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पशुओं में टीबी रोग के लक्षण एवं बचाव के तरीके
पशुओं में होने वाला ट्यूबरक्यूलोसिस यानी टीबी रोग, एक संक्रामक बीमारी है। यह रोग विभिन्न प्रजातियों के पशुओं को प्रभावित कर सकता है। गाय, भैंस जैसे दुधारू पशु भी इस रोग से अछूते नहीं हैं। इस रोग के कारण गाय-भैंस की सेहत बहुत बुरी तरह प्रभावित होती है। यह रोग मुख्यत: बैक्टीरिया के कारण होता है। संक्रमित पशुओं के संपर्क में आने से स्वस्थ पशु भी इस रोग की चपेट में आ सकते हैं। केवल इतना ही नहीं, यह रोग प्रभावित पशुओं की संपर्क में आने वाले मनुष्यों को भी प्रभावित कर सकता है। ठंड के मौसम में यह रोग अधिक प्रभावी होता है।
पशुओं में टीबी रोग के लक्षण
- टीबी रोग से प्रभावित पशु को सांस लेने में कठिनाई होती है।
- पशु का अचानक वजन कम होना इस रोग का एक और संकेत हो सकता है।
- पशु के गले में गांठ उत्पन्न होने लगता है।
- टीबी रोग से प्रभावित पशु की आंखों में लाल दाग नजर आ सकते हैं।
पशुओं में टीबी रोग से कैसे बचाएं?
- पशुओं को टीबी रोग से बचाने के लिए टीकाकरण कराएं।
- इस रोग से प्रभावित पशुओं के रहने, खाने-पीने की अलग व्यवस्था करें।
- संभावित संक्रमित पशुओं को नियमित अंतराल पर स्क्रीन करना और उचित परीक्षण करना भी रोग के फैलाव को रोक सकता है।
- पशुओं से आस-पास एवं पशु आवास में नियमित साफ-सफाई करें।
- इस रोग के लक्षण नजर आने पर तुरंत पशु चिकित्सक से परामर्श करें।
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