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30 Mar
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मूंग: कीट, लक्षण, बचाव एवं उपचार | Green Gram: Pests, Symptoms, Prevention and Treatment

मूंग की फसल में कीटों के प्रकोप के कारण फसल की गुणवत्ता एवं उपज कम हो जाती है, जिससे किसानों का भारी नुकसान होता है। इस नुकसान से बचने के लिए सही दवाओं का प्रयोग करना बहुत जरूरी है। कई बार कीटनाशक दवाओं की उचित जानकारी नहीं होने के कारण इन पर नियंत्रण करना बहुत मुश्किल हो जाता है। किसानों की इस परेशानी को दूर करने के लिए मूंग की फसल में लगने वाले कुछ प्रमुख रोग एवं इन पर नियंत्रण की जानकारी यहां से प्राप्त करें।

मूंग की फसल में लगने वाले कुछ प्रमुख कीट | Major pests affecting the Green Gram

रस चूसक कीट से होने वाले नुकसान: मूंग की फसल में माहू, सफेद मच्छर, हरा तेला जैसे रस चूसक कीटों का प्रकोप अधिक होता है। इस तरह के कीट पौधों की कोमल पत्तियों का रस चूस कर पौधों को कमजोर कर देते हैं। पौधों में फलियां आने के बाद ये कीट फलों का भी रस चूसने लगते हैं। पत्तियां ऊपर या नीचे की तरफ मुड़ने लगती हैं। इन कीटों के कारण कई बार प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया भी प्रभावित होती है। इन कीटों का प्रकोप बढ़ने पर पौधों के विकास में बाधा आती है।

रस चूसक कीट पर नियंत्रण के तरीके

  • इन कीटों पर नियंत्रण के नीचे दी गई दवाओं में से किसी एक का प्रयोग करें।
  • इस कीट पर नियंत्रण के लिए 200 लीटर पानी में 100 ग्राम थियामेथोक्सम 25%डब्ल्यू.जी (देहात एसियर) का छिड़काव करें।
  • थियामेथोक्सम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% जेड सी (देहात एंटोकिल) का 80 मिलीलीटर दवा को 150-200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें।
  • क्लोपाइरीफोस 50% + साइपरमेथ्रिन 5% ईसी  (देहात सी-स्क्वायर ) का 300 मिलीलीटर दवा को 150-200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें।
  • ऐसफेट 50% + इमिडाक्लोप्रिड 1.8% एसपी (यूपीएल लांसर गोल्ड) का 300 ग्राम दवा को 1200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 200 लीटर पानी में 80 ग्राम एसिटामिप्रिड 20% एसपी (टाटा रैलिस माणिक) का प्रयोग करें।

ब्लिस्टर बीटल से होने वाले नुकसान: व्यस्क कीट मूंग के फूल एवं फलों को खा कर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं। इस कीट का प्रकोप बढ़ने पर पौधों में फलियां नहीं बनती हैं, जिससे पैदावार में कमी आती है।

ब्लिस्टर बीटल पर नियंत्रण के तरीके

  • यदि संभव हो तो व्यस्क कीटों को हाथों से नष्ट करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 10 फेरोमोन ट्रैप लगाएं।
  • रासायनिक नियंत्रण के लिए निम्नलिखित में से किसी एक दवा का छिड़काव करें।
  • 200 लीटर पानी में 300 मिलीलीटर अजाडिराक्टिन 01.00% ईसी 10000 पीपीएम (मार्गो इकोनीम प्लस) मिला कर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एस जी (देहात इल्लीगो) का 100 ग्राम दवा को 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें।
  • थियामेथोक्सम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% जेड सी (देहात एंटोकिल) का 100 मिलीलीटर दवा को 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें।
  • डाइमेथोएट 30% ईसी (टाटा टैफगोर) का 300 मिलीलीटर दवा को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 200 लीटर पानी 400 मिलीलीटर फेनवेलरेट 10% ईसी (टाटा रैलिस फेन) मिला कर छिड़काव करें।
  • 200 लीटर पानी में 300 मिलीलीटर फेनप्रोपेथ्रिन 10% ईसी (सुमिटोमो डेनिटोल) मिला कर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

फली छेदक कीट से होने वाले नुकसान: मूंग की फसल में इस कीट के कारण भारी नुकसान होता है। यह कीट फलियों में छेद करके अंदर के दानों को खाते हैं।

फली छेदक कीट पर नियंत्रण के तरीके

इस कीट पर नियंत्रण के लिए नीचे दी गई दवाओं में से किसी एक का प्रयोग करें।

  • थियामेथोक्सम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% जेड सी (देहात एंटोकिल) का 80 मिलीलीटर दवा को 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें।
  • क्लोपाइरीफोस 50% + साइपरमेथ्रिन 5% ईसी  (देहात सी-स्क्वायर ) का 300 मिलीलीटर दवा को 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें।
  • इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एस जी (देहात इल्लीगो) का 100 ग्राम दवा को 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें।
  • 200 लीटर पानी में 120 मिलीलीटर डेल्टामेथ्रिन 2.8% ईसी (बायर डेसीस 2.8) मिला कर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • 200 लीटर पानी में 80 मिलीलीटर क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5% w/w एससी (एफएमसी कोराजन) मिला कर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • 200 लीटर पानी में 300 मिलीलीटर नोवलूरॉन 5.25% + इंडोक्साकार्ब 4.5% w/w एससी (अडामा प्लेथोरा) मिला कर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

हरा फुदका कीट से होने वाले नुकसान: इस कीट को ग्रीन लीफ हॉपर कीट के नाम से भी जाना जाता है। मूंग के अलावा कई अन्य फसलों में भी इस कीट का प्रकोप होता है। पौधों में फूल आने के समय इस कीट का प्रकोप सबसे अधिक होता है। पौधों में फलियां आने के समय इस कीट का प्रकोप होने पर दानों के आकार और संख्या में कमी आ सकती है।

हरा फुदका कीट पर नियंत्रण के तरीके

  • नीचे दी गई दवाओं में से किसी भी एक दवा के प्रयोग से इस कीट पर नियंत्रण किया जा सकता है।
  • 200 लीटर पानी में 300 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड 30.5% एस सी (बायर कॉन्फिडोर सुपर) मिला कर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • थियामेथोक्सम 12.6% + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5% जेडसी (देहात एंटोकिल) का 80 मिलीलीटर दवा को 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें।
  • 200 लीटर पानी में 300 मिलीलीटर क्विनलफॉस 25% ईसी (धानुका धानुलक्स)  मिला कर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।
  • डाइमेथोएट 30% ईसी (टाटा टैफगोर) का 300 मिलीलीटर दवा को 150-200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें।

आपके मूंग की फसल में किस कीट का प्रकोप अधिक होता है और इन पर नियंत्रण के लिए आप किन दवाओं का प्रयोग करते हैं? अपने जवाब हमें कमेंट के द्वारा बताएं। कृषि संबंधी जानकारियों के लिए देहात के टोल फ्री नंबर 1800-1036-110 पर सम्पर्क करके विशेषज्ञों से परामर्श भी कर सकते हैं। इसके अलावा, 'किसान डॉक्टर' चैनल को फॉलो करके आप फसलों के सही देखभाल और सुरक्षा के लिए और भी अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक एवं शेयर करके आप इस जानकारी को अन्य किसानों तक पहुंचा सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Question (FAQs)

Q: मूंग में कौन कौन से कीट लगते हैं?

A: मूंग की फसल में हरा फुदका कीट, माहू, सफेद मच्छर, हरा तेला, फली छेदक कीट, ब्लिस्टर बीटल जैसे कीटों का प्रकोप अधिक होता है।

Q: मूंग के पत्ते पीले क्यों होते हैं ?

A: मूंग की फसल में पीला मोजैक वायरस रोग के कारण पत्ते पीले होने लगते हैं। इस रोग के कारण से पैदावार में गिरावट आ जाती है।

Q: मूंग की फसल में पीलापन कैसे दूर करें?

A: मूंग की फसल में पीलापन के कई कारण हैं, जिनमें रोग एवं कीटों का प्रकोप और पोषक तत्वों की कमी मुख्य है। फसल में पीलापन दूर करने के लिए सबसे पहले इसका कारण पता करें, इसके बाद उचित दवाओं का प्रयोग करें।

Q: मूंग की अच्छी पैदावार के लिए क्या करें?

A: मूंग की अच्छी पैदावार के लिए उन्नत किस्मों का चयन करें, खाद-उर्वरक, पोषक तत्व का प्रबंधन समय पर करें, खेत को साफ-सुथरा रखें। खेत तैयार करते समय 'देहात स्टार्टर' का 04 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें।

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