तपशील
ऐका
खते
मटार
कृषि ज्ञान
29 Dec
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मटर: बेहतर विकास के लिए करें इन उर्वरकों का प्रयोग

दलहन फसलों में मटर की खेती प्रमुखता से की जाती है। लेकिन कई बार पोषक तत्वों की कमी होने पर पौधों में फलियां नहीं बनती हैं। यदि पौधों में पलियां बन भी गई तो उनमें दानें नहीं बन पाते हैं। जिससे पैदावार में भारी कमी आती है। इसलिए मटर के बेहतर विकास के लिए उर्वरकों की मात्रा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।

बेसल डोज:

  • खेत तैयार करते समय प्रति एकड़ खेत में 4 से 5 टन गोबर की खाद मिलाएं।
  • प्रति एकड़ खेत में 50 किलोग्राम डीएपी एवं 25 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश का प्रयोग करें।
  • खेत की तैयारी के समय प्रति एकड़ खेत में 4 किलोग्राम देहात स्टार्टर का भी प्रयोग करें।

पौधों में फूल आने के समय:

  • पौधों के अच्छे विकास के लिए फूल निकलने के समय या फलियां बनते समय प्रति एकड़ खेत में 750 ग्राम पोटैशियम नाइट्रेट 13:00:45 (देहात- न्यूट्रीवन केएनओ3) को 150 लीटर पानी में मिला कर छिड़काव करें।
  • इसके साथ ही 150 लीटर पानी में 750 ग्राम मोनो पोटैशियम फॉस्फेट 00:52:34 (देहात- न्यूट्रीवन एमकेपी) का प्रयोग प्रति एकड़ की दर से करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 1 किलोग्राम एनपीके 00:52:34 (श्रीराम साथी- एनपीके 00:52:34) का छिड़काव करें।
  • पौधों में फूल-फलों की संख्या बढ़ाने के लिए 200 लीटर पानी में 12.5 ग्राम जिब्रेलिक एसिड 40% WSG (सुमिटोमो- प्रोजिब इजी) का प्रयोग प्रति एकड़ की दर से करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 400-600 मिलीलीटर इक्कोन एचएस का भी प्रयोग भी लाभदायक साबित हो सकता है।

आप मटर की फसल में कितनी मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करते हैं और इससे आपको कितनी उपज प्राप्त होती है? अपने जवाब हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए 'कृषि ज्ञान' चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें।

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