पोस्ट विवरण
सुने
खरपतवार जुगाड़
31 Dec
Follow
मेंथा में खरपतवार प्रबंधन
खरपतवारों के कारण फसलों को उचित मात्रा में खेत में मौजूद पोषक नहीं मिल पाता है। जिससे उपज में कमी के साथ गुणवत्ता में भी कमी आती है। खरपतवारों के कारण मेंथा की फसल में तेल की मात्रा में भी कमी आती है। खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए इस पोस्ट में बताई गई दवाओं का प्रयोग करें।
मेंथा की फसल में खरपतवारों पर कैसे करें प्रबंधन?
- मेंथा की फसल में खरपतवारों का अधिक प्रकोप होता है।
- खरपतवारों को पनपने से रोकने के लिए बुवाई से पहले खेत में गहरी जुताई करें। इससे खेत में पहले से मौजूद खरपतवार नष्ट हो जाएंगे।
- फसल चक्र अपनाएं।
- मेंथा में खरपतवार नियंत्रण करने के लिए बुवाई के 48 घंटे के अंदर 600 मिलीलीटर पेंडिमेथालिन 38.7% सीएस (बीएएसएफ- स्टॉम्प एक्स्ट्रा, यूपीएल- दोस्त सुपर, टाटा रैलिस- पैनिडा ग्रांडे, SWAL- पैंडोरा) की मात्रा प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें।
- 25-30 दिनों की फसल में निराई गुड़ाई करें।
मेंथा की फसल में खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए आप किन दवाओं का प्रयोग करते हैं? अपने जवाब हमें कमेंट के द्वारा बताएं। फसलों में खरपतवारों पर नियंत्रण की अधिक जानकारी के लिए 'खरपतवार जुगाड़' चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक एवं कमेंट करना न भूलें।
57 Likes
2 Comments
Like
Comment
Share
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ