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जामुन के प्रमुख कीट और उसका प्रबंधन (Major pests of blackberry and its management)
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जामुन को ज्यादातर आयुर्वेदिक एवं इसके स्वास्थ्य लाभों के लिए उपयोग किया जाता है।जामुन में विटामिन सी, ए, फोलेट, और बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन्स होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। इसके अलावा, यह फल एंटीऑक्सीडेंट्स का उत्तम स्रोत है जो रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाते हैं। जामुन के बीजों का प्रयोग भी कई आयुर्वेदिक दवाओं में होता है। इसके सेवन से डायबिटीज, आंत्रिक संदर्भ, और रक्तचाप में सुधार हो सकता है। यह फल वजन घटाने में भी मदद करता है, क्योंकि इसमें कम कैलोरी और अधिक पोषक तत्व होते हैं। जामुन कई कीटों के लिए अतिसंवेदनशील होता है।
जामुन के मुख्य कीट एवं नियंत्रण (Main pests and control of blackberries)
फ्रूट बोरर कीट : जामुन में यह इल्ली कीट फलों को काटती हैं जिसका संक्रमण अगर ज्यादा हो गया तो फल गिर जातें हैं और इसके साथ ही कभी कभी पेड़ भी मुरझा जाते हैं। जिससे फलों की गुणवत्ता में कमी आती है।
- फेरोमोन ट्रैप्स का उपयोग: 8-10 फेरोमोन ट्रैप्स को प्रति एकड़ में लगाएं। इसमें गंधपाश का इस्तेमाल किया जाता है जिससे नर कीट आकर्षित होकर फंस जाते हैं।
- फसल में फ्रूट बोरर के प्रारंभिक लक्षणों का ध्यान दें: जब फ्रूट बोरर के प्रारंभिक लक्षण दिखाई दें, तो उनको काटकर फेंक दें।
- कीटनाशक दवाओं का उपयोग करें : (Dehaat - Illigo) ईमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी दवा का छिड़काव 100 मिली प्रति एकड़ की दर से के हिसाब से छिड़काव करे। और ज्यादा संक्रमण दिखने पर 60 मिली क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5% एससी दवा का छिड़काव प्रति एकड़ की दर से करें। इसके अतिरिक्त 150 लीटर पानी में 20 मिलीलीटर फ्लुबेंडियामाइड या 400 मिलीलीटर क्विनालफॉस घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करें।
माहू : यह कीट काले या हरे रंग का होता है, इसके प्रकोप से पत्तियां और टहनियां मुड़ने लगती हैं और पीली पड़ जाती हैं। इसके प्रकोप से फल काले पड़ जाते हैं। इसके कारण पत्तियों में नमी और पोषक तत्वों की मात्रा कम हो जाती हैं और पौधों का विकास रुक जाता है। किसानों को इससे काफी हानि होती है।
- प्रभावित भागों का हटाना: माहू-तेला कीट के प्रभावित हिस्सों को तोड़कर नष्ट करें।
- नीम के तेल का उपयोग: संक्रमित पौधों पर 500-600 मिलीलीटर प्रति एकड़ की दर से नीम के तेल का घोल बनाएं और छिड़काव करें। यह माहू-तेला कीट को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
- कीटनाशक का उपयोग: रासायनिक नियंत्रण के लिए (Dehaat - Contropest ) इमिडाक्लोप्रिड 70% WG या (Dehaat - Asear) थियामेथोक्साम 25% WG जैसे कीटनाशक दवाओं का उपयोग करें। इनका छिड़काव पौधों पर करें।
- प्रकाश प्रपंच का उपयोग: खेतों में प्रकाश प्रपंच लगाकर भी कीट को नियंत्रित किया जा सकता है।
थ्रिप्स : जामुन की पत्तियों पर छोटे, काले या भूरे रंग के कीड़े दिखाई देते हैं। पत्तियां पीली पड़ जाती हैं, भूरे रंग के धब्बे विकसित करती हैं। इसके अलावा पत्तियां किनारों से मुड़ जाती हैं। यह कीट काफी नुकसान पहुंचाते हैं।
- खेत में स्टिकी ट्रैप्स का प्रयोग: खेत में 4 से 6 स्टिकी ट्रैप्स का उपयोग करें। ये ट्रैप्स थ्रिप्स को आकर्षित करके उन्हें फंसने से रोकते हैं।
- फेरोमेन ट्रैप्स का उपयोग: फेरोमेन ट्रैप्स का उपयोग करें, जिसमें गंधपाश का इस्तेमाल किया जाता है। इससे नर कीट आकर्षित होकर फंस जाते हैं।
- नीम का तेल घोल: प्रति लीटर पानी में एक बड़ा चम्मच नीम का तेल मिलाकर घोल बनाएं और इसे प्रभावित पौधों पर छिड़काव करें।
- जैविक कीटनाशक का उपयोग: जैविक कीटनाशक जैसे नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्नि अस्त्र, दशपर्णी अर्क इत्यादि का उपयोग करें। इनका प्रयोग थ्रिप्स को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- कवर क्रॉप्स का उपयोग: इससे थ्रिप्स की प्रवासी प्रतिरोधकता में मदद मिलती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Question (FAQs)
Q: जामुन की फसल किस मौषम में की जाती है?
A: जामुन, जिसे भारतीय ब्लैकबेरी के रूप में भी जाना जाता है, भारत में गर्मी के मौसम में काटा जाता है। क्षेत्र और जलवायु के आधार पर फल मई से जुलाई के महीनों के दौरान पकते हैं। फल आमतौर पर तब काटा जाता है जब यह पूरी तरह से पका होता है और इसका रंग गहरा बैंगनी होता है। जामुन भारत में एक लोकप्रिय फल है और इसका उपयोग जैम, जेली और जूस बनाने के लिए किया जाता है। इसका सेवन ताजा भी किया जाता है और माना जाता है कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं।
Q: जामुन के पेड़ कितने दिन में फल देता है?
A: जामुन का पेड़ आमतौर पर रोपण के 5-6 साल बाद फल देना शुरू कर देता है। हालांकि, पेड़ को फल देने में लगने वाला सही समय विभिन्न कारकों जैसे पेड़ की विविधता, मिट्टी और मौसम की स्थिति और पेड़ को प्रदान की जाने वाली देखभाल और रखरखाव के आधार पर भिन्न हो सकता है। एक बार जब पेड़ फल देना शुरू कर देता है, तो यह कई दशकों तक ऐसा करना जारी रख सकता है।
Q: जामुन में लगने वाले मुख्य कीट कौन से हैं?
A: जामुन में पाए जाने वाले कुछ मुख्य कीट हैं: फल मक्खियाँ, थ्रिप्स, मकड़ी, एफिड्स, सफेद मक्खी।
Q: जामुन की खेती कैसे की जाती है?
A: भूमि की तैयारी पौधों के स्वस्थ विकास के लिए वास्तव में महत्वपूर्ण होती है। यह उचित मात्रा में पोषक तत्वों को पौधों तक पहुंचाती है और उनकी प्रमुख भूमिका निभाती है। आपके उपयुक्त सुझावों के अनुसार, भूमि की एक बार जुताई करना उचित होता है। प्रारंभिक खाद, कम्पोस्ट, और नीम की खाद के योग में मिलाने से मिट्टी को सुषम और पोषक बनाए रखने में मदद मिलती है। पौधों के प्रत्यारोपण को भी ध्यान में रखना जरूरी है, जिससे कि वे अच्छी तरह से बढ़ सकें। ऊंची क्यारियों पर प्रत्यारोपण करने से पौधों को अधिक सूर्य प्रकाश और हवा मिलती है, जो उनकी स्वस्थ विकास में मदद करता है।
Q: जामुन के मुख्य रोग कौन से हैं?
A: जामुन में मुख्य रूप से एन्थ्रेक्नोज, पत्ती पर धब्बे, पत्तियां गिरना और डाईबैक रोग लगते हैं।
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