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16 Sep
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अदरक की फसल में उर्वरक प्रबंधन | Fertilizer Management in Ginger Crop

अदरक की खेती में उर्वरक प्रबंधन का महत्वपूर्ण योगदान होता है। यह न केवल फसल की वृद्धि में सहायक है, बल्कि उपज की गुणवत्ता और मात्रा को भी प्रभावित करता है। सही समय पर और उचित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करने से अदरक की जड़ों का आकार बड़ा और स्वस्थ होता है, जिससे बाजार में उनकी मांग और मूल्य में वृद्धि होती है। इसके अलावा, उर्वरक प्रबंधन से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है, जो कि फसल के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करती है। इस पोस्ट में, हम अदरक की फसल में उर्वरक प्रबंधन के महत्व, आवश्यक पोषक तत्वों की पहचान, और उनके सही उपयोग के तरीकों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

अदरक की फसल में पोषक तत्वों की कमी से होने वाले नुकसान | Problems Caused due to Lack of Fertilizers in Ginger Crop

  • उपज में कमी: पोषक तत्वों की कमी के कारण पौधों के विकास में बाधा आ सकती है। जिससे अदरक की फसल की उपज बुरी तरह प्रभावित हो सकती है।
  • गुणवत्ता में कमी: उचित मात्रा में पोषक तत्व नहीं मिलने के कारण अदरक की की गुणवत्ता धीरे-धीरे खराब होने लगती है।
  • कीटों एवं रोगों के प्रति संवेदनशीलता: पोषक तत्वों की कमी होने के कारण पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने लगती है। इस कारण पौधों में कीटों एवं रोगों के प्रकोप की संभावना बढ़ जाती है।
  • कटाई में देर: संतुलित मात्रा में पोषण नहीं मिलने के कारण पौधे धीमी गति से बढ़ते हैं। जिससे फसल को कटाई के लिए परिपक्व होने में अधिक समय लगता है।
  • मिट्टी की उपजाऊ क्षमता में कमी: लगातार जुताई एवं फसलों की खेती करने से मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की कमी होने लगती है। सही मात्रा में पोषक तत्वों का इस्तेमाल करने से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता बानी रहती है।

अदरक की फसल में उर्वरक प्रबंधन | Fertilizer Management in Ginger Crop

  • खेत तैयार करते समय प्रति एकड़ खेत में 10 टन गोबर की खाद का प्रयोग करें।
  • इसके साथ ही बेहतर पैदावार के लिए प्रति एकड़ खेत में 4 किलोग्राम ‘देहात स्टार्टर’ का भी प्रयोग करें।
  • खेत की आखिरी जुताई से पहले प्रति एकड़ खेत में 25 किलोग्राम यूरिया, 40 किलोग्राम डीएपी और 40 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश का प्रयोग करें।
  • कंदों की रोपाई के 30 दिनों बाद प्रति एकड़ खेत में 750 ग्राम एनपीके 19:19:19 का प्रयोग करें।
  • रोपाई के 45 दिनों बाद प्रति एकड़ खेत में 25 किलोग्राम यूरिया का प्रयोग करें।

फसलों में उर्वरकों के प्रयोग के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? | Things to Keep in Mind While Using Fertilizers for Crops

  • मिट्टी की जांच: उर्वरकों का प्रयोग करने से पहले, पोषक तत्व सामग्री और पीएच स्तर निर्धारित करने के लिए मिट्टी की जांच करना जरूरी है। इससे फसल के लिए आवश्यक उर्वरकों के प्रकार और उनकी उचित और मात्रा को निर्धारित करने में मदद मिलती है।
  • उर्वरकों का प्रकार: विभिन्न फसलों को उनकी पोषक तत्वों की आवश्यकताओं के आधार पर विभिन्न प्रकार के उर्वरकों का इस्तेमाल किया जाता है। फसल के लिए सही प्रकार के उर्वरक का चयन करना महत्वपूर्ण है। इसकी जानकारी के लिए आप कृषि विशेषज्ञों से संपर्क करें।
  • उर्वरकों की मात्रा: उर्वरकों की मात्रा फसल की पोषक तत्वों की आवश्यकताओं और मिट्टी की जांच के परिणामों पर आधारित होनी चाहिए।
  • उचित समय: बेहतर उपज प्राप्त करने के लिए उर्वरकों का प्रयोग सही समय पर करना चाहिए। खेत की तैयारी के समय उचित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करें। बुवाई के बाद भी 2-3 बार संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करने की सलाह दी जाती है।
  • उर्वरकों के प्रयोग की विधि: उर्वरकों को विभिन्न तरीकों जैसे प्रसारण, बैंडिंग या फर्टिगेशन के माध्यम से इस्तेमाल किया जा सकता है। उर्वरकों के प्रयोग की विधि को फसल की पोषक तत्वों की आवश्यकताओं और मिट्टी के प्रकार के आधार पर करना चाहिए।
  • भंडारण: उर्वरकों की प्रभावशीलता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठीक से संग्रहीत करने की आवश्यकता है। उर्वरकों को सीधे धूप में न रखें। इन्हें नमी से दूर सूखी और ठंडी जगह पर रखना चाहिए।

अधिक मात्रा में उर्वरकों के प्रयोग से होने वाले नुकसान | Effects of Excessive Use of Fertilizers

  • मृदा क्षरण: आवश्यकता से अधिक उर्वरकों के उपयोग से मिट्टी का क्षरण हो सकता है, क्योंकि  इससे मिट्टी की संरचना को बदल सकती है और मिट्टी की उर्वरता में भी कमी हो सकती है। इससे यह फसल की पैदावार में कमी होने का एक बड़ा कारण बन सकता है। इसके साथ ही इससे मिट्टी का कटाव बढ़ सकता है।
  • पर्यावरण प्रदूषण: उर्वरकों के अधिक उपयोग से पर्यावरण प्रदूषण हो सकता है। उर्वरकों में मौजूद अतिरिक्त पोषक तत्व भूजल और सतह के पानी में मिल सकते हैं, जिससे यूट्रोफिकेशन और हानिकारक शैवाल की वृद्धि हो सकती है।
  • स्वास्थ्य के लिए हानिकारक: उर्वरकों के अधिक उपयोग से फसलों में नाइट्रेट का संचय हो सकता है। अधिक मात्रा में ऐसे फसलों का सेवन करना मानव स्वास्थ्य एवं पशु स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।
  • जैव विविधता में कमी: उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी में मौजूद लाभकारी सूक्ष्मजीवों की संख्या में कमी हो सकती है। जो जैव विविधता में कमी का एक बड़ा कारण है।
  • लागत में वृद्धि: आवश्यकता से अधिक मात्रा में उर्वरकों के उपयोग से कृषि में होने लागत में वृद्धि हो सकती है।
  • जलवायु परिवर्तन: उर्वरकों का उत्पादन और उपयोग जलवायु परिवर्तन में योगदान कर सकता है, क्योंकि इसमें बड़ी मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है और कार्बन डाइऑक्साइड और नाइट्रस ऑक्साइड जैसी ग्रीनहाउस गैसों को छोड़ती है।

क्या आप अदरक की फसल में उर्वरकों के प्रयोग से पहले मिट्टी की जांच कराते हैं? अपने जवाब हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। हमें उम्मीद है इस पोस्ट में दी गई जानकारी आपके लिए लाभकारी साबित होगी। यदि आपको यह जानकारी पसंद आई है तो इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ जानकारी साझा करें। जिससे अधिक से अधिक लोग इस जानकारी का लाभ उठा सकें और अदरक की फसल में उचित मात्रा में पोषक तत्त्वों का प्रबंधन कर, फसल से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकें। बेहतर फसल प्राप्त करने के लिए इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए 'कृषि ज्ञान' चैनल को तुरंत फॉलो करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: अदरक में कौन सी खाद डालें?

A: अदरक को एक संतुलित उर्वरक की आवश्यकता होती है जिसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम संतुलित मात्रा में होते हैं। इसके अतिरिक्त, मिट्टी की उर्वरता में सुधार और फसल को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने के लिए खाद, गाय की खाद और पोल्ट्री खाद जैसे जैविक उर्वरकों का भी प्रयोग किया जा सकता है।

Q: अदरक का उत्पादन कैसे बढ़ाएं?

A: अदरक का उत्पादन बढ़ाने के लिए रोपाई के लिए स्वस्थ और रोग मुक्त बीज प्रकंद का चयन करना महत्वपूर्ण है। मिट्टी अच्छी तरह से सूखी और कार्बनिक पदार्थों से भरपूर होनी चाहिए। पर्याप्त सिंचाई, उर्वरकों का समय पर अनुप्रयोग और उचित खरपतवार प्रबंधन भी उच्च पैदावार के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अतिरिक्त, फसल चक्र अपनाना और फलियों के साथ इंटरक्रॉपिंग मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार और अदरक उत्पादन बढ़ाने में सहायक साबित हो सकता है।

Q: अदरक को बढ़ने के लिए किन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है?

A: अदरक के बेहतर विकास और उपज के लिए कई तरह के पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे मुख्य पोषक तत्वों के अतिरिक्त, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, जिंक, मैंगनीज, कॉपर और सल्फर जैसी सूक्ष्म पोषक तत्वों की भी आवश्यकता होती है। अदरक के पौधों की स्वस्थ वृद्धि और विकास के लिए भी ये समान रूप से महत्वपूर्ण है।

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