौसम के लिए अनुकूल हो।
  • सिंचाई: इस मौसम में सिंचाई की मात्रा एवं आवृत्ति का विशेष ध्यान रखें। फसलों में आवश्यकता से अधिक सिंचाई करने पर खेत में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
  • कीट और रोग नियंत्रण: गर्मी एवं वर्षा के मौसम की तुलना में ठंड के मौसम में रोग एवं कीटों का प्रकोप कम होता है। इसके बावजूद फसल की लगातार निगरानी करनी चाहिए। इस तरह रोग एवं कीटों की समस्या होने पर शुरुआत में ही उसका पता लगा कर हम उन्हें नियंत्रित कर सकें।
  • फसलों को ठंड से बचाना: कई बार तापमान बहुत कम हो जाता है या कोहरे का प्रभाव बहुत अधिक होता है। ऐसे में खेत में सिंचाई करें और फसलों के आस-पास धुआं करें।
  • उर्वरकों का प्रयोग: ठंड के मौसम में उचित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करें। पाला पड़ने की संभावना होने पर कृषि विशेषज्ञों की परामर्श के अनुसार सल्फर युक्त उर्वरकों का प्रयोग करें।
  • सही समय पर कटाई: अच्छी गुणवत्ता की फसल प्राप्त करने के लिए फसलों की कटाई सही समय पर करें। कटाई में देर होने से गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। वहीं जल्दी कटाई करने से उपज में कमी हो सकती है।

ठंड के मौसम में आप किन फसलों की खेती करते हैं? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। कृषि संबंधी अधिक जानकारियों के लिए ‘कृषि ज्ञान’ चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट में दी गई जानकारी को अन्य किसानों तक पहुंचने के लिए इस पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: सर्दी के मौसम में कौन सी फसल बोई जाती है?

A: भारत में, सर्दियों के मौसम में विभिन्न फसलें बोई जाती हैं। कुछ प्रमुख फसलों में गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों और मटर शामिल हैं। इन फसलों की बुवाई अक्टूबर से दिसंबर के बीच की जाती है और मार्च से मई महीने के बीच काटाई की जाती है।

Q: सर्दी में कौन सी सब्जी बोई जाती है?

A: सर्दियों के मौसम के दौरान कई सब्जियां बोई जाती हैं। जिनमें फूलगोभी, गोभी, ब्रोकोली, पालक, मेथी, गाजर, मूली और चुकंदर की खेती प्रमुखता से की जाती है। ये फसलें 5 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को सहन कर सकती हैं

Q: ठंड में कौन से फल उगाए जाते हैं?

A: ठंडे क्षेत्रों में या सर्दियों के मौसम में उगाए जाने वाले कुछ फलों में सेब, नाशपाती, संतरे, मीठा नींबू, अमरूद और अनार शामिल हैं। इन फलों के विकास के लिए ठंडी जलवायु की आवश्यकता होती है।

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