फसलों में दानों के पीले के कारण और प्रबंधन | Grain Yellowing in Crops: Root Causes and Management
फसलों में दानों का पीला होना एक सामान्य समस्या है, लेकिन यह किसानों के लिए गंभीर चिंता का विषय बन सकता है। दानों के पीले होने से उपज की गुणवत्ता और मात्रा दोनों प्रभावित होती हैं। इसके परिणामस्वरूप किसानों को नुकसान हो सकता है। इस पोस्ट के माध्यम से हम दानों के पीले होने के प्रमुख कारणों और उनके प्रभावी प्रबंधन पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
फसलों में दानों के पीले होने के कुछ प्रमुख कारण | Primary Causes of Yellowing in Grains
- पोषक तत्वों की कमी: फसलों को हरे और स्वस्थ रखने के लिए नाइट्रोजन बहुत महत्वपूर्ण है। इसकी कमी से पत्तियों और दानों का रंग पीला पड़ने लगता है। जिंक की कमी होने से भी दाने छोटे और पीले हो जाते हैं। इसके अलावा मैग्नीशियम और सल्फर क्लोरोफिल निर्माण के लिए आवश्यक हैं। इनकी कमी से पौधों में क्लोरोसिस यानी पत्तियों और दानों के पीले पड़ने की समस्या होता है।
- नमी की मात्रा: जलभराव की स्थिति में पौधों की जड़ें सड़ने लगती हैं और पोषक तत्वों का अवशोषण सही तरीके से नहीं हो पाता, जिससे दाने पीले हो जाते हैं। इसके अलावा सूखा या पानी की कमी से पौधों को पोषण नहीं मिल पाता, और यह समस्या उत्पन्न होती है।
- मिट्टी की गुणवत्ता: अत्यधिक अम्लीय या क्षारीय मिट्टी में पोषक तत्व पौधों को उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। मिट्टी में जैविक कार्बन की कमी होने से मिट्टी की पोषण क्षमता कम हो जाती है। फसलों में दानों के पीले होने का यह एक बड़ा कारण हो सकता है।
- रोग और कीट: फसलों में फफूंद जनित रोगों, जीवाणु जनित रोगों, वायरस जनित रोगों एवं विभिन्न प्रकार के कीटों के प्रकोप के कारण पौधों में लगे दाने पीले हो सकते हैं।
- मौसम का प्रभाव: आवश्यकता से अधिक गर्मी, ठंड या बारिश के कारण पौधों में तनाव उत्पन्न होता है, जिससे दाने पीले पड़ सकते हैं।
- उर्वरकों का प्रयोग: अधिक मात्रा में उर्वरक का उपयोग या आवश्यकता से कम मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करने से पौधों में दानें पीले हो सकते हैं।
- रसायनों का इस्तेमाल: बार-बार या अधिक मात्रा में हानिकारक रसायन युक्त कीटनाशकों एवं फफूंदनाशकों का प्रयोग फसल की वृद्धि पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है। ऐसी स्थिति में कई बार दाने पीले होने की समस्या भी शुरू हो जाती है।
दानों के पीले होने के प्रबंधन के उपाय | Management Strategies for Yellowing in Grains
- पोषक तत्व प्रबंधन: फसलों में अनाज के पीलेपन को रोकने के लिए उचित पोषक तत्वों के स्तर को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। किसानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मिट्टी में नाइट्रोजन, आयरन और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक पोषक तत्व हैं। वे मिट्टी को इन पोषक तत्वों को प्रदान करने के लिए उर्वरकों और जैविक खाद का उपयोग कर सकते हैं। इन पोषक तत्वों का समय पर उपयोग अनाज के पीलेपन को रोकने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
- मृदा प्रबंधन: फसलों में अनाज के पीलेपन को रोकने के लिए मिट्टी की स्थिति का प्रबंधन भी महत्वपूर्ण है। किसानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि मिट्टी में उचित पीएच, लवणता और जल निकासी की स्थिति हो। वे मिट्टी के पीएच को समायोजित करने के लिए चूने या जिप्सम का उपयोग कर सकते हैं, और मिट्टी की संरचना और जल निकासी में सुधार के लिए कार्बनिक पदार्थ का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- रोग और कीट प्रबंधन: फसलों में अनाज के पीलेपन को रोकने के लिए कीटों और बीमारियों का प्रबंधन करना बहुत जरूरी है। किसानों को अपनी फसलों को प्रभावित करने वाले कीटों और बीमारियों की पहचान करनी चाहिए और उन्हें नियंत्रित करने के लिए उचित उपाय करने चाहिए। इसमें कीटनाशकों, कवकनाशी और अन्य नियंत्रण उपायों का उपयोग शामिल हो सकता है जैसे कि उचित फसल स्वच्छता बनाए रखना।
- पर्यावरण प्रबंधन: फसलों में अनाज के पीलेपन को रोकने के लिए पर्यावरणीय कारकों का प्रबंधन भी महत्वपूर्ण है। किसानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि फसल को उचित मात्रा में धूप, पानी और पोषक तत्व मिल रहे हैं। वे फसलों को पानी उपलब्ध कराने और खेत में तापमान और आर्द्रता के स्तर को नियंत्रित करने के लिए सिंचाई प्रणालियों का उपयोग कर सकते हैं।
- आनुवंशिक प्रबंधन: किसान उन फसल किस्मों का भी चयन कर सकते हैं जो पीलेपन के लिए कम संवेदनशील हैं। वे उन किस्मों का चयन कर सकते हैं जिनमें कीटों और रोगों के लिए उच्च प्रतिरोध होता है और जिनमें पोषक तत्वों की अवशोषण क्षमता बेहतर होती है।
क्या आपके फसलों में कभी दानों के पीले होने की समस्या आई है? यदि हां, तो आपने इस पर नियंत्रण के लिए क्या तरीके अपनाए? अपने जवान एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए ‘किसान डॉक्टर’ चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked questions (FAQs)
Q: फसल में पीलापन क्यों आता है?
A: नाइट्रोजन, आयरन या मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों की कमी के कारण फसल पीली हो जाती है। यह मिट्टी की स्थिति जैसे पीएच असंतुलन, लवणता या जलभराव के कारण भी हो सकता है। इसके अतिरिक्त, रोग और कीट पीलापन में योगदान कर सकते हैं।
Q: फसल में पीलापन कैसे दूर करें?
A: फसल में पीलापन दूर करने के लिए सबसे पहले पोषक तत्वों की कमी की पहचान कर उचित खाद डालें। मिट्टी के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए उचित सिंचाई और जल निकासी सुनिश्चित करें। कीटों और बीमारियों के लिए नियमित रूप से निगरानी करें और उन्हें नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें।
Q: धान की पत्तियां पीली होने पर क्या करें?
A: यदि धान की पत्तियां पीली हो जाती हैं, तो यह पोषक तत्वों की कमी, विशेष रूप से नाइट्रोजन का संकेत दे सकता है। इस समस्या को ठीक करने के लिए नाइट्रोजन युक्त उर्वरक लगाएं। उचित सिंचाई और जल निकासी भी सुनिश्चित करें।
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