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11 Dec
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बैंगन में खाद और उर्वरक प्रबंधन (Fertilizer Management in Brinjal)


बैंगन की फसल में खाद और उर्वरक प्रबंधन फसल की उपज और गुणवत्ता बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। सही खाद प्रबंधन से पौधों की वृद्धि तेज होती है और उसमें रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। बैंगन में खाद और उर्वरकों का उपयोग मिट्टी की उर्वरता, फसल की किस्म, जलवायु और विकास चरणों के अनुसार करना चाहिए। इस लेख में हम आपको बैंगन की बुवाई से लेकर तुड़ाई तक, हर चरण में किए जाने वाले खाद और उर्वरक प्रबंधन की पूरी जानकारी देंगे, जिससे आप अधिक उपज और बेहतर गुणवत्ता प्राप्त कर सकें।

कैसे करें बैंगन में खाद प्रबंधन? (How to manage fertilizer in brinjal?)

बेसल डोज (Basal Dose)

  • गोबर की सड़ी खाद: 100-125 क्विंटल प्रति एकड़ डालें। यह मिट्टी की जैविकता को बढ़ाता है और जड़ों को मजबूत बनाता है।
  • यूरिया (Urea): 96 किलोग्राम में से केवल 1/3 हिस्सा बेसल डोज के रूप में डालें। बाकी बची हुई यूरिया को दो बराबर हिस्सों में विभाजित करें और 25-30 दिन तथा 45-50 दिन बाद पौधों में डालें।
  • डाई-अमोनियम फॉस्फेट (DAP): 87 किलोग्राम प्रति एकड़ बेसल डोज के रूप में डालें। यह फास्फोरस का मुख्य स्रोत है, जो जड़ों को मजबूत और पौधों को स्वस्थ बनाता है।
  • म्यूरेट ऑफ पोटाश (MOP): 40 किलोग्राम पूरी मात्रा में बेसल डोज के रूप में डालें। यह पोटाश की पूर्ति करता है, जो पौधों की वृद्धि और फलन में मदद करता है।
  • स्टार्टर: 4 किलोग्राम प्रति एकड़ डालें। यह फसल की शुरुआती वृद्धि को प्रोत्साहित करता है और पौधों को मजबूत बनाता है।

वृद्धि की अवस्था (Vegetative Growth Stage): यह वह समय है जब बैंगन के पौधे तेजी से बढ़ते हैं और वृद्धि में मदद के लिए नाइट्रोजन की अधिक आवश्यकता होती है। इस चरण में उर्वरकों का सही उपयोग महत्वपूर्ण है।

  • यूरिया (Urea): 25 किलोग्राम प्रति एकड़। इसे रोपाई के 20 दिन बाद देना चाहिए। यह नाइट्रोजन प्रदान करता है, जिससे पत्तियां हरी और तने मजबूत होते हैं, और पौधों का विकास बेहतर होता है।
  • सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP): 50 किलोग्राम प्रति एकड़। यह फास्फोरस का स्रोत होता है, जो जड़ों की वृद्धि को बढ़ावा देता है और पौधों को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
  • Ikkon HS (ह्यूमिक एसिड): 2 से 3 एम.एल प्रति लीटर पानी की दर से और चेलेटेड माइक्रोन्यूट्रिएंट 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। यह पौधों को सूक्ष्म पोषक तत्वों से लाभ पहुंचाता है।
  • NPK 19:19:19 / 20:20:20: 5 ग्राम को 1 लीटर पानी में मिलाकर पौधों पर छिड़काव करें। यह नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की तुरंत जरूरत पूरी करता है, जिससे पौधे स्वस्थ और मजबूत होते हैं। इसे ड्रिप या सिंचाई के पानी से भी दिया जा सकता है।

फूल की अवस्था (Flowering Stage): फूलने का चरण बैंगन की फसल के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस समय फसल की उत्पादन क्षमता का निर्धारण होता है। इस चरण में पौधों को फास्फोरस और पोटाश की अधिक आवश्यकता होती है, जो फूलों की वृद्धि और फल सेटिंग को बेहतर बनाते हैं।

  • मोनो अमोनियम फॉस्फेट (12:61:00): 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर पत्तियों पर छिड़काव करें। यह फास्फोरस की पूर्ति करता है, जो फूलों की वृद्धि को बढ़ावा देता है और फल सेटिंग में सुधार करता है।
  • न्यूट्री वन बूस्ट मास्टर (Boost Master): 2 से 3 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर उपयोग करें। इसके उपयोग से फूलों के विकास को बढ़ाता है और उन्हें गिरने से भी बचाता है, जिससे अच्छी पैदावार होती है।

फल बनने की अवस्था (Fruiting Stage): यह वह समय है जब बैंगन के पौधों में फल आने लगते हैं और अब फसल को पोटाश और फास्फोरस की अधिक आवश्यकता होती है। इस दौरान उर्वरकों का सही प्रबंधन फल के आकार, गुणवत्ता और उपज को प्रभावित करता है।

  • NPK 13:00:45: 5  ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। यह फास्फोरस और पोटाश की आपूर्ति करता है, जिससे पौधों का स्वस्थ विकास और बेहतर वृद्धि संभव हो पाती है। यह फल के आकार और गुणवत्ता को बढ़ाता है।
  • 00:52:34): 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर फल आने के समय पर छिड़काव करें। यह फूलों के बाद पौधों की गुणवत्ता और पैदावार बढ़ाने में मदद करता है।
  • DOT (डायसोडियम ऑक्टा-बोरेट टेट्राहाइड्रेट): 20% को 150-200 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। यह फल की गुणवत्ता और आकार को सुधारने में सहायक होता है।

आप बैंगन में कौन-कौन से खाद और उर्वरक का उपयोग करते हैं? हमें कमेंट करके जरूर बताएं। ऐसी और जानकारी पाने के लिए कृषि ज्ञान चैनल को फॉलो करें। अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे लाइक करें और अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: बैंगन की खेती कौन से महीने में की जाती है?

A: बैंगन की खेती सबसे उपयुक्त जून से अक्टूबर तक होती है। इस दौरान मौसम और तापमान बैंगन के पौधों के लिए परफेक्ट होते हैं। अगर आप रबी सीजन में बैंगन उगाना चाहते हैं, तो अक्टूबर-नवंबर सबसे सही समय है, और खरीफ में यह जून से जुलाई तक लगाया जाता है।

Q: बैंगन कितने दिन में फल देने लगता है?

A: बैंगन की पौधों की रोपाई के लगभग 50 से 70 दिनों के बाद फल लगना शुरू हो जाते हैं। हालांकि, फलों के आने का समय पौधे की किस्म, जलवायु परिस्थितियों और खेती के तरीकों पर निर्भर करता है। कुछ किस्में जल्दी फल देती हैं, जबकि कुछ में समय थोड़ा ज्यादा लगता है।

Q: बैंगन की ग्रोथ कैसे बढ़ाएं?

A: बैंगन की अच्छी ग्रोथ के लिए जल प्रबंधन बेहद महत्वपूर्ण है। पानी का सही मात्रा में होना जरूरी है, ताकि जलजमाव से पौधे की जड़ें सड़ने से बच सकें। साथ ही, नियमित रूप से उर्वरक और कीटनाशक का सही समय पर छिड़काव करके पौधों को स्वस्थ और मजबूत रखें। पर्याप्त सूरज की रोशनी भी बैंगन की ग्रोथ में मदद करती है।

Q: बैंगन में कौन-कौन से रोग लगते हैं?

A: बैंगन में कई प्रकार के रोग हो सकते हैं, जैसे जीवाणु उकठा रोग, छोटी पत्ती रोग, मोजैक वायरस, और फलों का सड़न रोग। ये रोग बैंगन के उत्पादन को प्रभावित कर सकते हैं। इनसे बचाव के लिए समय पर कीटनाशक का इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है।

Q: बैगन में फल को मोटा करने के लिए क्या देना चाहिए?

A: बैंगन के फलों को मोटा करने के लिए सही समय पर उर्वरकों का प्रयोग करें। विशेषकर, फास्फोरस और पोटाश की मात्रा को बढ़ाएं, क्योंकि ये तत्व फल के आकार और वजन को बढ़ाने में मदद करते हैं। इसके अलावा, समय-समय पर पानी की सही मात्रा और संतुलित आहार बैंगन के फलों को मोटा और स्वस्थ बनाता है।

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