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12 Apr
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मोती की खेती कैसे करें, लागत और मुनाफा | How to do pearl farming, cost and benifit.


राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही बाजार में मोतियों की मांग हमेशा बनी रहती है। प्राकृतिक रूप से समुद्र से प्राप्त होने वाले मोतियों की खेती लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रही है। मोती की खेती के लिए ठंड का मौसम सबसे सही होता है। इसकी खेती के लिए कई संस्थानों में सरकार के द्वारा मुफ्त प्रशिक्षण भी दिया जाता है। भारत में मोती की खेती मुख्य रूप से तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और गुजरात के तटीय क्षेत्रों में की जाती है। यह एक अति विशिष्ट और श्रम-गहन प्रक्रिया है जिसके लिए बहुत अधिक कौशल और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।

कैसे करें मोती की खेती? How to do pearl farming?

मोती की खेती सीप या मसल्स के अंदर मोती उगाने की एक प्रक्रिया है। यह एक जटिल प्रक्रिया है जिसके लिए विशेष ज्ञान और उपकरणों की आवश्यकता होती है।

  1. सीप या मसल्स की सही प्रजाति का चयन करना: सीप और मसल्स की विभिन्न प्रजातियां विभिन्न प्रकार के मोती पैदा करती हैं। मोती की खेती के लिए सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली प्रजातियां अकोया सीप, दक्षिण सागर सीप और मीठे पानी के मसल्स हैं।
  2. सीप या मसल्स इकट्ठा करना: सीप या मसल्स को उनके प्राकृतिक आवास से एकत्र किया जाता है और मोती के खेत में लाया जाता है।
  3. नाभिक प्रत्यारोपण: दाता सीप से ऊतक का एक छोटा टुकड़ा मेजबान सीप या मसल्स के प्रजनन अंग में प्रत्यारोपित किया जाता है। यह ऊतक नाभिक के रूप में कार्य करता है जिसके चारों ओर मोती बनेगा।
  4. सीप या मसल्स की देखभाल: सीप या मसल्स को एक नियंत्रित वातावरण में रखा जाता है जहां वे शिकारियों और बीमारी से सुरक्षित रहते हैं। उनके स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए उन्हें नियमित रूप से साफ और खिलाया जाता है।
  5. मोती की कटाई: कई महीनों से लेकर कई वर्षों के बाद, मोती कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं। सीप या मसल्स खोले जाते हैं और मोती हटा दिए जाते हैं।

मोती की खेती में कितनी जगह और लागत चाहिए? | How much space and cost is required for pearl farming?

क्षेत्र एवं लागत: यदि आप 50-100 मीटर लंबाई-चौड़ाई वाला तालाब बनवाते है तो उस पर करीब 60-70 हजार रुपए का खर्च आएगा। इसमें 25 हजार सीप को आसानी से पाला जा सकता है। बाजार में एक सीप की कीमत 15-25 रुपए होती है। यदि आप 20 रुपए के औसत भाव से देखें तो आपको पांच लाख सीप डालने होंगे। आमतौर पर 3 वर्ष की उम्र के बाद सीप में मोती बनने लगते हैं। मोती तैयार होने में 14 से 20 महीने तक का समय लगता है।

मुनाफा

  • असली मोती की कीमत हजारों में होती है।
  • एक मोती की कीमत 300 से 1500 रुपए तक होती है।
  • अच्छी गुणवत्ता की एवं डिजाइनर मोतियों के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजारों में 10,000 रुपए तक मिल सकते हैं।
  • यदि एक मोती की कीमत 1,000 रुपए भी मिले तो 100 सीपियों से हम 1,00,000 रुपए तक कमा सकते हैं।
  • तालाब में सीपीओ की संख्या बढ़ाकर मुनाफे को भी आसानी से बढ़ाया जा सकता है।
  • सीप से कई सजावटी वस्तुएं बनाई जाती हैं। इसके साथ ही सीप से इत्र का तेल भी निकाला जाता है। मोती निकालने के बाद सीप को भी स्थानीय बाजार में बेच कर अच्छे पैसे कमाए जा सकते हैं।

क्या आपके क्षेत्र में मोती की खेती की जाती है? अपना जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट करके बताएं। इसी तरह की अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए ' कृषि ज्ञान ' चैनल को अभी फॉलो करें। और अगर पोस्ट पसंद आयी तो इसे लाइक करके अपने किसान दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Question (FAQs)

Q: घर में मोती की खेती कैसे करें?

A: सबसे पहले सीपों को घर पर ही बनाए गए छोटे तालाब में वातावरण के अनुकुल ढालने के लिए 10 दिन तक छोड़ देते हैं. फिर सर्जरी करके उनमें न्यूक्लीयस डालकर तीन दिन एंटीबाॅडी में रखा जाता है. जिसके बाद सभी सीपों को 12-13 माह तक तालाब में छोड़ दिया जाता है. सीप से मोती निकालने के काम में तीन गुना तक का मुनाफा हो जाता है।

Q: मोती बनाने में कितना समय लगता है?

A: मोतीयो को बनने में कम से कम 15 से 24 महीनें का समय लगता है। मोती को जितना ज्यादा समय देंगे उतनी ही अच्छी क्वालिटी का मोती बनेगा और बाजार में रेट भी अच्छा मिलेगा।

Q: मोती कैसे तैयार होता है?

A: समंदर की गहराईयो में सीपों के अन्दर बाहर की कुछ चीज चली जाने से जैसे की रेत के कण या फिर कुछ कचरा जाने से सीप उसे बाहर निकालने की कोशिश करता है। लेकिन वह बाहर नहीं निकल पाता अंदर ही फसा रहता है। फिर उसके ऊपर सीप के अंदर ही तरल पदार्थ की परत बनना चालू हो जाती है इस तरह से कई परते बनने के बाद मोती तैयार होता है। जितना पुराना मोती होता है उसकी कीमत उतनी ही ज्यादा मिलती है।

Q: खाने में क्या क्या दे सकते है।

A: मोती की खेती में  सिपो को खाने में शेवाल यानी हरी एल्गी और स्पिरुनिला दे सकते हैं।

Q:मोती और सीप का मार्केट कहा है?

A: सीप आप नदी या तालाब से ला सकते है, या फिर हैदराबाद में इसका सिपो का होलसेल मार्केट है और मोती का बाजार गुजरात, दिल्ली, हैदराबाद और महाराष्ट्र में है। और अगर आप मोतियों को अच्छे से फिनिशिंग कर सकते है तो मोतियों को लोकल मार्किट में भी बेचा जा सकता है जिससे और अधिक मुनाफा होता हैं।

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