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कृषि ज्ञान
19 Jan
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पेड़ी गन्ना की खेती के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
गन्ने में फसल की पहली कटाई के बाद उससे होने वाली दूसरी फसल को पेड़ी फसल कहते हैं। पेड़ी गन्ना एक महत्वपूर्ण फसल है जो भारतीय कृषि प्रणाली में बड़ा स्थान रखती है। पेड़ी फसल में सामान्यतः पहली फसल से कम पैदावार होती है। लेकिन फसल की देख-रेख और उचित खाद प्रबंधन से हम पेड़ी गन्ना की खेती से भी बेहतर उपज प्राप्त कर सकते हैं।
पेड़ी गन्ना की खेती के लिए महत्वपूर्ण सुझाव
- पेड़ी गन्ना के बेहतर फुटाव के लिए फसल की पहली कटाई जमीन की सतह से करें।
- फसल की पहली कटाई के बाद खेत में मौजूद पत्तियों एवं अन्य खरपतवारों की सफाई करके तुरंत सिंचाई करें।
- खेत की सफाई के बाद प्रति एकड़ खेत में 5 टन गोबर की खाद का प्रयोग करें।
- पेड़ी गन्ने के बीच 3 फीट से अधिक स्थान खाली है तो, उस किस्म के अंकुरित बीज लगाएं।
- गन्ने की पहली फसल में अगर कीट एवं रोगों का प्रकोप हुआ है तो खेत में कीटनाशक का छिड़काव करें।
- पहली फसल यदि लाल सड़न, उकठा रोग और कंडवा रोग से प्रभावित है तो पेड़ी फसल न लें।
- खेत में नमी बनाए रखें।
- खरपतवारों पर नियंत्रण करें।
- खेत में बिछाई गई पत्तियों में रोग और कीट के लक्षण नजर आने पर उन्हें जला कर नष्ट करें।
- फसल में मिट्टी जांच के अनुसार उर्वरकों का प्रयोग करें।
क्या आप भी गन्ने की खेती से पेड़ी फसल लेते हैं? पेड़ी गन्ना की खेती से आपको कितनी उपज प्राप्त होती है? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक एवं कमेंट करना न भूलें। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए 'कृषि ज्ञान' चैनल को अभी फॉलो करें।
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