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किसान डॉक्टर
3 July
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आम के नये पौधों में लगने वाले रोग एवं उनका प्रबंधन (Diseases in new mango plants and their management)


नए लगाए गए आम के पेड़ विभिन्न रोगों जैसे एन्थ्रेक्नोज, पाउडर फफूंदी, मरने, जड़ सड़न और बैक्टीरियल ब्लैक स्पॉट की चपेट में हैं। ये रोग पौधे की पत्तियों, शाखाओं और फलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इन बीमारियों का प्रबंधन करने के लिए, संक्रमित पौधों के हिस्सों को हटाना और कवकनाशी या तांबा-आधारित कवकनाशी लागू करना महत्वपूर्ण है। अच्छी स्वच्छता प्रथाएं, जैसे सफाई उपकरण और उपकरण, बीमारियों के प्रसार को रोकने में भी मदद कर सकते हैं। उचित पोषण और पानी देने से भी आम के पौधों में बीमारियों को रोकने में मदद मिल सकती है।

आम के नये पौधों में कौन से रोग लगते हैं? (Which diseases affect new mango plants?)

  1. एन्थ्रेक्नोज (Anthracnose)

लक्षण:

  • पत्तियों, टहनियों, फूलों और फलों पर काले धब्बे।
  • पत्तियों पर काले धब्बे फैल कर बड़े हो जाते हैं और पत्तियां गिरने लगती हैं।
  • फूल और छोटे फल झड़ जाते हैं।

प्रबंधन:

  • संक्रमित टहनियों और पत्तियों को काटकर नष्ट करें।
  • बोर्डो मिश्रण (1%) या कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (0.3%) का छिड़काव करें।
  • पौधों के आसपास अच्छी तरह से वायु संचार बनाए रखें।
  1. पाउडरी मिल्ड्यू (Powdery Mildew)

लक्षण:

  • पत्तियों, टहनियों और फूलों पर सफेद पाउडर जैसा आवरण।
  • प्रभावित हिस्सों में विकृति और गिरावट।

प्रबंधन:

  • सल्फर आधारित फफूंदनाशक (0.2%) या डाइनोकेप (0.1%) का छिड़काव करें।
  • संक्रमण के प्रारंभिक चरण में ही उपचार करें।
  • साबू (कार्बेन्डाजिम 12% + मैन्कोज़ेब 63% WP) दवा को 300 से 600 ग्राम प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • हेक्साकोनाज़ोल 5% एससी दवा को आम के पेड़ों पर 2 मि.ली. प्रति लीटर पानी में अच्छे से मिलाकर छिड़काव करें।
  1. रेड रस्ट (Red Rust)

लक्षण:

  • पत्तियों के ऊपरी सतह पर लाल-नारंगी रंग के धब्बे।
  • पत्तियों का गिरना और शाखाओं की सूखना।

प्रबंधन:

  • बोर्डो मिश्रण (1%) का छिड़काव करें।
  • संक्रमण के शुरुआती लक्षण दिखने पर तुरंत उपचार करें।
  1. बॅक्टेरियल ब्लाइट (Bacterial Blight)

लक्षण:

  • पत्तियों पर छोटे, गहरे भूरे रंग के धब्बे।
  • धब्बे बढ़कर पत्तियों की विकृति और गिरावट का कारण बनते हैं।

प्रबंधन:

  • संक्रमित पत्तियों और टहनियों को काटकर नष्ट करें।
  • कॉपर ऑक्सीक्लोराइड (0.3%) का छिड़काव करें।
  1. अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट (Alternaria Leaf Spot)

लक्षण:

  • पत्तियों पर छोटे, गोल, गहरे भूरे रंग के धब्बे।
  • धब्बे बढ़कर पत्तियों की गिरावट का कारण बनते हैं।

प्रबंधन:

  • बोर्डो मिश्रण (1%) या मैन्कोजेब (0.25%) का छिड़काव करें।
  • पौधों के आसपास की सफाई का ध्यान रखें।
  1. सॉफ्ट रोट (Soft Rot)

लक्षण:

  • पौधों के तनों और फलों पर सॉफ्ट रोटिंग दिखाई देता है।
  • आम के पौधे के प्रभावित हिस्से नरम होकर सड़ने लगते हैं।

प्रबंधन:

  • पौधों के आसपास अच्छी जल निकासी बनाए रखें।
  • बोर्डो मिश्रण (1%) या थायोफेनेट मिथाइल (0.1%) का छिड़काव करें।

सामान्य प्रबंधन उपाय: नए लगाए गए आम के पौधे विभिन्न बीमारियों की चपेट में आते हैं, और स्वस्थ विकास सुनिश्चित करने के लिए उनका प्रबंधन महत्वपूर्ण है। यहाँ कुछ सामान्य रोग प्रबंधन उपाय दिए गए हैं:

  • फसल चक्र: प्रत्येक मौसम में एक विशेष क्षेत्र में विभिन्न फसलें लगाकर मिट्टी में रोग पैदा करने वाले जीवों के निर्माण को कम करना शामिल है।
  • साफ-सफाई: संक्रमित पौधों के हिस्सों को हटाना और नष्ट करना, सफाई उपकरणों को स्वच्छ रखना और स्वच्छ बढ़ते वातावरण को बनाए रखना शामिल है।
  • रोग प्रतिरोधी किस्मों का उपयोग: रोग प्रतिरोधी किस्मों को लगाने से रोगों की घटनाओं और गंभीरता को कम करने में मदद मिल सकती है।
  • रासायनिक नियंत्रण: बीमारियों के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कवकनाशी, जीवाणुनाशक और अन्य रसायनों का उपयोग शामिल है।
  • जैविक नियंत्रण: बैक्टीरिया और कवक जैसे लाभकारी सूक्ष्मजीवों का उपयोग करके बीमारियों के प्रसार को नियंत्रित करना शामिल है।
  • सांस्कृतिक प्रथाएं: उचित सिंचाई, निषेचन और छंटाई जैसी प्रथाओं को अपनाकर पौधों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और बीमारियों की घटनाओं को कम करना शामिल है।
  • जल प्रबंधन: उचित सिंचाई के साथ पौधों को तनाव मुक्त रखना और जलभराव से बचना आवश्यक है। ज्यादा या कम पानी देने से पौधे बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।
  • निषेचन: उचित निषेचन पौधों की स्वस्थ वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। अनुशंसित निषेचन अनुसूची का पालन करें और अति-निषेचन से बचें, क्योंकि इससे पोषक तत्वों का असंतुलन हो सकता है।
  • छंटाई: पौधे को आकार देने और स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने के लिए छंटाई महत्वपूर्ण है। अनुशंसित छंटाई प्रथाओं का पालन करें और अत्यधिक छंटाई से बचें, क्योंकि इससे पौधे को नुकसान हो सकता है और वे बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकते हैं।
  • कीट प्रबंधन: कीटों के लिए पौधे की नियमित निगरानी करें और उन्हें नियंत्रित करने के उचित उपाय अपनाएं, क्योंकि कीट नए आम के पौधों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और उन्हें बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकते हैं।

रोकथाम हमेशा इलाज से बेहतर होती है। इसलिए, उचित सिंचाई, निषेचन और छंटाई प्रथाओं को बनाए रखते हुए रोग प्रतिरोधी किस्मों को रोपने से आम के नए पौधों में बीमारियों की घटना को रोकने में मदद मिल सकती है।

क्या आप आम की फसल में रोगों से परेशान हैं? अपना जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट करके बताएं। इसी तरह की अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए 'किसान डॉक्टर' चैनल को अभी फॉलो करें। और अगर पोस्ट पसंद आयी तो इसे लाइक करके अपने किसान मित्रों के साथ साझा करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: आम में बौर आने के बाद क्या करना चाहिए?

A: आम के फूल खिलने के बाद अच्छी उपज सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित काम करना चाहिए: पेड़ों की छंटाई करें और पेड़ों को उचित मात्रा में खाद दें। समय-समय पर सिंचाई करें कीटों और बीमारियों पर नियंत्रण रखें और अगर पेड़ पर बहुत अधिक फल हैं, तो उन्हें पतला करें ताकि बाकी फल अच्छे आकार में बढ़ सकें।

Q: आम के पेड़ में कौन-कौन से रोग लगते हैं?

A: आम के पेड़ में विभिन्न प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं, जो इसके विकास और उपज को प्रभावित करती हैं। इनमें प्रमुख बीमारियां हैं: एन्थ्रेक्नोज, पाउडर फफूंदी, चूर्णिल आसिता, डाई बैक।

Q: आम के फल फटने का मुख्य कारण क्या है?

A: आम के फल फटने के कई कारण हो सकते हैं: पानी की कमी, कैल्शियम की कमी, बोरॉन की कमी, तापमान और आर्द्रता इन सभी समस्या के कारण हो सकते हैं।

Q: आम में सबसे अच्छा उर्वरक कौन सा होता है?

A: आम के वृक्षों में डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी), यूरिया और म्यूरेट आफ पोटाश (एमओपी) के साथ अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद का भी इस्तेमाल करना चाहिए। इसके अलावा जिंक, कॉपर और बोरॉन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों का प्रयोग भी लाभदायक साबित होता है। उर्वरकों की मात्रा पौधों/वृक्षों की आयु पर निर्भर करती है।

Q: आम की अच्छी पैदावार के लिए क्या करें?

A: आम की अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए मंजर आने से पहले सिंचाई का कार्य बंद कर दें। सिंचाई करने से पौधों में नई पत्ती निकलने लगती हैं, जिससे मंजर कम या नहीं बनते हैं। मंजर आने के बाद फलों के परिपक्व होने तक बाग में उचित मात्रा में नमी बनाए रखें।

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