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एकीकृत बागवानी विकास मिशन : लाभ एवं आवेदन की प्रक्रिया (Integrated Horticulture Development Mission: Benefits and Application Process)
बागवानी के एकीकृत विकास के लिए मिशन (एमआईडीएच) 2014-15 में भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इस योजना का उद्देश्य फलों, सब्जियों, मसालों, फूलों, सुगंधित पौधों, नारियल, काजू, कोको और बांस सहित बागवानी क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देना है। यह स्कीम विभिन्न कार्यकलापों जैसे अवसंरचना सुविधाओं के सृजन, विस्तार सेवाओं का संवर्धन, फसलोपरान्त प्रबंधन, बागवानी उत्पाद का विपणन एवं प्रसंस्करण तथा अनुसंधान एवं विकास के लिए सहायता प्रदान करती है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बागवानी उत्पादन को बढ़ाना, पोषण सुरक्षा में सुधार करना और कृषक परिवारों को आय समर्थन देना है। यह योजना कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित की जाती है।
एकीकृत बागवानी विकास मिशन का उद्देश्य (Objective of Integrated Horticulture Development Mission)
- बागवानी उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि: फलों, सब्जियों, मसालों, फूलों, सुगंधित पौधों, नारियल, काजू, कोको और बांस की खेती को बढ़ावा देकर देश की पोषण सुरक्षा में सुधार करना।
- ग्रामीण रोजगार के अवसर: बागवानी आधारित उद्यमिता को बढ़ावा देकर ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करना।
- नई प्रौद्योगिकियों और सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना: बागवानी की खेती, फसल कटाई के बाद प्रबंधन, विपणन और प्रसंस्करण में नई प्रौद्योगिकियों और सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने को बढ़ावा देना।
- बुनियादी सुविधाओं का निर्माण: बागवानी क्षेत्र के विकास के लिए कोल्ड स्टोरेज, पैक हाउस, पक्वन कक्ष और प्रसंस्करण इकाइयों जैसी बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करना।
- जैविक खेती को बढ़ावा देना: जैविक खेती प्रथाओं के उपयोग को बढ़ावा देना और रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग को कम करना।
- किसानों को आय सहायता: मूल्य वर्धित उत्पादों और बाजार लिंकेज को बढ़ावा देने के माध्यम से किसानों को आय सहायता प्रदान करना।
एकीकृत बागवानी विकास मिशन के लाभ (Benefits of Integrated Horticulture Development Mission)
- उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि: इस योजना के माध्यम से नई तकनीकों और सर्वोत्तम प्रथाओं का अनुसरण करके बागवानी उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि होती है। इससे किसानों की आय में वृद्धि होती है और उन्हें अपनी आजीविका में सुधार मिलता है।
- फसलों का विविधीकरण: इस योजना के अंतर्गत, फलों, सब्जियों, मसालों, फूलों, सुगंधित पौधों, नारियल, काजू, कोको और बांस जैसी बागवानी फसलों का प्रोत्साहन किया जाता है। इससे कृषि क्षेत्र में विविधता आती है और पारंपरिक फसलों पर निर्भरता कम होती है।
- पोषण सुरक्षा: बागवानी विकास मिशन के प्रयासों से बागवानी फसलों की खेती बढ़ावा मिलता है, जिससे देश की पोषण सुरक्षा में सुधार होता है।
- रोजगार सृजन: इस योजना का उद्देश्य बागवानी आधारित उद्यमिता को बढ़ावा देना और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करना है।
- बुनियादी ढांचे का विकास: इसके अंतर्गत, कोल्ड स्टोरेज, पैक हाउस, रिपनिंग चैंबर और प्रसंस्करण इकाइयों जैसी बुनियादी सुविधाओं का निर्माण होता है। इससे बागवानी फसलों के कटाई के बाद के प्रबंधन और विपणन में सुधार होता है।
- जैविक खेती को बढ़ावा: इस योजना का उद्देश्य जैविक खेती प्रथाओं के उपयोग को बढ़ावा देना है, जो मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करने और पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में मदद करता है।
एकीकृत बागवानी विकास मिशन में आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज (Documents required to apply in Integrated Horticulture Development Mission) : बागवानी विकास मिशन में आवेदन करने के लिए नीचे बताये गए दस्तावेजों की आवश्यकता होती है।
- पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड, आदि)
- एड्रेस प्रूफ (आधार कार्ड, वोटर आईडी, यूटिलिटी बिल (बिजली बिल, पानी का बिल, गैस बिल) आदि)
- भूमि स्वामित्व दस्तावेज (यदि लागू हो)
- बैंक खाता विवरण
- परियोजना रिपोर्ट या प्रस्ताव
- पासपोर्ट साइज फोटो
- संबंधित विभाग द्वारा निर्दिष्ट कोई अन्य प्रासंगिक दस्तावेज
एकीकृत बागवानी विकास मिशन में कैसे करें आवेदन (How to Apply in Integrated Horticulture Development Mission)
- सबसे पहले भारत सरकार के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट ((http://midh.gov.in) पर जाएं।
- "योजनाएं" टैब पर क्लिक करें और ड्रॉप-डाउन मेनू से "बागवानी के एकीकृत विकास के लिए मिशन (एमआईडीएच)" चुनें।
- योजना के लिए आवेदन करने से पहले दिशानिर्देशों और पात्रता मापदंड को ध्यान से पढ़िए।
- वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड कर लें या फिर संबंधित विभाग से भी आवेदन पत्र मिल जाता है।
- आवेदन पात्र में सभी जानकारी को भरें और जरुरी दस्तावेजों के साथ संलग्न कर दें।
- आवेदन पत्र को कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय विभाग या ऑनलाइन पोर्टल पर जमा करें।
- सबमिट करने के बाद आप ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से या कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय विभाग से संपर्क करके अपने आवेदन की स्थिति को ट्रैक कर सकते हैं।
क्या आप एकीकृत बागवानी विकास मिशन योजना का लाभ उठाना चाहते हैं? अगर आप खेती से सम्बंधित अन्य कोई जानकारी चाहते हैं तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं। और अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी, तो इसे लाइक करें और अन्य किसान मित्रों के साथ शेयर करें। किसानों के लिए चल रही सरकारी योजनाओं की जानकारी के लिए 'किसान योजना' चैनल को फॉलो करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Question (FAQs)
Q: राष्ट्रीय बागवानी मिशन की शुरुआत कब हुई?
A: राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एनएचएम) 4 मई 2005 को भारत में शुरू किया गया था। यह मिशन कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।
Q: राष्ट्रीय बागवानी मिशन किन-किन राज्यों में है?
A: राष्ट्रीय बागवानी मिशन (National Horticulture Mission - NHM) देशभर में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया है। यह मिशन देश के बागवानी क्षेत्र के विकास और उन्नति के लिए कार्यान्वित हो रहा है। इस योजना के तहत इन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में बागवानी गतिविधियों को बढ़ावा देना, बुनियादी ढांचे का विकास करना, और किसानों को आधुनिक प्रौद्योगिकियों और सर्वोत्तम प्रथाओं के माध्यम बनाया जा रहा है।
Q: एकीकृत बागवानी विकास मिशन क्या है?
A: बागवानी के एकीकृत विकास के लिए मिशन भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक केंद्र प्रायोजित योजना है। इस योजना का उद्देश्य फलों, सब्जियों, मसालों, फूलों, सुगंधित पौधों, नारियल, काजू, कोको और बांस सहित बागवानी क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देना है।
Q: एकीकृत बागवानी विकास मिशन का उद्देश्य क्या है?
A: एकीकृत बागवानी विकास मिशन का उद्देश्य फलों, सब्जियों, मसालों, फूलों, सुगंधित पौधों, नारियल, काजू, कोको और बांस सहित बागवानी क्षेत्र के समग्र विकास को बढ़ावा देना है।
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