गेंदा: प्रमुख रोग, लक्षण एवं नियंत्रण | Marigold: Major Diseases, Symptoms, and Control

पूजा हो या घरों की सजावट, गेंदे के फूलों के बीना अधूरी सी लगती है। इस कारण बाजार में गेंदे के फूलों की मांग भी लगातार बढ़ते जा रही है। मांग बढ़ने के कारण इसकी बागवानी करने वाले किसानों के लिए ये मुनाफे का सौदा साबित हो रहा है। वैसे तो गेंदे में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं, इसलिए इसके पौधों में रोगों और कीटों का प्रकोप कम होता है। लेकिन यदि पौधे रोगों की चपेट में आ जाए तो मुनाफा देने वाली ये फसल किसानों की जेब पर भारी पड़ सकती है। यदि आप भी कर रहे हैं गेंदे की बागवानी तो पौधों में होने वाले कुछ रोगों के लक्षण एवं नियंत्रण की जानकारी इस आर्टिकल से प्राप्त कर सकते हैं।
गेंदा के पौधों में होने वाले कुछ प्रमुख रोग | Major Diseases Affecting Marigold Plants
पत्ती धब्बा रोग से होने वाले नुकसान: इस रोग के कारण पौधों की पत्तियों पर अनियमित आकार के भूरे, काले या पीले रंग के धब्बे उभरने लगते हैं। धब्बे बढ़ने पर पत्तियां सूख कर गिरने लगती हैं। प्रभावित पौधे कमजोर हो जाता हैं और उनका विकास धीमा हो जाता है। रोग बढ़ने पर फूलों का उत्पादन कम हो सकता है।
पत्ती धब्बा रोग पर नियंत्रण के तरीके:
- इस रोग पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 400 ग्राम कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% डब्ल्यू.पी (देहात साबू, यूपीएल साफ) का प्रयोग करें।
- प्रति एकड़ खेत में 600-800 ग्राम प्रोपिनेब 70% डब्ल्यू.पी. (देहात जिनेक्टो, बायर एंट्राकोल) का प्रयोग करें।
चूर्णिल आसिता रोग से होने वाले नुकसान: इस रोग से गेंदे की पत्तियों पर सफेद रंग के पाउडर के समान धब्बे उभरने लगते हैं। रोग बढ़ने के साथ ये धब्बे आपस में जुड़ने लगते हैं और पूरी पत्ती को ढक सकते हैं। प्रभावित पौधों की पत्तियां धीरे-धीरे पीली होने लगती हैं। कुछ समय बाद पत्तियां सूख कर गिरने लगती हैं। गंभीर मामलों में पौधों की शाखाओं और फूलों की डंठल पर भी सफेद धब्बे उभर सकते हैं। इस रोग के कारण पौधों के विकास में बाधा आ सकती है।
चूर्णिल आसिता रोग पर नियंत्रण के तरीके:
- इस रोग पर नियंत्रण के लिए प्रति एकड़ खेत में 80 ग्राम (बायर नेटिवो) का प्रयोग करें।
- प्रति एकड़ खेत में 300 मिलीलीटर एज़ोक्सिस्ट्रोबिन 11% + टेबुकोनाज़ोल 18.3% एस.सी. (देहात एजीटॉप) का प्रयोग करें।
- प्रति एकड़ खेत में 800 ग्राम एज़ोक्सीस्ट्रोबिन 4.7% + मैन्कोज़ेब 59.7% + टेबुकोनाज़ोल 5.6% डब्ल्यूजी (स्वाल एरिन) का प्रयोग करें।
जड़ सड़न रोग से होने वाले नुकसान: इस रोग के होने पर पौधों की जड़ें नरम और काले रंग की हो जाती हैं। जड़ों के सड़ने से पौधे पोषक तत्वों और पानी को अवशोषित नहीं कर पाते हैं। धीरे-धीरे पौधों की पत्तियां पीली होने लगती हैं और पौधा कमजोर हो कर मुरझाने लगते हैं। परिणाम स्वरूप फूलों की उपज एवं गुणवत्ता दोनों में कमी आती है।
जड़ सड़न रोग पर नियंत्रण के तरीके:
- प्रति किलोग्राम बीज को 3 ग्राम कार्बोक्सिन 37.5% + थिरम 37.5% डब्ल्यूएस (स्वाल इमिवैक्स, धानुका वीटावैक्स पावर) से उपचारित करें।
- प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% डब्ल्यू.पी (देहात साबू, यूपीएल साफ) से उपचारित करें।
उकठा रोग से होने वाले नुकसान: यह एक ऐसा फफूंद जनित रोग है जिसके कवक मिट्टी में कई सालों तक जीवित रहते हैं। ये फफूंद बहुत तेजी से फैलते हुए फसल को कम समय में अधिक प्रभावित करते हैं। किसी भी अवस्था की फसल इस रोग से प्रभावित हो सकती है। इस रोग के होने पर पौधों में फूलों की संख्या में 10 से 15 प्रतिशत तक कमी आती है। इस रोग की शुरुआती अवस्था में पौधे के निचले पत्ते सूख कर मुरझाने लगते हैं। संक्रमण बढ़ने पर पूरा पौधा पूर्ण रूप से सूख कर मुरझा जाता है। पौधों में फूल आने पर फूलों पर भी धब्बे उभरने लगते हैं।
उकठा रोग पर नियंत्रण के तरीके:
- प्रति किलोग्राम बीज को 3 ग्राम कार्बोक्सिन 37.5% + थिरम 37.5% डब्ल्यूएस (स्वाल इमिवैक्स, धानुका वीटावैक्स पावर) से उपचारित करें।
- प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम कार्बेन्डाजिम 12% + मैंकोजेब 63% डब्ल्यू.पी (देहात साबू, यूपीएल साफ) से उपचारित करें।
आपके गेंदा के पौधों में किस रोग का प्रकोप अधिक होता है और रोगों पर नियंत्रण के लिए आप किन दवाओं का प्रयोग करते हैं? अपने जवाब हमें कमेंट के द्वारा बताएं। फसलों को विभिन्न रोगों एवं कीटों से बचाने की अधिक जानकारियों के लिए
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)
Q: गेंदा में मुख्य रोग क्या है?
A: गेंदे के पौधों में सबसे अधिक चूर्णिल आसिता रोग यानी पाउडरी मिल्ड्यू रोग का प्रकोप होता है। इसके अलावा गेंदे के पौधे फूल सड़न रोग, पत्ती धब्बा रोग, जड़ सड़न रोग, उकठा रोग, रस्ट, आदि से भी प्रभावित हो सकते हैं।
Q: हम पौधों को रोगों से कैसे बचा सकते हैं?
A: पौधों को बीमारियों से बचाने के लिए, पौधों के आस-पास साफ-सफाई बनाए रखना महत्वपूर्ण है, जिसमें बगीचे से मृत या रोगग्रस्त पत्तियों और मलबे को हटाना शामिल है। इसके अतिरिक्त, रोग प्रतिरोधी पौधों की किस्मों का उपयोग करने से संक्रमण के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है।
Q: गेंदा का पौधा क्यों सूख रहा है?
A: गेंदे के पौधों के सूखने के कई कारण हो सकते हैं। जिनमें पानी की कमी, अधिक मात्रा में सिंचाई, रोग एवं कीटों का प्रकोप होना शामिल है।
Q: गेंदे के पत्ते सफेद क्यों हो जाते हैं?
A: क्लोरोफिल की कमी या मैग्नीशियम या आयरन जैसे पोषक तत्वों की कमी के कारण गेंदे के पत्ते सफेद नजर आ सकते हैं। इसके अलावा पाउडरी मिल्ड्यू रोग का प्रकोप होने पर भी प्रभावित पत्तियां सफेद हो सकती हैं।
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