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खरपतवार नाशक स्प्रे करने से पहले ध्यान रखें ये बातें (Important Things to Keep in Mind Before Spraying Herbicides)
खरपतवार नाशक का उपयोग फसल की उन्नति और स्वास्थ्य के लिए काफी जरूरी होता है। लेकिन, इसे सही तरीके से उपयोग करने से ही इसका सही असर देखा जा सकता है। खरपतवार नियंत्रण से फसल की उपज और गुणवत्ता में सुधार होता है, लेकिन गलत तरीके से किया गया छिड़काव फसल के लिए हानिकारक हो सकता है। इस लेख में हम आपको खरपतवार नाशक का सही उपयोग करने के तरीके और दवा के छिड़काव के समय ध्यान रखने वाली कुछ जरूरी बातों के बारे में बताएंगे।
ध्यान रखने योग्य बातें (Things to Keep in Mind)
- सही मात्रा का उपयोग (Correct Dosage): खरपतवार नाशक का सही मात्रा में उपयोग करना बेहद आवश्यक है। अधिक या कम मात्रा में उपयोग करने से न केवल फसल को नुकसान हो सकता है बल्कि खरपतवार का पूर्ण रूप से नियंत्रण भी नहीं हो पाता। यदि दवा की मात्रा अधिक होगी तो यह फसल के पौधों को जलन, पत्तियों की सूजन, या अन्य नुकसान कर सकती है। वहीं, कम मात्रा में दवा डालने से खरपतवार पूरी तरह से नष्ट नहीं हो पाते। इसलिए, हमेशा निर्देशों का पालन करें और उचित मात्रा का ही प्रयोग करें।
- सही समय का चुनाव (Choosing the Right Time): खरपतवार नाशक का सही समय पर उपयोग करने से इसकी प्रभावशीलता बढ़ जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार, खरपतवार नाशक का छिड़काव शाम के समय करना अधिक प्रभावी होता है क्योंकि उस समय तापमान कम होता है और हवा की गति धीमी होती है, जिससे दवा का असर बेहतर तरीके से होता है। साथ ही, अच्छा मौसम भी आवश्यक है ताकि बारिश या तेज हवा से दवा का प्रभाव कम न हो।
- समय सीमा (Expiry Date): खरपतवार नाशक का उपयोग करते समय एक्सपायरी डेट की जांच अवश्य करें। समय समाप्त हो चुके खरपतवार नाशक का उपयोग न करें क्योंकि उसका प्रभाव कम हो सकता है या दवा पूरी तरह से काम नहीं कर सकती। एक्सपायरी डेट की जांच करना हमेशा एक अच्छा अभ्यास है, ताकि आप अपनी फसल के लिए सही दवा का चयन कर सकें।
- नॉप-सैक पंप का उपयोग (Using the Right Sprayer): खरपतवार नाशक का छिड़काव करते समय नॉपसैक पंप या फ्लैट फेन नोजल का उपयोग करें, ताकि दवा हर जगह समान रूप से पहुंच सके। पंप के चयन में ध्यान रखें कि वह अच्छे से कार्य कर रहा हो और दवा का छिड़काव सही दिशा में हो। यह सुनिश्चित करेगा कि खरपतवार और कीट पर दवा का प्रभाव समान रूप से पड़े।
- नमी का ध्यान (Checking Moisture Level): खरपतवार नाशक का छिड़काव करने से पहले और बाद में जमीन में पर्याप्त नमी होना चाहिए। अगर सूखी जमीन पर छिड़काव किया जाएगा तो दवा का प्रभाव कम हो सकता है। बारिश के बाद भी दवा का असर कम हो सकता है, इसलिए छिड़काव से पहले मौसम का ध्यान रखें।
- अनुपातिक शर्तें (Proportional Conditions): यदि छिड़काव के दौरान तेज़ हवा चल रही हो या बारिश का अनुमान हो तो खरपतवार नाशक का उपयोग टाल दें। इन स्थितियों में दवा का छिड़काव सही तरीके से नहीं हो पाता और इसका असर कम हो सकता है। इन स्थितियों में यह बेहतर है कि छिड़काव को कुछ दिनों तक टाल दिया जाए।
- छिड़काव की दिशा (Spraying Direction): छिड़काव करते समय हमेशा पीछे-पीछे चलें ताकि दवा फसल के अन्य हिस्सों पर न पड़े और केवल खरपतवार पर ही इसका असर हो। इससे आपको यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि फसल सुरक्षित रहे और खरपतवार पूरी तरह से नष्ट हो जाए।
- फसल के आसपास का ध्यान (Caring for Surrounding Crops): खरपतवार नाशक का स्प्रे करते समय यह ध्यान रखें कि आसपास कोई और फसल न हो। इससे नुकसान होने से बचाता है और आपकी फसल को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है। खासकर, उन क्षेत्रों में जहां अन्य फसलें हो सकती हैं, आपको अत्यधिक सतर्कता बरतनी चाहिए।
- हुड का उपयोग (Using a Hood): हूड का प्रयोग विशेष रूप से उन क्षेत्रों में करें, जहां अन्य फसलें लगी हुई हों। यह फसल को सुरक्षित रखने में मदद करेगा और दवा के प्रभाव को सीमित करेगा। अगर आस-पास अन्य संवेदनशील फसलें हैं, तो हुड का उपयोग करने से उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
- समय-समय पर स्प्रे (Spraying at Intervals): खरपतवार नाशक का बार-बार उपयोग न करें। उसे केवल जरूरत के अनुसार ही उपयोग करें। अत्यधिक छिड़काव से फसल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और खरपतवार की प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ सकती है।
- खाद का उपयोग (Using Fertilizers): खरपतवार नाशक का छिड़काव किए गए क्षेत्र में वर्मी कंपोस्ट और गोबर खाद का उपयोग करें, इससे मृदा की उर्वरता बनी रहती है और फसल की सही वृद्धि होती है। यह खरपतवार नाशक के साथ मिलकर फसल को अच्छा पोषण प्रदान करता है।
- चिपको का प्रयोग (Using Stickers): दवा के साथ चिपको का उपयोग करें ताकि दवा पौधे की सतह पर अच्छी तरह चिपक सके और जल्दी असर दिखा सके। चिपको से दवा की टिकाव बढ़ती है और यह जल्दी से असर करता है।
क्या आप फसलों में खरपतवार नाशक का इस्तेमाल करते समय सावधानियां रखते हैं? अपना जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट करके बताएं। इसी तरह की अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए 'खरपतवार जुगाड़' चैनल को अभी फॉलो करें। अगर पोस्ट पसंद आयी तो इसे लाइक करके अपने किसान दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न | Frequently Asked Questions (FAQs)
Q: क्या खरपतवार नाशक का उपयोग अन्य फसलों पर असर डाल सकता है?
A: अगर इस्तेमाल के समय सावधानी नहीं बरती जाए तो खरपतवारनाशक से अन्य फसलें प्रभावित हो सकती हैं। इसीलिए आस-पास की फसल को सुरक्षित रखने के लिए हुड का उपयोग करना चाहिए।
Q: क्या बार-बार खरपतवार नाशक का उपयोग करने से कोई नुकसान होता है?
A: बार-बार खरपतवार नाशक दवा के उपयोग से मिट्टी में रसायन की मात्रा बढ़ सकती है, जिससे अन्य फसलों को नुकसान हो सकता है। इस लिए उचित अंतराल पर ही दवा का छिड़काव करें।
Q: खरपतवार नाशक का सबसे प्रभावी समय क्या होता है?
A: कृषि विशेषज्ञों के अनुसार शाम के समय खरपतवार नाशक का छिड़काव अधिक प्रभावी माना गया है, क्योंकि इस समय तापमान और नमी खरपतवार नाशक के प्रभाव को बढ़ाते हैं।
Q: क्या छिड़काव से पहले मिट्टी में नमी जरूरी है?
A: हाँ, खरपतवार नाशक के प्रभाव को बढ़ाने के लिए मिट्टी में पर्याप्त नमी होनी चाहिए ताकि दवा पौधे के अंदर आसानी से पहुंच सके।
Q: क्या छिड़काव के बाद बारिश होने पर खरपतवार नाशक का असर कम हो जाता है?
A: बिल्कुल, बारिश होने से खरपतवार नाशक दवा के असर में कमी आ सकती है। इसीलिए छिड़काव से पहले मौसम की जानकारी अवश्य ले।
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