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12 Feb
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आलू में फसल सुरक्षा के लिए जैविक उपचार | Organic Solutions for Potato Crop Protection

आलू भारत में सबसे अधिक उगाई जाने वाली फसलों में से एक है। यह एक महत्वपूर्ण खाद्य फसल है, लेकिन इसे कई प्रकार के कीटों, रोगों और खरपतवारों से खतरा रहता है। रासायनिक कीटनाशकों और कवकनाशकों के अत्यधिक उपयोग से मिट्टी की उर्वरता पर बुरा प्रभाव पड़ता है और पर्यावरण भी प्रभावित होता है। इसलिए, जैविक उपचारों का उपयोग करके आलू की फसल की सुरक्षा करना एक बेहतर समाधान हो सकता है।

आलू की फसल में जैविक उपचार का महत्व | Importance of Organic Treatments in Potato Crops

  • जैविक उपचार करने से मिट्टी की उर्वरक क्षमता बनी रहती है।
  • फसल में विषैले रसायनों का अवशेष नहीं रहता, जिससे स्वास्थ्य पर किसी तरह का नुकसान नहीं होता है।
  • जैविक उपचार पर्यावरण के लिए सुरक्षित होते हैं।
  • यह लम्बी अवधि तक खेती के लिए लाभदायक है और उत्पादन की गुणवत्ता को बनाए रखता है।

आलू की फसल में जैविक विधि से रोग एवं कीट नियंत्रण के तरीके | Methods for Disease and Pest Control in Potatoes Using Organic Practices

  • ट्राइकोडर्मा हर्जियानम: ट्राइकोडर्मा हर्जियानम लाभकारी कवक की एक प्रजाति है जिसे आमतौर पर कृषि में जैव नियंत्रण एजेंट के रूप में उपयोग किया जाता है। यह पौधों में पोषक तत्वों के ग्रहण करने की क्षमता को बढ़ाने में सहायक है। इसके साथ ही यह मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार और रोगों के प्रतिरोध को बढ़ाने में भी मददगार साबित होता है। इसके इस्तेमाल से बीज कंदों को सड़ने और जड़ों के रोगों से बचाव होता है। आलू की बुवाई से पहले प्रति किलोग्राम बीज में 2 से 4 ग्राम ट्राइकोडर्मा पाउडर को समान रूप से मिलाएं। मिट्टी उपचारित करने के लिए प्रति एकड़ खेत में 5 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा हर्जियानम का प्रयोग करें।
  • ब्यूवेरिया बेसियाना: यह एक एंटोमोपैथोजेनिक कवक है जो विभिन्न प्रकार के कीटों में सफेद मस्कैडिन रोग का कारण बनता है। ये मिट्टी में स्वाभाविक रूप से पाया जाने वाला एक जैविक कीटनाशक है। अन्य कीटनाशकों की तरह कीट को इसे खाने की आवश्यकता नहीं होती है। कीट केवल इसके संपर्क में आने से ही प्रभावित हो जाते हैं। इसका इस्तेमाल बीज उपचार और फसलों पर छिड़काव, दोनों तरीके से किया जा सकता है। इसके लिए 10 ग्राम ब्यूवेरिया बेसियाना से प्रति किलोग्राम बीज को उपचारित करें। फसलों पर छिड़काव के लिए प्रति एकड़ खेत में 5 ग्राम ब्यूवेरिया बेसियाना का प्रयोग करें।
  • स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस: स्यूडोमोनास एक प्रकार का जीवाणु होता है जो मिट्टी और पानी में पाया जाता है। यह जीवाणु फफूंदों के खिलाफ एक प्रकार की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली का हिस्सा होता है। स्यूडोमोनास की कई प्रजातियां होती हैं। फसलों का बीज जनित और मृदा जनित रोगों से बचाने के लिए 2.5 मिलीलीटर स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस तरल से प्रति किलोग्राम बीज को उपचारित करें। यदि स्यूडोमोनास पाउडर फॉर्म में है तो प्रति किलोग्राम बीज को 5 ग्राम स्यूडोमोनास से उपचारित करें।
  • नीम का तेल: इसे नीम के पेड़ के आरक से बनाया जाता है। जैविक विधि से कीटों पर नियंत्रण के लिए ये बहुत कारगर साबित होता है। विभिन्न कीटों पर नियंत्रण के लिए 2-3% नीम के तेल का छिड़काव करें।
  • फसल चक्र: खेत में मौसम के अनुसार विभिन्न फसलों को लगाने से कीटों का जीवन चक्र बाधित हो सकता है। इस विधि से खरपतवारों की समस्या से भी राहत मिलती है।

जैविक विधि से खरपतवार नियंत्रण के तरीके | Organic Methods for Weed Control in Potato Crops

  • गहरी जुताई: बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करें। इससे खेत में पहले से मौजूद खरपतवार नष्ट हो जाते हैं।
  • निराई-गुड़ाई: खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए निराई-गुड़ाई एक प्रचलित विधि है। खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए बुवाई के  20 से 25 दिनों के बाद पहली निराई-गुड़ाई करें। इसके बाद, आवश्यकता के अनुसार इस प्रक्रिया को दोहराया जा सकता है।
  • मल्चिंग: मल्चिंग यानी पलवार खरपतवार के नियंत्रण के लिए एक बेहतरीन तरीका है। इसके लिए खेत में लगे पौधों की जमीन को चारों तरफ से प्लास्टिक कवर, पुआल या पत्तों आदि के द्वारा सही तरीके से ढकें। इससे खरपतवार का अंकुरण या विकास नहीं हो पाता है। इस तकनीक से फसल को लंबे समय तक खरपतवारों से सुरक्षित रखा जा सकता है।
  • यांत्रिक विधि: खुरपी, पैडी वीडर, कोनोवीडर, आदि कई तरह के कृषि यंत्र बाजार में उपलब्ध हैं। खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए इनका उपयोग बहुत लाभदायक साबित होता है।
  • फसलों के बीच की दूरी: बीज की बुवाई या पौधों की रोपाई के समय दूरी का विशेष ध्यान रखें। आवश्यकता से अधिक दूरी होने पर खरपतवारों को पनपने की जगह मिलती है।
  • कवर फसलों की खेती: नकदी फसलों के बीच मिट्टी को ढकने के लिए कवर फसलें लगाई जाती हैं। कवर फसलों की खेती खरपतवारों को पनपने से रोकने में काफी हद तक कारगर साबित होती है।

आलू की फसल में जैविक उर्वरकों का प्रयोग | Use of Organic Fertilizers in Potato Cultivation

  • गोबर की खाद: पशुओं के गोबर से तैयार किए गए खाद में नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम की पर्याप्त मात्रा पानी जाती है। आलू की बुवाई से करीब 15 दिनों पहले प्रति एकड़ खेत में 3 टन गोबर की खाद का प्रयोग करें। इसके बाद खेत की अच्छी तरह जुताई करें।
  • कार्बनिक खाद: इसे कार्बनिक पदार्थों जैसे खाद्य पदार्थ, सूखी पत्तियां और लकड़ियां, घास की कतरनों, फल एवं सब्जियों के छिलकों, आदि से तैयार किया जाता है। यह एक पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी संशोधन है जिसका उपयोग मिट्टी की उर्वरता में सुधार के लिए किया जा सकता है। इसके साथ ही आप प्रति एकड़ खेत में 4 किलोग्राम ‘देहात स्टार्टर’ का भी प्रयोग कर सकते हैं।
  • हरी खाद: हरी खाद प्राप्त करने के लिए अल्फाल्फा, तिपतिया घास, फलियों वाली फसलें, राई, मक्का, जैसी फसलों को लगाया जाता है। परिपक्वता तक पहुंचने से पहले ही इन फसलों की जुताई करके मिट्टी में मिला दिया जाता है। यह मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ और पोषक तत्व को बढ़ने में सहायक है।

क्या आपने कभी जैविक विधि से आलू की खेती की है? अपने जवाब हमें कमेंट के माध्यम से बताएं, जिससे हम आपको उचित सलाह दे सकें। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए 'देसी जुड़ाग' चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक और अन्य किसानों के साथ शेयर भी करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: जैविक कीटनाशक कौन-कौन से होते हैं?

A: जैविक कीटनाशक प्राकृतिक पदार्थ हैं जिनका उपयोग पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना कीटों और बीमारियों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। इन्हें जीवित जीवों जैसे बैक्टीरिया, कवक और पौधों से प्राप्त किया जाता है।

Q: सबसे अच्छा जैविक खाद कौन सा है?

A: सबसे अच्छा जैविक उर्वरक खाद है, जो विघटित पौधे और पशु पदार्थ से बनाया जाता है। यह मिट्टी की संरचना में सुधार करता है, पोषक तत्वों की मात्रा को बढ़ाता है और मिट्टी में माइक्रोबियल गतिविधि को बढ़ाता है।

Q: जैविक कीटनाशक कैसे बनाएं?

A: ऑर्गेनिक कीटनाशक बनाने के लिए आप नीम के तेल या लहसुन के स्प्रे का इस्तेमाल कर सकते हैं। बस नीम के तेल को पानी के साथ मिलाएं या कुचल लहसुन को पानी के साथ मिलाएं और इसे तनाव दें। कीटों को पीछे हटाने के लिए इस मिश्रण को अपनी फसलों पर लगाएं।

Q: सबसे अच्छा जैविक कीटनाशक कौन सा है?

A: सबसे अच्छे जैविक कीटनाशकों में नीम का तेल, लहसुन स्प्रे और गुलदाउदी के फूलों से पाइरेथ्रिन शामिल हैं। ये प्राकृतिक विकल्प पर्यावरण के लिए सुरक्षित रहते हुए कीटों को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करते हैं।

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