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14 Apr
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'देहात स्टार्टर' से लाएं फसलों में नई जान | Enhance Your Crop Cultivation with DeHaat Starter

फसलों की बेहतर उपज प्राप्त करने के लिए धड़ल्ले से रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग किया जा रहा है। लेकिन लम्बे समय तक रासायनिक उत्पादों के प्रयोग से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। रासायनिक उर्वरकों से होने वाले दुष्प्रभाव को ध्यान में रखते हुए इन दिनों जैविक उत्पादों की तरफ किसानों का रुझान बढ़ने लगा है। अगर आप भी जैविक उत्पादों का प्रयोग कर के फसलों की उपज एवं गुणवत्ता बढ़ाना चाहते हैं तो 'देहात स्टार्टर' एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। 'देहात स्टार्टर' की विशेस्ताएं, इससे होने वाले लाभ एवं इसकी उचित मात्रा की जानकारी के लिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें।

'देहात स्टार्टर' की विशेषताएं | Features of DeHaat Starter

  • यह एक माइकोराइजा-आधारित उत्पाद है, जिसमें 90% एंडो-माइकोराइजा और फंगल फिलामेंट्स हैं।
  • इस उत्पाद में ग्लोमस जीनस फंगस की कुछ प्रमुख प्रजातियां होती हैं।
  • स्टार्टर उत्पाद दानेदार होता है। इसलिए इसको इस्तेमाल करने में आसानी होती है।
  • यह उत्पाद फसलों के साथ बहुत जल्दी सहजीवी ताल-मेल बनाता है।
  • फसलों में 'स्टार्टर' के प्रयोग से हमारे स्वास्थ्य पर किसी तरह बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है।
  • इसके इस्तेमाल से पर्यावरण और मिट्टी पर किसी तरह का प्रतिकूल असर नहीं होता है।

फसलों में 'देहात स्टार्टर' इस्तेमाल करने के लाभ | Benefits of Using DeHaat Starter

  • स्टार्टर के प्रयोग से फसल में पोषक तत्वों एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की पूर्ति होती है।
  • 'देहात स्टार्टर' पौधों के विकास में सहायक है।
  • इसके इस्तेमाल से फसल की पैदावार और गुणवत्ता बढ़ती है।
  • इसके इस्तेमाल से फसलों में फलों, फूलों की संख्या के साथ टिलर और कंदों की संख्या में भी बढ़ोतरी होती है।
  • यह मिट्टी में नमी की मात्रा को बनाए रखने में सहायक है।
  • इसके इस्तेमाल से फसल की रोग प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है।
  • देहात स्टार्टर का प्रयोग करने से पौधों की जड़ें मजबूत होती हैं। जिससे जड़ों की पोषक तत्वों को अवशोषित करने की क्षमता बढ़ती है और जड़ें पोषक तत्वों को अच्छे से ग्रहण करती हैं।

फसलों में 'देहात स्टार्टर' इस्तेमाल करने की उचित मात्रा | Dosage of DeHaat Starter

  • आलू एवं गन्ने की फसल में 8 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें।
  • अन्य सभी फसलों में प्रति एकड़ खेत में 4 किलोग्राम मात्रा का प्रयोग करें।
  • बाजार में यह उत्पाद 1 किलोग्राम और 4 किलोग्राम के पैकेट में उपलब्ध है।

'देहात स्टार्टर' के इस्तेमाल के समय रखें इन बातों का ध्यान | Things to Keep in Mind While Using DeHaat Starter

  • स्टार्टर के प्रयोग के समय मिट्टी में हल्की नमी बनाए रखने से बेहतर परिणाम मिलते हैं।
  • खेत तैयार करने के अलावा निराई-गुड़ाई के समय भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

क्या आपने कभी फसलों में 'देहात स्टार्टर' उत्पाद का प्रयोग किया है? अपने जवाब हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। देहात उत्पादों की अधिक जानकारी के लिए 'देहात' चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: फसल की उपज कैसे बढ़ा सकते हैं?

A: फसल की पैदावार बढ़ाने के कई तरीके हैं। हम उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का उपयोग करके, फसलों को कई घातक रोग एवं कीटों के प्रकोप से बचा कर, सही समय पर सिंचाई एवं उर्वरकों का प्रयोग करके फसलों की उपज बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा सही समय पर फसलों की बुवाई और कटाई के द्वारा भी हम फसलों की उपज को बढ़ा सकते हैं।

Q: जैविक उर्वरक क्या है?

A: जैविक उर्वरक को पशुओं के मूत्र एवं गोबर के साथ घास, सूखी पत्तियों, फसलों के अवशेष, फलों के छिलके, आदि प्राकृतिक स्रोतों से तैयार किया जाता है। यह सिंथेटिक रसायनों से मुक्त होने के साथ फसलों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है। इसके साथ ही यह सूक्ष्मजीवों के विकास में सहायक है। जिससे मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार होता है।

Q: जैविक उर्वरक कैसे काम करते हैं?

A: प्राकृतिक स्रोतों से बने होने के कारण जैविक उर्वरकों में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम के साथ कैल्शियम, मैग्नीशियम और सल्फर जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व भी पाए जाते हैं। फसलों में इसके प्रयोग से फसलों को पोषक तत्वों की निरंतर आपूर्ति होती है। इसके साथ ही मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी सहायक है।

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