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कृषि ज्ञान
18 July
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कद्दू की खेती (Pumpkin Farming)


भारत में, कद्दू की सब्जी की खेती आमतौर पर फरवरी से मई तक मैदानी इलाकों में की जाती है। कद्दू को अच्छे विकास के लिए गर्म तापमान और अच्छी तरह से सूखी मिट्टी की आवश्यकता होती है।

कैसे करें कद्दू की खेती? (How to Cultivate Pumpkin?)

मिट्टी: कद्दू की खेती के लिए उचित जल निकासी वाली दोमट और बलुई दोमट मिट्टी सबसे उत्तम मानी गई है। इसके साथ ही कद्दू की खेती के लिए 6 से 7 पीएच वाली भूमि की आवश्यकता होती है।

जलवायु: शीतोष्ण और समशीतोष्ण जलवायु कद्दू की फसल के लिए सर्वोत्तम मानी गई है। कद्दू की खेती के लिए 18 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान उचित माना गया है। ठंड के मौसम में पाला गिरने से कद्दू को हानि पहुँचती है, जबकि गर्मियों का मौसम कद्दू की फसल के लिए अच्छा माना जाता है।

बुवाई का उचित समय: कद्दू की बुवाई का उचित समय क्षेत्रों और महीने के अनुसार की जाती है जैसे फरवरी से मार्च और जून से जुलाई, वहीँ पहाड़ी क्षेत्रों में मार्च से अप्रैल और नदियों के किनारे दिसंबर के महीने में भी बुवाई करनी चाहिए।

किस्में: कद्दू की कई उन्नत किस्में हैं जैसे: देहात DHS-4006, F1 निरावना, सिंजेन्टा ग्रीन चैंप, महिको माही 1 & 3, पैन मोहिनी पैन 7010, सकाटा-भीमा, वी.एन.आर जम्बो, अजीत-अपोलो, हाइवेज-पैराडाइज आदि।

बीज दर: 1 एकड़ कद्दू की बुवाई करने के लिए 700 से 800 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

बीज का उपचार: कद्दू की बुवाई करने से पहले बीजों को 24 घंटे तक पानी में भिगोएं। बुवाई से ठीक पहले कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम + थीरम 2 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से उपचारित करें।

बुवाई का तरीका: कद्दू की बुवाई करते समय बीज से बीज की दूरी 60 सेमी और कतार से कतार की दूरी 150 से 180 सेमी रखें। ध्यान रखें: बीज को 1 इंच तक गहराई पर ही लगाएं।

खेत की तैयारी:

  • कद्दू की बुवाई से पहले खेत की 1 बार गहरी जुताई करें। इसके बाद 2 से 3 बार हल्की जुताई करें और जुताई के बाद पाटा लगाने से खेत की मिट्टी भुरभुरी एवं समतल हो जाएगी।
  • नर्सरी में तैयार किए गए पौधों के लिए खेत में क्यारियां तैयार करें और सभी क्यारियों के बीच 2.5 से 3 मीटर की दूरी रखें। पौधे से पौधे की दूरी 60 से 75 सेंटीमीटर रखें।
  • पौधों की रोपाई शाम के समय करें और रोपाई के बाद हल्की सिंचाई करें।

खाद एवं उर्वरक प्रबंधन:

  • कद्दू की बुवाई करने के 10 से 15 दिन पहले एक एकड़ खेत में 8 से 10 टन सड़ी हुई गोबर की खाद (एफवाईएम) डालें।
  • रोपण के समय 26 कि.ग्रा यूरिया, 52 किग्रा डी.ए.पी और 33 किग्रा एम.ओ.पी दें, उसके 15 दिन बाद 13 किग्रा यूरिया और 40 दिन पर 13 किग्रा यूरिया देना चाहिए।
  • बुवाई के लगभग 15-20 दिन बाद NPK(19:19:19/20:20:20) खाद को 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
  • बुवाई के 50 से 55 दिनों के बाद KNO3 (पोटेशियम नाइट्रेट) 13:00:45 खाद को 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
  • कद्दू में फूल बनने की अवस्था में एमकेपी (मोनो पोटेशियम फॉस्फेट) 00:52:34 खाद को 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

खरपतवार प्रबंधन:

  • कद्दू में खरपतवारों के नियंत्रण के लिए कम से कम 2 से 3 बार निराई-गुड़ाई करें।
  • खरपतवार नियंत्रित करने के लिए प्लास्टिक कवर, पुआल या पत्तों से जमीन को ढक देने से खरपतवारों का विकास रुक जाता है।
  • 2 से 3 पत्ती की अवस्था में खरपतवार नाशक दवा का छिड़काव करें।
  • 4 से 5 सेंटीमीटर से अधिक गहराई में निराई-गुड़ाई न करें, इससे फसल की जड़ों को नुकसान हो सकता है।

रोग एवं कीट:

  • चेपा और थ्रिप्स: पत्तों का रस चूसते हैं जिससे पत्ते पीले होकर गिर जाते हैं।
  • कद्दू की मक्खी: फल पर भूरे रंग के धब्बे पड़ जाते हैं और सफेद रंग के छोटे कीट फल पर विकसित होते हैं।
  • पत्तों पर सफेद धब्बे: मुख्य तने और पत्तियों की ऊपरी सतह पर सफेद रंग के धब्बे पड़ जाते हैं।
  • पत्तों के निचली सतह पर धब्बे: यह रोग सियुडोपरनोस्पोरा क्यूबेनसिस के कारण होता है।
  • एंथ्राक्नोस: पत्ते झुलसे हुए दिखाई देते हैं।
  • जड़ गलन: इस बीमारी के कारण जड़ गलने लगती हैं।

तुड़ाई : कद्दू की बुवाई के 100 से 110 दिन के बाद फसल तैयार हो जाती है। जब कद्दू के फल ऊपर से पीले-सफेद रंग के होने लगें तो इन्हें तोड़ लेना चाहिए। हरे फल को 70 से 80 दिन के बाद तोड़ा जा सकता है।

उपज : कद्दू की फसल से लगभग 5 से 16 टन प्रति एकड़ उपज प्राप्त किया जा सकता है।

क्या आप कद्दू की खेती करते हैं? अपना जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट करके बताएं। इस लेख में आपको खाद एवं उर्वरक की सम्पूर्ण जानकारी दी गयी है और ऐसी ही अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए 'कृषि ज्ञान' चैनल को अभी फॉलो करें। और अगर आपको ये पोस्ट पसंद आयी तो इसे अभी लाइक करें और अपने सभी किसान मित्रों के साथ साझा जरूर करें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: कद्दू कौन से महीने में लगाया जाता है?

A: कद्दू की खेती आमतौर पर मानसून के मौसम की शुरुआत पर करते हैं यानी जून से जुलाई के महीने में। कद्दू को ठीक से बढ़ने के लिए गर्म मिट्टी और भरपूर पानी की आवश्यकता होती है।

Q: 1 एकड़ में कद्दू की कितनी पैदावार होती है?

A: कद्दू की उपज 1 एकड़ में विभिन्न कारकों जैसे कद्दू की विविधता, मिट्टी की उर्वरता, जलवायु, सिंचाई और कीट प्रबंधन प्रथाओं के आधार पर भिन्न हो सकती है। कद्दू की उपज लगभग 10 से 20 टन प्रति एकड़ तक हो सकती है। अगर, अच्छी कृषि पद्धतियों और उचित प्रबंधन के साथ कद्दू की खेती करें तो उपज प्रति एकड़ 25-30 टन तक बढ़ाया जा सकता है।

Q: कद्दू की कटाई कब करें?

A: कद्दू की कटाई रोपण के 90-120 दिनों बाद होती है जब वे परिपक्व होकर कठोर छिलका विकसित कर लेते हैं। तैयार कद्दू के संकेतों में गहरा रंग, भूरा तना, और कठोर त्वचा शामिल हैं। पहली ठंड से पहले कटाई जरूरी है, क्योंकि ठंड से फल की गुणवत्ता खराब हो सकती है।

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