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कृषि टेक
2 May
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इन आधुनिक कृषि यंत्रों से बुवाई हुई आसान | Modern Agricultural Machinery for Sowing

किसानों के लिए पारम्परिक तरीके से बीज की बुवाई करना बहुत ही कठिन कार्य है। हाथों से बीज की बुवाई करने में समय के साथ श्रम की आवश्यकता भी अधिक होती है। इस समस्या के समाधान के लिए आप आधुनिक कृषि यंत्रों का सहारा ले सकते हैं। धान, गेहूं, मक्का, आलू, गन्ना, जैसे विभिन्न फसलों की बुवाई के लिए कई तरह के आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध हैं। इन यंत्रों के द्वारा बुवाई करने पर समय और श्रम के साथ कृषि में होने वाली लागत में भी बचत होती है। केवल इतना ही बीज की बुवाई या पौधों की रोपाई करने वाले मशीनों के द्वारा हम खेत में कतारों के बीच की दूरी और पौधों के बीच की दूरी भी तय कर सकते हैं। कुछ बुवाई की मशीनें खेत की जुताई और खरपतवारों पर नियंत्रण में भी सहायक हैं। जिससे फसल की उपज में 10 से 12 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो सकती है। आइए इस पोस्ट के माध्यम से हम बुवाई के लिए इस्तेमाल होने वाले कुछ प्रमुख कृषि यंत्रों की जानकारी प्राप्त करते हैं।

विभिन्न फसलों की बुवाई के लिए कुछ आधुनिक कृषि यंत्र | Modern Machinery for Sowing

  • सीड ड्रिल मशीन: यह एक ऐसा आधुनिक कृषि यंत्र है, जिससे कम समय में आसानी से बीज की बुवाई की जा सकती है। अलग-अलग फसलों की बुवाई के लिए अलग-अलग तरह की मशीने उपलब्ध हैं। इस मशीन में आप अपनी आवश्यकता के अनुसार कतरो के बीच की दूरी, बीज से बीज की दूरी एवं बीज की गहराई तय कर सकते हैं। इस मशीन से बीज की बुवाई करने पर बीज टूटते नहीं हैं। इससे पूरे खेत में एक समान बुवाई की जा सकती है। बुवाई के बाद बीज के ऊपर मिट्टी चढ़ाने में भी सुविधा होती है। इस मशीन के द्वारा खेत में उर्वरकों का प्रयोग भी किया जा सकता है।
  • हैप्पी सीडर: हैप्पी सीडर रोटावेटर और जीरो टिलेज ड्रिल मशीन का मिश्रण है। इसे ट्रैक्टर के साथ लगा कर चलाया जाता है। इस मशीन में आगे की तरफ रोटावेटर यूनिट लगा होता है जो धान की पराली को मिट्टी में दबाने के साथ खेत में क्यारियां तैयार करता है। इसके साथ ही इसमें जीरो टिलेज मशीन लगी होती है। जिससे खेत में जुताई किए बिना ही गेहूं की बुवाई आसानी से की जा सकती है। इस यंत्र में दो बॉक्स बने होते हैं जिनमें खाद और बीज अलग-अलग भरा जाता है। हैप्पी सीडर मशीन के द्वारा 1 दिन में करीब 6 से 8 एकड़ खेत में बुवाई की जा सकती है।
  • सुपर सीडर मशीन: धान की कटाई के बाद पराली प्रबंधन किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है। परली के कारण कई बार किसानों को गेहूं एवं अन्य रबी फसलों की बुवाई में देर हो जाती है। इस समस्या के समाधान के लिए सुपर सीडर मशीन एक बेहतर विकल्प है। इस मशीन के द्वारा 10-12 इंच तक ऊंची धान की पराली को केवल 1 बार जुताई कर के गेहूं की बुवाई की जा सकती है। इस मशीन के आगे लगा रोटावेटर लगा होता है, जो खेत में मौजूद पराली को काट कर मिट्टी में मिलता है। इससे मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की मात्रा बढ़ती है। इसमें लगा रोलर मिट्टी को समतल करने में सहायक है। इसके बाद मशीन के पीछे लगे सीडड्रील से हम अगली फसल की बुवाई बहुत आसानी से कर सकते हैं।
  • राइस ट्रांसप्लांटर: यह एक ऐसा आधुनिक कृषि यंत्र है जिसके द्वारा एक बार में 4 से 8 पक्तियों में धान के पौधों की रोपाई की जा सकती है। इन दिनों बाजार में कई तरह के राइस ट्रांसप्लांटर उपलब्ध हैं। जिनमें जापानी पैडी प्लांटर, सेल्फ प्रोपेल्ड मशीन एवं महिंद्रा एंड महिंद्रा पैडी प्लांटर, आदि कुछ प्रमख हैं। इस मशीन की सहायता से केवल 2 से 3 घंटों में ही प्रति एकड़ खेत में धान के पौधों की रोपाई की जा सकती है।
  • शुगरकेन प्लांटर: गन्ने की बुवाई को आसान बनाने वाला यह एक आधुनिक कृषि यंत्र है। इस यंत्र के द्वारा गन्ने की बुवाई के अलावा खेत में नालियां तैयार करना, उर्वरकों का प्रयोग और फसल की कटाई बहुत आसानी से की जा सकती है। इस आधुनिक यंत्र को ट्रैक्टर से जोड़ कर चलाया जाता है। इसमें गन्ने के छोटे टुकड़े काटने वाली इकाई लगी होती है। इस यंत्र में लगे लोहे के बॉक्स में रखे गन्नों को कटाई यूनिट में डालना होता है। इसमें लगे ब्लेड गन्नों की कटाई करते हुए खेत में बने कतारों में गिरता है। इस यंत्र के द्वारा गन्ने की बुवाई कतारों में उचित दूरी एवं निश्चित गहराई में की जा सकती है। इससे गन्ने की बुवाई में होने वाले खर्च में करीब 53 प्रतिशत तक कमी आ सकती है।
  • पोटैटो प्लांटर: बाजार में कई तरह के पोटैटो प्लांटर उपलब्ध हैं। जिनमें से कुछ स्वचालित होते हैं। वहीं कुछ मशीनें अर्ध-स्वचालित और हाई-स्पीड ऑटोमेटिक होती हैं। इस मशीन के द्वारा आलू की बुवाई की प्रक्रिया बहुत आसानी से एवं कम समय में की जा सकती है। इसके द्वारा समान दूरी पर और उचित गहराई में बीज की रोपाई की जा सकती है। इस के द्वारा एक कतार आलू में बुवाई की जा सकती है। जिससे फसल की खुदाई करने में आसानी होती है।

विभिन्न फसलों की बुवाई के लिए आप किन यंत्रों का उपयोग करते हैं? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए 'कृषि टेक' चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Question (FAQs)

Q: फसल की बुवाई में उपयोगी कृषि औजार कौन सा है?

A: इन दिनों बाजार में कई ऐसी मशीनें हैं जो फसल की बुवाई में उपयोगी साबित होती हैं। इनमें सीड ड्रिल मशीन सबसे अधिक प्रचलित है। सीड ड्रिल मशीन का उपयोग आमतौर पर गेहूं, जौ और दलहन जैसी फसलों की बुवाई के लिए किया जाता है।

Q: बीज बोने के लिए किस कृषि यंत्र का उपयोग किया जाता है?

A: भारत में बीज की बुवाई के लिए कई कृषि उपकरणों का उपयोग किया जाता है।जिनमें सीड ड्रिल मशीन, प्लांटर, ब्रॉडकास्ट सीडर, सुपर सीडर, हैप्पी सीडर, राइस ट्रांसप्लांटर, शुगरकेन प्लांटर, पोटैटो प्लांटर, आदि शामिल हैं।

Q: बुवाई के लिए पारंपरिक उपकरण क्या है?

A: भारत में कुछ दशक पहले तक पारंपरिक तरीके से बुवाई की जाती थी। इसमें कृषि उपकरणों की जगह हाथों से बीज की बुवाई और पौधों का प्रत्यारोपण किया जाता था। इसके बाद किसानों ने इस कार्य के लिए लकड़ी का हल, दरांती और डिबलिंग का प्रयोग करना शुरू किया। डिबलिंग एक ऐसी विधि है जिसमें एक नुकीली छड़ी या लकड़ी के डिबर के साथ मिट्टी में छोटे छेद बनाकर बीज डाले जाते हैं। समय के साथ अब किसान आधुनिक कृषि यंत्रों का प्रयोग करने लगे हैं।

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