पोस्ट विवरण
सुने
कृषि ज्ञान
कृषि ज्ञान
16 Dec
Follow

कीटनाशक, फफूंदनाशक और उर्वरक मिलाते समय ध्यान रखने योग्य बातें (Mixing Pesticides, Fungicides & Fertilizers: Key Tips to Remember)


खेती में कीटनाशक, फफूंदनाशक और घुलनशील उर्वरक का मिलाना आमतौर पर एक सामान्य प्रथा है, जो पौधों की सेहत को बनाए रखने और बेहतर उपज प्राप्त करने के लिए किया जाता है। हालांकि, इन पदार्थों का एक साथ मिलाते समय कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतनी चाहिए, ताकि इनका सही प्रभाव पड़े और किसी प्रकार का नुकसान न हो। इस लेख में, हम विस्तार से जानेंगे कि इन पदार्थों का सही मिश्रण कैसे किया जा सकता है और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

रसायन और उर्वरक का मिश्रण कैसे बनाएं? (How to mix chemicals & fertilizers?)

  • उत्पादों की संगतता का परीक्षण (Testing the Compatibility of Products): कीटनाशक, फफूंदनाशक और उर्वरकों को एक साथ मिलाने से पहले, यह सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वे एक-दूसरे के साथ रासायनिक रूप से संगत हैं। अगर इनका मिश्रण सही तरीके से नहीं किया गया, तो यह न केवल इन रसायनों की प्रभावशीलता को कम कर सकता है, बल्कि यह पौधों को नुकसान भी पहुंचा सकता है। अधिकांश निर्माता इन उत्पादों के साथ संगतता की जानकारी अपने लेबल पर देते हैं। हमेशा इस जानकारी का पालन करें। यदि संगतता पर कोई संदेह हो, तो छोटे पैमाने पर मिश्रण करके पहले परीक्षण करें। इस प्रकार से आप सुनिश्चित कर सकते हैं कि ये रसायन सही तरीके से काम करेंगे।
  • मिश्रण का अनुपात और मात्रा (Dosage and Proportion of Mixture): कीटनाशक, फफूंदनाशक और घुलनशील उर्वरक का सही मात्रा में मिश्रण करना बहुत जरूरी है। यदि इनका अनुपात गलत है, तो यह पौधों पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है। उदाहरण के लिए, अधिक कीटनाशक से पौधों में तनाव हो सकता है, जबकि उर्वरक की अधिकता से पौधे जल सकते हैं। इसलिए, उत्पाद निर्माता द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें। साथ ही, मिश्रण करते समय इस बात का ध्यान रखें कि इन रसायनों के साथ संयोजन का परिणाम पौधों के लिए हानिकारक न हो। यह भी ध्यान रखें कि किसी एक रसायन की अधिकता से दूसरा रसायन प्रभावित हो सकता है, जिससे मिश्रण का प्रभाव कम हो सकता है।
  • पानी की गुणवत्ता का ध्यान रखें (Pay Attention to Water Quality): कीटनाशक, फफूंदनाशक और उर्वरकों को पानी में मिलाया जाता है। इसलिए, पानी की गुणवत्ता का ध्यान रखना भी जरूरी है। पानी में कोई प्रदूषण, अत्यधिक लवण (salts) या pH असंतुलन होने पर, यह रसायनों के मिश्रण को प्रभावित कर सकता है। पानी का pH स्तर, जिसे सामान्यतः 6 से 7 के बीच होना चाहिए, रसायनों के सही मिश्रण के लिए महत्वपूर्ण होता है। यदि पानी का pH बहुत ज्यादा या बहुत कम है, तो यह मिश्रण के प्रभाव को कम कर सकता है। इसलिए हमेशा स्वच्छ और सही pH स्तर वाले पानी का उपयोग करें।
  • मिश्रण की प्रक्रिया (Mixing Process): कीटनाशक, फफूंदनाशक और उर्वरकों का मिश्रण करने की प्रक्रिया भी महत्वपूर्ण है। सही तरीके से मिश्रण करने से इन रसायनों का प्रभावी उपयोग हो सकता है। सबसे पहले, पानी में उर्वरक डालें, फिर कीटनाशक और फफूंद नाशक डालें। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि रसायन अच्छे से घुल जाये और कोई अवशेष न बचे। इसके अलावा, मिश्रण के लिए हमेशा एक साफ और सूखा उपकरण इस्तेमाल करें, ताकि किसी भी प्रकार की अशुद्धि का असर न हो। इस प्रक्रिया को खुले स्थान पर करना अच्छा होता है ताकि रसायन के वाष्प से बचा जा सके।
  • मिश्रण के बाद समय (Time After Mixing): मिश्रण करने के बाद, इसका जल्दी से जल्दी उपयोग करना जरूरी है। बहुत समय तक मिश्रण छोड़ देने से उसकी प्रभावशीलता में कमी आ सकती है। गर्मी के मौसम में यह जल्दी घटित हो सकता है, जबकि सर्दी में थोड़ा अधिक समय तक इसे रखा जा सकता है, लेकिन फिर भी इसे बहुत देर तक न छोड़े। इसके अलावा, मिश्रण का उपयोग करने के लिए सबसे अच्छा समय सुबह या शाम का होता है, जब हवा ठंडी और नमी अधिक होती है। इससे रसायन का असर अधिक अच्छा होता है।
  • सुरक्षा उपाय (Safety Measures): कीटनाशक और फफूंद नाशक जहरीले हो सकते हैं, इसलिए इनका मिश्रण करते समय सुरक्षा के उपायों का पालन करना बेहद जरूरी है। सुरक्षात्मक वस्त्र जैसे दस्ताने, मास्क और चश्मा पहनें, ताकि इन रसायनों से संपर्क में आने से त्वचा या आंखों में जलन न हो। साथ ही, इन रसायनों को बच्चों और पालतू जानवरों से दूर रखें। मिश्रण के बाद हमेशा अपने हाथों और चेहरे को अच्छे से धोएं और सुनिश्चित करें कि रसायनों के अवशेष से बचाव हो।
  • मौसम का प्रभाव (Effect of Weather Conditions): मौसम की स्थिति भी मिश्रण के प्रभाव को प्रभावित कर सकती है। अत्यधिक गर्मी और सूर्य की तेज रोशनी रसायनों को जल्दी वाष्पित कर सकती है, जिससे उनका असर कम हो सकता है। इसलिए, मिश्रण का छिड़काव सुबह या शाम को करें, जब मौसम ठंडा और नमी अधिक हो। बारिश के समय छिड़काव से बचें, क्योंकि बारिश इन रसायनों को धो सकती है और उनका असर कम कर सकती है।
  • पौधों की अवस्था का आकलन करें (Evaluate the Condition of Plants): पौधों की सेहत पर भी मिश्रण का असर पड़ता है। अगर पौधे पहले से कमजोर हैं या बीमार हैं, तो रसायनों का अत्यधिक उपयोग उन्हें और अधिक नुकसान पहुंचा सकता है। स्वस्थ पौधों पर इन रसायनों का असर अधिक प्रभावी होता है। इसलिए, मिश्रण का उपयोग करने से पहले पौधों की स्थिति का सही से आकलन करें और उसी के अनुसार रसायनों का उपयोग करें।
  • इन्हें कभी न मिलाएं (What Not to Mix): कुछ कीटनाशक और उर्वरक आपस में कभी न मिलाएं, क्योंकि उनका मिश्रण हानिकारक हो सकता है। उदाहरण के लिए, अम्लीय रसायन कभी बेसिक रसायनों के साथ नहीं मिलाना चाहिए, क्योंकि वे आपस में प्रतिक्रिया कर सकते हैं और यह पौधों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए, हमेशा सुनिश्चित करें कि कौन सा रसायन किसके साथ मिलाया जा सकता है और किससे बचना चाहिए।

क्या आप खेतों में कीटनाशक, फफूंदनाशक और उर्वरकों को मिलाते समय जरूरी सावधानियां अपनाते हैं, या कभी आपसे कोई चूक हुई है? कमेंट में अपनी राय और अनुभव जरूर साझा करें! ऐसी ही उपयोगी और रोचक जानकारी के लिए 'कृषि ज्ञान' चैनल को अभी फॉलो करें और खेती में आगे बढ़ें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल {Frequently Asked Questions (FAQs)}

Q: घुलनशील उर्वरक क्या है?

A: घुलनशील उर्वरक वह उर्वरक होते हैं जो पानी में पूरी तरह से घुल जाते हैं। इनमें प्रमुख पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व होते हैं, जो पौधों को त्वरित रूप से उपलब्ध होते हैं। इन्हें आसानी से सिंचाई के पानी या पत्तियों पर छिड़काव के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।

Q: क्या मिट्टी में पानी में घुलनशील उर्वरक डाल सकते हैं?

A: पानी में घुलनशील उर्वरक को मिट्टी में डाला जा सकता है, लेकिन यह फर्टिगेशन (सिंचाई के माध्यम से) के रूप में किया जाता है। इससे उर्वरक सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचता है, और पौधे उन्हें जल्दी अवशोषित कर सकते हैं।

Q: पानी में घुलनशील उर्वरक का उपयोग कैसे करें?

A: पानी में घुलनशील उर्वरक का उपयोग फोलियर स्प्रे (पत्तियों पर छिड़काव) या फर्टिगेशन (सिंचाई के पानी में मिलाकर) के माध्यम से किया जा सकता है। फोलियर स्प्रे पौधों को तुरंत पोषण देता है, जबकि फर्टिगेशन से उर्वरक पौधों की जड़ों तक पहुँचता है।

50 Likes
Like
Comment
Share
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ