पोस्ट विवरण
सुने
रोग
अनार
फल
किसान डॉक्टर
23 Feb
Follow

अनार की फसल में उकठा रोग का नियंत्रण (Wilt Disease Management in Pomegranate)


रोग के लक्षण: पौधों की पत्तियां मुरझाने लगती हैं और धीरे-धीरे सूख जाती हैं। टहनियों और शाखाओं में सूखापन दिखाई देता है। पौधे का ऊपरी भाग पूरी तरह सूख कर झड़ सकता है। जड़ें कमजोर हो जाती हैं और उनका सड़ना शुरू हो जाता है। यदि तने के अंदर छेद नजर आएं, तो इसका मतलब है कि तना छेदक कीट का भी संक्रमण हो सकता है।

रोकथाम व नियंत्रण:

  • स्वस्थ पौधों का उपयोग करें, पौधों के बीच पर्याप्त दूरी रखें, खेतों में जल निकासी की उचित व्यवस्था करें, संक्रमित पौधों को हटाकर नष्ट कर दें।
  • प्रोपिकोनाज़ोल 25% EC और क्लोरपायरीफॉस 20% EC का 2 मिली/लीटर की दर से घोलकर 20 दिन के अंतराल पर 3 बार 5 से 10 लीटर घोल/पौधा के हिसाब से ड्रेंचिंग करें।
  • इसके अलावा, आप पहली और तीसरी ड्रेंचिंग में फोसेटिल एल्युमिनियम 80% WP का 6 ग्राम/पौधा की दर से उपयोग कर सकते हैं।
  • दूसरी और चौथी ड्रेंचिंग में टेबुकोनाजोल 25.9% w/w EC का 3 मिली/पौधा की दर से उपयोग करें।
  • प्रत्येक ड्रेंचिंग के लिए 10 लीटर पानी में घोल बनाएं।
  • इस तरीके से 4 बार ड्रेंचिंग करने से उकठा रोग का प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है।

आप अनार में उकठा रोग रोकने के लिए कौन सी दवा इस्तेमाल करते हैं? हमें कमेंट में बताएं! ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारी के लिए 'किसान डॉक्टर' चैनल को फॉलो करें और इस पोस्ट को लाइक व शेयर करें!

48 Likes
Like
Comment
Share
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ