अमरूद में उर्वरक प्रबंधन | Fertilizer Management in Guava

अमरूद एक ऐसा फल है जो अपने स्वाद और पोषण गुणों के कारण फलों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इसमें मौजूद पोषक तत्वों के कारण ही इसे ‘गरीबों का सेब’ भी कहा जाता है। यह विटामिन सी, विटामिन ए, फाइबर, और एंटीऑक्सीडेंट्स का समृद्ध स्रोत है। किसानों को अमरूद की खेती से कमाई भी अच्छी होती है। इसकी अच्छी पैदावार के लिए सही समय पर और संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करना बहुत जरूरी है। आज के इस पोस्ट के माध्यम से हम अमरूद में खाद का प्रयोग से होने वाले लाभ और उर्वरकों की उचित मात्रा की जानकारी प्राप्त करेंगे।
अमरूद की फसल में उर्वरकों के प्रयोग से होने वाले लाभ | Benefits of Using Fertilizers in Guava
- फसल की गुणवत्ता में सुधार: उर्वरकों का सही मात्रा में और समय पर प्रयोग अमरूद की फसल की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है। इससे फलों का आकार, स्वाद, रंग और भंडारण क्षमता में वृद्धि होती है।
- उत्पादन में वृद्धि: नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश जैसे आवश्यक पोषक तत्वों का संतुलित उपयोग पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देता है, जिससे उत्पादन अधिक होता है। पौधे मजबूत बनते हैं और फलों की संख्या में भी वृद्धि होती है।
- जड़ों को मजबूती: फॉस्फोरस जैसे तत्व पौधों की जड़ों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। इससे पौधों की जड़ें गहरी और मजबूत होती हैं, जिससे वे मिट्टी से अधिक पोषक तत्व और पानी ग्रहण कर पाते हैं।
- रोगों और कीटों से सुरक्षा: संतुलित मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करने से पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। जिससे पौधे मजबूत एवं स्वस्थ होते हैं और पौधों में रोगों एवं कीटों के प्रकोप की संभावना में कमी आती है।
अमरूद के पौधों में उर्वरक प्रबंधन | Fertilizer management in guava plants
अमरूद के पौधों में उनकी आयु के अनुसार उर्वरकों का प्रयोग किया जाता है। छोटे पौधों में उर्वरकों की आवश्यकता कम होती है और पौधों के विकास के साथ उर्वरकों की मात्रा भी बढ़ती है।
- 1 वर्ष के पौधों के लिए उर्वरकों की मात्रा: प्रत्येक पौधे में 5-8 किलोग्राम गोबर की खाद, 217 ग्राम यूरिया, 108 ग्राम डीएपी और 83 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश का प्रयोग करें।
- 2 वर्ष के पौधों के लिए उर्वरकों की मात्रा: प्रत्येक पौधे में 10 किलोग्राम गोबर की खाद, 434 ग्राम यूरिया, 216 ग्राम डीएपी और 166 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश की आवश्यकता होती है।
- 3 वर्ष के पौधों के लिए उर्वरकों की मात्रा: प्रत्येक पौधे के लिए 15-25 किलोग्राम गोबर की खाद, 651 ग्राम यूरिया, 324 ग्राम डीएपी और 259 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश आवश्यक है।
- 5 वर्ष के पौधों के लिए उर्वरकों की मात्रा: प्रत्येक पौधे में 40-50 किलोग्राम गोबर की खाद, 1,085-1,400 ग्राम यूरिया, 542-700 ग्राम डीएपी और 417-626 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश का प्रयोग करें।
फसलों में उर्वरकों के प्रयोग के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? | Things to Keep in Mind While Using Fertilizers for Crops
उर्वरकों का प्रयोग करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
- उर्वरकों के प्रयोग का सही समय: शुरुआती 4 वर्षों तक जून महीने में गोबर की खाद का प्रयोग करें। यूरिया, डीएपी और एमओपी को तीन बराबर भागों में बांट कर जुलाई, सितंबर और फरवरी के महीनों में प्रयोग करें। बाहर उपचार के दौरान यानी जब सिंचाई बंद हो जाती है, तो गोबर की खाद के साथ यूरिया की आधी खुराक और डीएपी और एमओपी की पूरी खुराक दी जानी चाहिए। यूरिया की बची हुई आधी मात्रा फल लगने के 1 से 1.5 महीने बाद दी जाती है।
- पौधों की अवस्था के अनुसार उर्वरकों का प्रयोग: उर्वरकों का प्रयोग पौधों की अवस्था के अनुसार करना बहुत जरूरी है। अमरूद के पौधों के विकास के समय नाइट्रोजन की अधिक आवश्यकता होती है, वहीं फूल आने के समय फास्फोरस और पोटाश का महत्व बढ़ जाता है। इसलिए उर्वरक का प्रयोग फसल के विकास के चरण के अनुसार करना चाहिए।
- उर्वरक की मात्रा का संतुलन: अमरूद की फसल में उर्वरकों की मात्रा संतुलित होनी चाहिए। अधिक मात्रा में नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों के प्रयोग से पौधों में पत्तियों की वृद्धि हो सकती है, जिससे फूल और फल कम बनते हैं। इसलिए बेहतर पैदावार के लिए सभी तरह के खाद एवं उर्वरकों की मात्रा का विशेष ध्यान दें।
- मिट्टी में नमी की मात्रा का ध्यान: उर्वरकों का इस्तेमाल करने से पहले पौधों में अच्छी तरह से सिंचाई करनी चाहिए। इससे मिट्टी में नमी बनी रहती है और उर्वरक अच्छी तरह से घुल जाते हैं। सूखी मिट्टी में उर्वरक डालने से पौधों को नुकसान हो सकता है।
- जैविक और रासायनिक उर्वरकों का संतुलन: फसल को जैविक और रासायनिक दोनों तरह के उर्वरकों की आवश्यकता होती है। जैविक उर्वरक मिट्टी की संरचना में सुधार करता है, वहीं रासायनिक उर्वरक तुरंत पोषक तत्व प्रदान करता है। इससे फसल की पैदावार बढ़ती है और मिट्टी की उर्वरक क्षमता भी बनी रहती है। इसलिए दोनों तरह के उर्वरकों का प्रयोग करें।
- फसल की आयु के अनुसार उर्वरक प्रबंधन: अमरूद के पौधों के विभिन्न विकास चरणों में अलग मात्रा में उर्वरकों की आवश्यकता होती है। नए पौधों के लिए हल्की मात्रा में उर्वरक प्रयोग करना चाहिए और पौधों की आयु बढ़ने के साथ उर्वरकों की मात्रा को भी बढ़ाना चाहिए।
अधिक मात्रा में उर्वरकों के प्रयोग से होने वाले नुकसान | Effects of Excessive Use of Fertilizers
- मिट्टी की उर्वरता में कमी: अत्यधिक रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से मिट्टी की संरचना खराब हो सकती है और उसमें मौजूद सूक्ष्म जीवों की संख्या कम हो सकती है। इससे मिट्टी की उर्वरता धीरे-धीरे कम होने लगती है।
- पौधों पर प्रतिकूल प्रभाव: आवश्यकता से अधिक मात्रा में उर्वरकों का पौधों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इससे उत्पादन पर भी प्रतिकूल असर होता है।
- जड़ों को नुकसान: अधिक मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करने से पौधों की जड़ों को नुकसान पहुंच सकता है। इससे पौधों की जड़ें जल सकती हैं, जिससे पौधे की वृद्धि रुक जाती है और पौधे मुरझाने लगते हैं।
- जल स्रोतों पर प्रभाव: अत्यधिक उर्वरकों का प्रयोग जल स्रोतों को प्रदूषित कर सकता है। बारिश के दौरान उर्वरक मिट्टी से बह कर नदियों, तालाबों और भूमिगत जल स्रोतों में मिल सकते हैं, जिससे जल प्रदूषण और पर्यावरणीय समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
- फसल की गुणवत्ता पर प्रभाव: उर्वरकों का अत्यधिक प्रयोग अमरूद की फसल की गुणवत्ता को खराब कर सकता है। इससे फलों का स्वाद, रंग, और भंडारण क्षमता प्रभावित होती है।
क्या आप प्रति वर्ष अमरूद के पौधों में उर्वरकों का प्रयोग करते हैं? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। बेहतर फसल प्राप्त करने के लिए इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए 'कृषि ज्ञान' चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक और अन्य किसानों के साथ शेयर करना न भूलें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)
Q: अमरूद के लिए सबसे अच्छा उर्वरक कौन सा है?
A: अमरूद के पौधों के लिए संतुलित मात्रा में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम का प्रयोग करना लाभदायक होता है। इसके अलावा पौधों में अधिक फल-फूल प्राप्त करने के लिए आवश्यकता के अनुसार सूक्ष्म पोषक तत्वों का भी प्रयोग करना चाहिए।
Q: अमरूद की ग्रोथ कैसे बढ़ाएं?
A: अमरूद के पौधों की ग्रोथ बढ़ाने के लिए पौधे को पर्याप्त धूप, नमी और पोषक तत्व प्रदान करना आवश्यक है। मृत या रोगग्रस्त शाखाओं को हटाने के लिए नियमित रूप से पौधे की छंटाई करना भी स्वस्थ विकास को बढ़ावा दे सकता है। इसके साथ ही रोग एवं कीटों के साथ बाग में खरपतवारों पर नियंत्रण करना भी जरूरी है।
Q: अमरूद में खाद कब डालना चाहिए?
A: अमरूद के पौधों में खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग जुलाई से अक्टूबर महीने के बीच करनी चाहिए। इसके अलावा नए पौधों की रोपाई के समय और पौधों में फूल आने या फलों के विकास के दौरान भी उर्वरकों का प्रयोग किया जा सकता है।
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