पोस्ट विवरण
सुने
मक्का
कीट
किसान डॉक्टर
18 May
Follow

मक्का की खेती: भरपूर उपज के लिए करें इन कीटों पर नियंत्रण | Maize cultivation: Control these Pests for Abundant Yield

मक्का की खेती रबी, खरीफ और जायद तीनों मौसम में की जाती है।यह एक बहुउपयोगी फसल है। मनुष्यों के आहार में मक्के का उपयोग सदियों से किया जा रहा है। वहीं इसके पौधे पशुओं के लिए हरे चारे के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसके पौधों को खेत में दबा कर हरी खाद की तरह भी प्रयोग किया जाता है। जिससे मिट्टी अधिक उपजाऊ होती है। लेकिन फसल की अगर उचित देखभाल नहीं की गई तो मक्के में कई तरह के कीटों का प्रकोप होने लगता है। समय रहते यदि कीटों पर नियंत्रण नहीं किया गया तो 30 से 70 प्रतिशत तक फसल नष्ट हो सकती है। मक्के की फसल में लगने वाले कुछ प्रमुख कीटों से होने वाले नुकसान एवं नियंत्रण की विस्तृत जानकारी के लिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें।

मक्का की फसल में लगने वाले कुछ प्रमुख कीट | Some major pests affecting maize crop

गुलाबी तना छेदक कीट से होने वाले नुकसान: यह कीट मक्के के पौधो पर अपने अंडे देता है और लार्वा तने में छेद कर आंतरिक ऊतकों को खाकर व्यापक क्षति पहुंचाता है। यह कीट तने को कमजोर कर देते हैं, जिससे तेज हवाओं या भारी बारिश के दौरान टनों के झुकने या टूटने की संभावना बढ़ जाती है। प्रभावित पौधों की पत्तियों पर कई छेद नजर आ सकते हैं और पत्तियां मुरझाने लगती हैं।

गुलाबी तना छेदक कीट पर नियंत्रण के तरीके

  • नाइट्रोजन युक्त उर्वरकों का प्रयोग संतुलित मात्रा में करें।
  • इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 150 से 200 लीटर पानी में थियामेथोक्सम 12.6 + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% जेडसी (देहात एंटोकिल) की 50 मिलीलीटर मात्रा का छिड़काव करें आवश्यकता होने पर 15 दिन के अंतराल दोबारा छिड़काव करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 7-13 किलोग्राम फिप्रोनिल 0.3%जी.आर. (देहात स्लेमाइट) का प्रयोग करें।
  • इसके अलावा 250-300 मिलीलीटर डाइमेथोएट 30% ईसी (टाटा रैलिस टैफगोर) प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करने पर भी फसल में गुलाबी तना छेदक कीट को नियंत्रित किया जा सकता है।

सैनिक कीट से होने वाले नुकसान: इस कीट के लार्वा पत्तियों को खुरचकर खाते हैं। जिससे पत्तियों पर सफेद रंग की धारियां नजर आने लगती हैं। व्यस्क कीट पत्तियों के ऊपरी हिस्से के साथ मक्के के दाने एवं उसे ढकने वाली पत्तियों को खा कर फसल को पूरी तरह से नष्ट कर देते हैं।

सैनिक कीट पर नियंत्रण के तरीके

  • यदि संभव हो तो कीट के अंडों को इकट्ठा कर के नष्ट कर दें।
  • प्रति एकड़ खेत में 4 से 6 फेरोमोन ट्रेप लगाएं।
  • मक्के की फसल को सैनिक कीट से बचाने के लिए प्रति किलोग्राम बीज को 6 मिलीलीटर सायानट्रानिलिप्रोल 19.8% + थायामेथॉक्सम 19.8% एफएस (सिंजेंटा - फोर्टेंज़ा ड्यूओ) से उपचारित करें।
  • इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ जमीन में 80 ग्राम एमामेक्टिन बेंजोएट 5% एस.जी (देहात इल्लीगो) का छिड़काव करें।
  • फसल पर लार्वा की संख्या अधिक होने पर क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 9.3% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 4.6% जेडसी (सिंजेंटा एमप्लिगो) की 80 मिली मात्रा का छिड़काव प्रति एकड़ खेत में करें।
  • इसके अलावा स्पिनेटोरम 11.7 एस.सी (डाऊ डेलीगेट) 180 मिली प्रति एकड़ से  छिड़काव करने से भी इस कीट पर नियंत्रण किया जा सकता है।

दीमक से होने वाले नुकसान: यह कीट अंकुरित बीज के साथ पौधों की जड़ों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। यह जड़ों का रस चूस का फसल को कमजोर बना देते हैं। दीमक जमीन की सतह के पास तनों को भी काट कर खाते हैं। जिससे कुछ ही दिनों में पौधे सूखने लग जाते हैं।

दीमक पर नियंत्रण के तरीके

  • प्रति एकड़ भूमि में 400 मिलीलीटर ब्यूवेरिया बेसियाना (डॉ. बैक्टोज़ ब्रेव) का छिड़काव करें।
  • मक्के की फसल में दीमक पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 8 किलोग्राम फिप्रोनिल 0.3%जी.आर. (देहात- स्लेमाईट) का प्रयोग करें।
  • खड़ी फसल में दीमक का प्रकोप दिखने पर प्रति एकड़ खेत में 300 मिलीलीटर क्लोरपायरीफॉस 20% ईसी (श्रीराम- क्लोरो, सिल्वर क्रॉप- क्लोरोसिल 20, हाईफील्ड- दरबान) का प्रयोग करें।

माहू से होने वाले नुकसान: यह कीट पत्तियों एवं बालियों का रस चूस कर मक्के की फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। प्रभावित पौधों की पत्तियां ऊपर की तरफ मुड़ने लगती हैं। इस कीट का प्रकोप बढ़ने पर उत्पादन में कमी आने के साथ पौधों के विकास में बाधा आती है।

माहू पर नियंत्रण के तरीके

  • इस कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 4-6 स्टिकी ट्रैप लगाएं।
  • इन कीटों पर नियंत्रण के नीचे दी गई दवाओं में से किसी एक का प्रयोग करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 40-80 ग्राम थियामेथोक्सम 25%डब्ल्यू.जी (देहात एसियर) का प्रयोग करें।
  • 200 लीटर पानी में 100 ग्राम इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एस जी (देहात इल्लीगो) मिला कर छिड़काव करें।
  • 200 लीटर पानी में 80 मिलीलीटर क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5% w/w एससी (एफएमसी कोराजन) मिला कर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

आपके मक्के की फसल में किन रोगों का प्रकोप अधिक होता है? अपने जवाब हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। फसलों को विभिन्न रोगों एवं कीटों से बचाने की अधिक जानकारियों के लिए 'किसान डॉक्टर' चैनल को तुतंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Question (FAQs)

Q: मक्का में कौन सा कीट लगता है?

A: मक्का की फसल में कई तरह के कीटों का प्रकोप होता है। जिनमें फॉल आर्मी वर्म यानी सैनिक कीट और गुलाबी तना छेदक कीट फसल को सबसे ज्यादा नुक्सान पहुंचाते हैं। इसके अलावा दीमक, जड़ कटुआ कीट, रस चूसक कीट, आदि कीटों का भी प्रकोप होता है।

Q: मक्का के लिए सबसे अच्छा कीटनाशक कौन सा है?

A: मक्के की फसल को विभिन्न कीटों से बचाने के लिए बाजार में कई तरह के कीटनाशक उपलब्ध हैं। लेकिन अच्छे कीटनाशक का चयन फसलों में लगने वाले कीटों के आधार पर करना चाहिए। दीमक, रस चूसक कीट, सैनिक कीट, सभी मक्के की फसल को अलग तरह से क्षति पहुंचाते हैं। इसलिए कीटनशकों के प्रयोग से पहले कीटों की पहचान करना आवश्यक है।

Q: मक्का में कीट नियंत्रण कैसे करें?

A: मक्के की फसल में कीटों पर नियंत्रण के लिए सबसे पहले फसल का निरीक्षण करें। इससे फसल में लगने वाले कीटों की जानकारी मिल जाएगी। इसके बाद आप उचित मात्रा में सही कीटनाशक का प्रयोग करें। इसके लिए आप कृषि विशेषज्ञ से परामर्श भी कर सकते हैं। रासायनिक कीटनाशकों के प्रयोग के अलावा जैविक कीटनाशक, फेरोमोन ट्रैप, स्टिकी ट्रैप के प्रयोग से भी मक्के की फसल में कीटों पर नियंत्रण कर सकते हैं।

33 Likes
Like
Comment
Share
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ