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ग्लेडियोलस के प्रमुख रोग और उनका प्रबंधन (Major diseases of gladiolus and their management)
ग्लेडियोलस एक प्रसिद्ध सजावटी पौधा है, जो अपने खूबसूरत और रंगीन फूलों के कारण बागवानी में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। हालांकि, यह पौधा विभिन्न बीमारियों के प्रति संवेदनशील होता है, जो इसकी वृद्धि, फूलों की गुणवत्ता और उपज को प्रभावित कर सकते हैं। यहाँ हम ग्लेडियोलस की कुछ प्रमुख रोगों, उनके लक्षण और प्रभावी नियंत्रण के उपायों के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।
ग्लेडियोलस को प्रभावित करने वाले प्रमुख रोग (Major Diseases Affecting Gladiolus)
पत्ती धब्बा रोग (Leaf Spot Disease):
- यह एक सामान्य कवक रोग है, जो ग्लेडियोलस की पत्तियों को प्रभावित करता है।
- संक्रमित पत्तियों पर छोटे भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं, जो धीरे-धीरे बढ़कर पूरी पत्ती को पीला और मुरझाया हुआ बना देते हैं।
- तनों, पत्तियों और फूलों पर काले और बैंगनी रंग के धब्बे बन सकते हैं।
- पत्तियां पीली होकर झड़ने लगती हैं, जिससे पौधे की वृद्धि रुक जाती है।
नियंत्रण:
- संक्रमित पत्तियों और पौधों के हिस्सों को तुरंत हटा दें।
- पौधों के बीच वायु परिसंचरण में सुधार करें।
- ओवरहेड सिंचाई से बचें ताकि पत्तियां अधिक समय तक गीली न रहें।
- (DeM-45, M-45) मैंकोजेब 75% WP को प्रति एकड़ 600-800 ग्राम की मात्रा में छिड़काव करें।
- प्रभावित पत्तियों और तनों को हटा दें और रोग मुक्त पौधों के साथ संक्रमित पौधों को अलग रखें।
- स्वच्छ और प्रमाणित बीजों का उपयोग करें।
- कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50% WP ( ब्लू कॉपर, कोपेक्स) दवा की 500 ग्राम मात्रा को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ खेत में स्प्रे करें।
- हेक्साकोनाज़ोल 75% WG (Contaf, Rizolex, Kicks) का उपयोग 27 ग्राम प्रति एकड़ की दर से करें।
- एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 4.8% w/w + क्लोरोथालोनिल 40% SC (अमेज गोल्ड, क्रेसॉक्सिम, अमिस्टार टॉप) का उपयोग 1200 मिलीलीटर प्रति एकड़ की दर से करें।
- 2 ग्राम थायरम + 1 ग्राम बाविस्टीन प्रति किलो बीज के हिसाब से बीज उपचार करें।
- थियोफानेट मिथाइल 70% डब्ल्यू /डब्ल्यू (T-Methyl, Folicur) दवा को 286 ग्राम प्रति एकड़ की दर से घोल बनाकर छिड़काव करें।
जड़ सड़न रोग (Root Rot Disease)
- रूट रॉट एक सामान्य कवक रोग है, जो ग्लेडियोलस के पौधों की जड़ों को संक्रमित करता है।
- इस रोग के कारण पौधों की जड़ें सड़ जाती हैं और पौधा कमजोर हो जाता है।
- पत्तियां पीली और मुरझाई हुई दिखती हैं, और पौधा अंततः मर सकता है।
नियंत्रण:
- संक्रमित पौधों को तुरंत हटा दें और नष्ट कर दें।
- फसल चक्र का पालन करें ताकि मिट्टी में रोगजनकों का संचय न हो।
- मिट्टी में जल निकासी की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए।
- बुवाई के लिए प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।
- टेबुकोनाज़ोल 5.4% w/w FS फ फूंदनाशक 4 ml प्रति किलोग्राम बीज से उपचारित करें।
- प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% डब्ल्यूपी (देहात साबू, साफ) से उपचारित करें।
मोजेक वायरस रोग (Mosaic Virus Disease)
- यह एक विषाणु जनित रोग है, जो ग्लेडियोलस की पत्तियों पर पीले या हल्के हरे धब्बों के रूप में दिखाई देता है।
- पौधों की वृद्धि अवरुद्ध हो जाती है और फूलों की गुणवत्ता खराब हो जाती है।
- यह रोग आमतौर पर संक्रमित बल्बों या संक्रमित कीड़ों के माध्यम से फैलता है।
नियंत्रण:
- केवल रोग-मुक्त बल्बों का उपयोग करें।
- पौधों के आस-पास कीटों को नियंत्रित करें, विशेषकर एफिड्स (Aphids) को, जो इस रोग के वाहक होते हैं।
- संक्रमित पौधों को तुरंत हटाकर नष्ट करें, ताकि रोग अन्य पौधों में न फैले।
- जैविक कीटनाशकों का उपयोग करके कीटों को नियंत्रित करें।
- संक्रमित पौधों को हटाकर नष्ट कर दें।
- पौधों पर कीटनाशकों का छिड़काव करें ताकि माहू को नियंत्रित किया जा सके।
- पौधों के बीच उचित दूरी बनाए रखें और नर्सरी में स्वच्छता का ध्यान रखें।
झुलसा रोग (Blight Disease)
- इस रोग से प्रभावित पौधों की पत्तियों पर भूरे रंग के धब्बे उभरने लगते हैं।
- धीरे-धीरे ये धब्बे फैलने लगते हैं और फूलों पर भी नजर आने लगते हैं।
- इस रोग के कारण फूल भूरे हो कर सड़ने लगते हैं।
नियंत्रण:
- संक्रमित पौधों के हिस्सों को हटा दें और उन्हें नष्ट कर दें।
- पौधों के बीच उचित दूरी बनाए रखें ताकि वायु परिसंचरण अच्छा हो।
- ओवरहेड सिंचाई से बचें, क्योंकि नमी इस रोग के प्रसार को बढ़ावा देती है।
- प्रति एकड़ खेत में 200 मिलीलीटर क्रेसोक्सिम मिथाइल 44.3% एससी (टाटा रैलिस एर्गन, पारिजात इंडस्ट्रीज एलोना) का प्रयोग करें।
- प्रति एकड़ खेत में 400 ग्राम कार्बेन्डाजिम 12% + मैनकोजेब 63% डब्लूपी (बीएसीएफ कारमैन, यूपीएल साफिलाइजर, धानुका सिक्सर) का प्रयोग करें।
रोगों से बचाव के सामान्य उपाय (General Precautions to Prevent Diseases)
- स्वच्छता का पालन करें: खेत और पौधों के आस-पास की सफाई बनाए रखें। रोगग्रस्त पौधों और अवशेषों को तुरंत हटा दें और नष्ट कर दें।
- फसल चक्र: फसल चक्रीकरण का पालन करें। इससे मिट्टी में रोगजनकों के संचय से बचा जा सकता है।
- रोग-प्रतिरोधी किस्मों का चयन: बीज और रोपण सामग्री का चयन करते समय रोग-प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।
- संतुलित सिंचाई: अधिक पानी देने से बचें, क्योंकि अधिक नमी कई बीमारियों का कारण बन सकती है।
- मिट्टी की देखभाल: मिट्टी में जल निकासी की उचित व्यवस्था होनी चाहिए। जलजमाव से जड़ सड़न और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
- कवकनाशी और कीटनाशक: आवश्यकता के अनुसार, कवकनाशक और कीटनाशकों का सही तरीके से उपयोग करें।
क्या आप भी ग्लेडियोलस की फसल में रोगों से परेशान हैं? अपना जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट करके बताएं। इसी तरह की अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए 'किसान डॉक्टर' चैनल को अभी फॉलो करें। और अगर पोस्ट पसंद आयी तो इसे लाइक करके अपने किसान दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)
Q: ग्लेडियोलस की खेती के लिए कौन सा समय सबसे उपयुक्त है?
A: ग्लेडियोलस की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय ठंड का मौसम होता है। इसे आमतौर पर अक्टूबर से मार्च के बीच उगाया जाता है, जब तापमान मध्यम होता है।
Q: ग्लेडियोलस के पौधों में वायरस जनित रोगों से बचाव कैसे किया जा सकता है?
A: वायरस जनित रोगों से बचाव के लिए रोग-मुक्त बल्बों का उपयोग करें और कीटों, विशेषकर एफिड्स, को नियंत्रित करें, जो इस रोग के वाहक होते हैं। संक्रमित पौधों को तुरंत हटाकर नष्ट करें।
Q: ग्लेडियोलस की खेती में रोगों से बचने के लिए कौन-कौन से उपाय किए जा सकते हैं?
A: रोगों से बचने के लिए फसल चक्रीकरण का पालन करें, संतुलित सिंचाई करें, मिट्टी में जल निकासी की व्यवस्था अच्छी रखें, और आवश्यकतानुसार, कवकनाशक और कीटनाशकों का उपयोग करें।
Q: ग्लेडियोलस कब लगाया जाता है?
A: ग्लेडियोलस की बुवाई का सही समय मध्य अक्टूबर से लेकर नवंबर तक होता है। इस समय अवधि में मिट्टी का तापमान पौधे की जड़ों के लिए अनुकूल होता है, जिससे पौधे की अच्छी वृद्धि होती है और फूलों की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
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