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Black pepper whole
कृषि ज्ञान
22 Apr
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काली मिर्च की खेती (Cultivation of black pepper)


काली मिर्च एक मसाला फसल है जिसका सर्वाधिक उत्पादन भारत में होता है।  इसकी खेती भारत में केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु में ज्यादातर की जाती है। हर साल भारत से लगभग 20 करोड़ का निर्यात विदेशों में काली मिर्च का किया जा रहा है। इसमें विटामिन ए, विटामिन ई, विटामिन के, विटामिन सी और विटामिन बी6, थायमीन, नियासिन, सोडियम, पोटैशियम पाए जाते हैं जिससे इम्यूनिटी बढ़ती है। काली मिर्च सर्दी-खांसी और वायरल फ्लू से रक्षा करता है। साथ ही भारत से हर साल इसका निर्यात किया जाता है, इसलिए आजकल किसानों के बीच में इसकी खेती के लिए रुझान बढ़ता जा रहा है।

कैसे करें काली मिर्च की खेती? (How to cultivate black pepper?)

जलवायु : काली मिर्च की खेती के लिए गरम और आर्द्र जलवायु सबसे उत्तम माना जाता है जहाँ का तापमान 20 से 30 °C के बीच होता है। काली मिर्च की फसल कम से कम 10.0 °C और ज्यादा से ज्यादा 40.0 °C तापमान सहन कर सकती है।

मिट्टी : काली मिर्च की खेती के लिए सभी प्रकार की मिटटी उपयुक्त होती है पर इसकी खेती के लिए सूखी, उपजाऊ और लाल मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। जिसकी जल धारण क्षमता अच्छी हो ताकि पौधों की जड़ें गलने या खराब होने की संभावनाएं न हो। काली मिर्च की खेती के लिए मिट्टी का पी.एच. मान 5 से 6.5 के मध्य ही होना चाहिए।

उचित समय : काली मिर्च की बुवाई के लिए वैज्ञानिकों के अनुसार सितंबर महीनें में बुवाई करना अच्छा होगा।

इसकी बुवाई के लिए काली मिर्च को कलम विधि से काटकर या रोपित करके भी लगा सकते हैं।

उन्नत किस्में : काली मिर्च की उन्नत किस्मों में पन्नियूर 1, पन्नियूर 2, पन्नियूर 3, पन्नियूर 4, पन्नियूर 5, सुभाकरा, श्रीकरा, पंचमी, पौरनामी आदि किस्में शामिल हैं।

बुवाई का सही समय और तरीका : काली मिर्च की कलम द्वारा रोपाई करने के लिए उचित समय सितंबर माह के मध्य का होता है। रोपण के बाद हल्की सिंचाई करनी चाहिए। काली मिर्च में बुवाई के लिए कलमों का उपयोग करते हैं। काली मिर्च के पौधे की एक या दो कलमों को काटकर रोपित किया जाता है। इनके कलमों को एक कतार में लगाते हैं इसके लिए कतारों के बीच की दूरी का ध्यान रखें ताकि पौधें को पर्याप्त स्थान मिल सके। लगभग एक एकड़ में 666 पौधे लगाएं जानें चाहिए। इसके एक पौधे से लगभग 25 - 30 साल तक उपज ले सकते हैं। काली मिर्च की बेल को खम्भे या फिर लकड़ी का सहारा देकर चढ़ाई करते हैं।वैसे तो काली मिर्च का पौधा 30 से 45 मीटर तक की ऊंचाई पर चढ़ सकते हैं पर इससे फलों को आसानी से तोड़ने के लिए इसकी बेल को मात्र 8 से 9 मीटर की ऊंचाई तक ही बढऩे देते हैं।

सिंचाई प्रबंधन : काली मिर्च की फसल में नवंबर-दिसंबर महीनें से लेकर मार्च महीनें के अंत तक लगातार सिंचाई करते रहना चाहिए। फिर मानसून आने पर काली मिर्च में सिंचाई रोक देनी चाहिए, इससे फसल की उपज 50% तक बढ़ जाती है। गर्मी के मौसम में हर दूसरे दिन पर सिंचाई करनी चाहिए।

खरपतवार नियंत्रण : काली मिर्च में खरपतवार नियंत्रण के लिए दो बार अच्छे से खेत की खुदाई करें।  पहली मई से जून के महीने में करें और दूसरा अक्टूबर से नवंबर महीने में करिए। काली मिर्च में फसलों के बेहतर विकास और अधिक उपज पानें के लिए निराई-गुड़ाई करनी चाहिए।

काली मिर्च में रोग प्रबंधन :

पछेती झुलसा रोग: यह एक फफूंदजनित रोग है जो पौधे की जड़ों और तनों को प्रभावित करता है।इसके कारण फसल की पत्तियों में पीलापन हो जाता है और बाद में पत्तियाँ मुरझा जाती है।  इसके अलावा इसके निचले तनों पर काले धब्बे पड़ने लगते हैं। इसके नियंत्रण के लिए कृषि विशेषज्ञों के परामर्श से फफूंदनाशी का प्रयोग करें।

पत्ती धब्बा रोग : यह फफूंद द्वारा फैलने वाला रोग है जो काली मिर्च की पत्तियों, तनों और फलों को प्रभावित करता है। पत्तियों और फलों पर छोटे, गोलाकार धब्बे दिखाई पड़ते हैं जो बाद में भूरे या काले रंग में परिवर्तित हो जाते हैं। इसके नियंत्रण के लिए कृषि विशेषज्ञों के परामर्श से फफूंदनाशी का प्रयोग करें।

काली मिर्च में कीट प्रबंधन :

मीलीबग : ये छोटे, सफेद कीट होते हैं जो पौधे के रस पर जिन्दा रहते हैं। यह कीट पत्तियों का रास चूस लेते हैं जिसके कारण पतियाँ पीली पद जाती हैं और उनका विकास रुक जाता है साथ ही यह पौधे पर एक चिपचिपा अवशेष निकलता है। इसके नियंत्रण के लिए कृषि विशेषज्ञों के परामर्श से कीटनाशक का प्रयोग कर सकते हैं।

थ्रिप्स : ये छोटे-छोटे चूसक कीट होते हैं हैं जो पौधे की पत्तियों और फूलों का रस चूस लेते हैं। इनके कारण पत्तियों और फूल पर एक चांदी सिकुड़ जाते हैं। इसके नियंत्रण के लिए कृषि विशेषज्ञों की सलाह से कीटनाशक का उपयोग कर सकते हैं।

सफेद मक्खियाँ : यह सफेद मक्खी कीट पौधे के रस चूसती है जिससे पत्तियों का रंग पीला हो जाता है, और पौधे के वृद्धि में देरी हो जाती है और यह कीट पौधे पर एक चिपचिपा अवशेष निकलता है। इस कीट के नियंत्रण के लिए कृषि विशेषज्ञ की सलाह से उचित कीटनाशक का उपयोग कर सकते हैं।

क्या आप काली मिर्च की खेती करना चाहते हैं? अपना जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट करके बताएं। इसी तरह की अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए 'कृषि ज्ञान' चैनल को अभी फॉलो करें। और अगर पोस्ट पसंद आयी तो इसे लाइक करके अपने किसान दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Question (FAQs)

Q: काली मिर्च की खेती कौन से महीने में की जाती है?

A: काली मिर्च के पौधों की रोपाई सितंबर महीनें में की जाती है, इस समय मौसम नम होता है तथा बारिश भी होती है। इसलिए ये सबसे उचित समय होता है।

Q: काली मिर्च का पौधा कितने दिन में फल देनें लगता है?

A: काली मिर्च का पौधा रोपण के तीन साल बाद उपज देना शुरू कर देता है। एक पौधे से लगभग एक किलोग्राम काली मिर्च हर साल निकलती है।

Q: काली मिर्च के बीज कैसे उगाएं?

A: काली मिर्च की अच्छी किस्म के बीज लें उसके बाद उन बीजों को बोने के लिए सीडलिंग ट्रे में जैविक खाद मिलाकर अच्छे से मिक्स कर दें। उसके बाद सीडलिंग ट्रे से बीजों को गमले में लगभग ½ इंच गहराई में बुवाई कर उसमें पानी डालें और गमले को धूप वाले स्थान पर रख दें।

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