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25 Apr
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कृषि में आधुनिक तकनीकों का महत्व | Importance of Agricultural Technologies for Farmers

कृषि में आधुनिक तकनीकों की आवश्यकता वर्तमान परिस्थितियों में अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। बढ़ती जनसंख्या के कारण विश्व भर में खाद्य सामग्री की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। 20वीं सदी के आखिर में ट्रैक्टर और अर्ध-स्वचालित फसलों की कटाई वाली मशीनों को यांत्रिक समाधान के तौर पर प्रस्तुत किया गया था। इसी तरह, पिछले कुछ वर्षों से कृषि में नई तकनीकों का परीक्षण किया जा रहा है जैसे कि ड्रोन, डिजिटल ट्विन, स्मार्ट ग्रीनहाउस, आदि। इन तकनीकों के द्वारा किसान फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता दोनों को बढ़ा सकते हैं। यदि भारत में पूरी तरह से इन तकनीकों को अपनाया जाए, तो इससे कृषि क्षेत्र में क्रांति लाने की संभावना है। इस पोस्ट के माध्यम से आप कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ प्रमुख आधुनिक तकनीकों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ आधुनिक तकनीक | Modern Technologies Used in Agriculture

  • स्मार्ट ग्रीनहाउस: स्मार्ट ग्रीनहाउस एक ऐसा कृत्रिम सेट-अप है जिसमें किसी भी क्षेत्र और विभिन्न मौसम में पौधों को उनके सही विकास और उत्पादन के लिए उपयुक्त जलवायु प्रदान की जाती है। इस तकनीक की मदद से पौधों की आवश्यकताओं के अनुसार तापमान, नमी, आर्द्रता, प्रकाश की तीव्रता, आदि को नियंत्रित किया जा सकता है। स्मार्ट ग्रीनहाउस में आधुनिक संवेदक और स्मार्ट संचार प्रौद्योगिकियां होती हैं जो पौधों को हर समय मॉनिटर करने में मदद करती हैं। यह जानकारियां इनपुट को अनुकूलित करने और इस प्रक्रिया को कारगर बनाने में मदद करती हैं। इस तकनीक के कई अन्य फायदे भी हैं। इस तकनीक के द्वारा हम उपयुक्त जलवायु परिस्थितियों की सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से भी यह तकनीक बहुत मददगार साबित होती है। स्मार्ट ग्रीनहाउस में हर समय सीसीटीवी कैमरे, स्मार्ट डोर लॉक और अन्य सेंसर्स लगे होते हैं। ये सुरक्षा उपकरण अलार्म से जुड़े होते हैं जो स्मार्ट ग्रीनहाउस के अंदर संदिग्ध गतिविधियों का पता चलने  पर सक्रिय होते हैं।
  • कृषि क्षेत्र में ड्रोन का महत्व: ड्रोन एक ऐसा उड़ने वाला यंत्र है जिसे रीमोट एवं बिजली से चार्ज होने वाले बैटरी के द्वारा नियंत्रित किया जाता है। बात करें कृषि क्षेत्र में ड्रोन से होने वाले फायदों की तो इसके द्वारा खेत की फोटो खींचना, उर्वरक एवं कीटनाशकों का छिड़काव, कम वजन के समान को एक जगह से लेकर दूसरे जगह पहुंचाना, जैसे कई छोटे-बड़े कार्यों को बहुत कम समय एवं श्रम में किया जा सकता है। ड्रोन का इस्तेमाल करके किसान घर बैठे अपनी खेत एवं खेत में लगे फसलों का निरीक्षण कर सकते हैं। ड्रोन का इस्तेमाल करने पर उर्वरक एवं कीटनाशकों के छिड़काव के लिए मजदूरों की आवश्यकता नहीं होती है। जिससे मजदूरों पर होने वाली लागत में कमी आती है। फसलों पर समान रूप से उर्वरकों एवं दवाओं का छिड़काव होने से फसलों की भी उत्पादकता बढ़ती है। विभिन्न कृषि कार्यों में समय की बचत होती है। ड्रोन के इस्तेमाल के समय हवा की दिशा का विशेष ध्यान रखें। ड्रोन के इस्तेमाल के लिए प्रशिक्षण एवं कई अन्य तकनीक जानकारियों की आवश्यकता होती है। इन तकनीक जानकारियों के आभाव में कई किसान इसका उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। इसके साथ ही इसकी लागत भी अधिक है। जिस कारण छोटे किसानों के लिए इस तकनीक का उपयोग करना कठिन है। आने वाले कुछ वर्षों में खेतों में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़ने की उम्मीद की जा सकती है।
  • कृषि क्षेत्र में रोबोट का उपयोग: कृषि में रोबोटिक तकनीक का उपयोग करना हमारे कृषि प्रणाली को उन्नत बनाने में मददगार साबित होता है। रोबोट्स बीज की बुवाई से लेकर पौधों की देखभाल और प्रबंधन में सहायक होते हैं। आवश्यकता होने पर ये कीटनाशक और उर्वरकों का छिड़काव भी कर सकते हैं। ये मिट्टी में नमी की मात्रा के अनुसार फसलों में सिंचाई भी कर सकते हैं। इसके अलावा सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में भी ये सहायक होते हैं। कृषि क्षेत्र में रोबोट के उपयोग से किसानों का समय, ऊर्जा और श्रम की बचत होती है। जिससे किसान अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए अन्य कृषि कार्यों में अपना ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। हालांकि, लागत अधिक होने के कारण भारत में अभी कृषि क्षेत्र में रोबोट्स का उपयोग प्रचलित नहीं है। वर्तमान समय में केवल कुछ बड़ी कंपनियां इस तकनीक का प्रयोग कर रही हैं।
  • फार्म ऑटोमेशन: फार्म ऑटोमेशन कृषि क्षेत्र में एक ऐसी तकनीकी प्रक्रिया है जिसमें विभिन्न कृषि कार्यों को स्वचालित बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाता है। इसमें विभिन्न स्वचालित मशीनों, उपकरणों, और सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है। फार्म ऑटोमेशन तकनीक के द्वारा किसान विभिन्न कृषि कार्यों को स्वचालित करने के लिए मशीनों का उपयोग कर सकते हैं, जिससे उनके समय और श्रम में बचत होती है। सेंसर्स और डेटा संग्रहण के साधनों का उपयोग करके, किसान अपने खेतों की स्थिति की सटीक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और उसे विश्लेषण करके फसलों के लिए महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं, जिसमें फसलों का स्वास्थ्य, पानी का सही स्तर, उर्वरकों और कीटनाशकों की आवश्यकता, मौसम एवं जलवायु की जानकारी शामिल है। इससे अधिक उत्पादकता और फसलों की गुणवत्ता बढ़ाने में आसानी होती है।
  • डिजिटल ट्विन: कृषि क्षेत्र में डिजिटल ट्विन एक महत्वपूर्ण एवं आधुनिक तकनीक के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। कृषि में इस तकनीक का उपयोग किसी खेती उत्पादन की पूरी चेन को डिजिटल रूप में दर्शाने के लिए किया जा रहा है। यह तकनीक किसानों को उनके खेतों की स्थिति को बेहतर से समझने और सुधारने का एक नया तरीका प्रदान कर रही है। इस आधुनिक तकनीक के द्वारा प्रत्येक पशु के वर्चुअल प्रतिरूप बनाकर किसान अपने पशुओं के स्वास्थ्य, पोषण स्तिति, आदि के बारे में वास्तविक समय में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। किसान अपने खेतों की स्थिति को व्यक्तिगत डैशबोर्ड पर देख सकते हैं। इससे उन्हें मौसम, मृदा की गुणवत्ता, पानी की उपलब्धता, आदि की स्थिति जान कर सही समय पर सिंचाई एवं उर्वरकों का प्रयोग कर सकते हैं। यह आधुनिक तकनीक कृषि यंत्रों की स्थिति को दर्शाने के साथ मशीनों के रखरखाव की भी जानकारी देता है। इसके साथ ही यह विभिन्न प्रकृति आपदाओं के संदर्भ में सहायक हो सकता है, जैसे कि बारिश, बर्फबारी, या अधिक तापमान से होने वाली संभावित हानियों को पहले ही पहचानकर उचित कदम उठाने में मदद करता है। डिजिटल ट्विन बीज की बुवाई की तारीख, सिंचाई, और कटाई की तिथि जैसे कार्यों को ऑटोमेट कर सकता है, जिससे किसानों को अपनी खेती को बेहतर तरीके से प्रबंधित करने में मदद हो सकती है।

क्या आपने खेत में कभी इन आधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया है? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के द्वारा बताएं। कृषि क्षेत्र की आधुनिक तकनीकों की अधिक जानकारी के लिए 'कृषि टेक' चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Question (FAQs)

Q: कृषि के लिए कौन सी आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाता है?

A: कृषि क्षेत्र में कई आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। जिसमें ग्रीनहाउस तकनीक, ड्रोन, रोबोट्स, मृदा नमी सेंसर, फार्म ऑटोमेशन, जियो टैगिंग, डिजिटल ट्विन, आदि शामिल हैं। लेकिन इनमे से कुछ तकनीकें भारत में बहुत अधिक प्रचलित नहीं है।

Q: आधुनिक तकनीक कृषि में क्यों महत्वपूर्ण है?

A: कृषि में आधुनिक तकनीक बहुत महत्वपूर्ण है। इन तकनीकों के द्वारा हम मौसम की सटीक जानकारी, रोह एवं कीटों पर नियंत्रण, मिट्टी में नमी और पोषक तत्वों की उचित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। जिससे फसल की उत्पादकता और गुणवत्ता में वृद्धि होती है।

Q: खेती की आधुनिक तकनीकों के उपयोग का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा?

A: खेती की आधुनिक तकनीकों के उपयोग का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा?

खेती की आधुनिक तकनीकों के उपयोग का पर्यावरण पर कई सकारात्मक प्रभाव देखे जा सकते हैं। जिनमें मिट्टी के कटाव में कमी, सिंचाई के समय पानी की बचत, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी, हानिकारक रसायनों के उपयोग में कमी, आदि कुछ प्रमुख हैं।

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