पोस्ट विवरण
सुने
उर्वरक
कृषि
सोयाबीन
किसान डॉक्टर
4 Sep
Follow

सोयाबीन: बेहतर फूल एवं फली के लिए करें यह कार्य (Soybean: Do this for better flowers and pods)


सोयाबीन एक महत्वपूर्ण खाद्य फसल है जिसे तिलहन फसल के रूप में उगाया जाता है। इसे शाकाहारी लोगों का मीट भी कहते हैं क्योंकि इसमें प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। सोयाबीन में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, और वसा जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं। सोयाबीन की फसल में अधिक फूल और फली पाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण कार्य करने जरूरी होते हैं। ये उपाय पौधों की वृद्धि और फूलों की संख्या बढ़ाने में मदद करने के साथ-साथ फसल की गुणवत्ता में भी सुधार करते हैं।

सोयाबीन में फली बनने के समय आने वाली समस्या एवं समाधान (Problems and solutions during pod formation in soybean)

सोयाबीन की फसल में फूल से फली बनने के दौरान कई समस्याएं होती हैं, जो मौसम और मिट्टी से जुड़ी होती हैं। बारिश के बाद सोयाबीन की पत्तियां गीली रहती हैं, जिससे फफूंदी जैसी बीमारियां फैलने लगती है। साथ ही, नमी की वजह से चूसने वाले और छेद करने वाले कीटों का भी हमला बढ़ जाता है, जिससे फूल झड़ने लगते हैं और फली बनने की प्रक्रिया रुक जाती है। मिट्टी में नमी का असंतुलन भी फली बनने में रुकावट डालता है। ज्यादा नमी होने से फफूंदी की समस्या बढ़ जाती है, जबकि कम नमी से फली बनने में दिक्कत आती है। कीट फूलों को नुकसान पहुंचाता है, जिससे फूल गिर जाते हैं और फली की संख्या और गुणवत्ता में कमी आती है। इन समस्याओं के कारण सोयाबीन की फसल की पैदावार और गुणवत्ता पर बुरा असर पड़ता है।

फूल आने और फल बनने के दौरान उर्वरक प्रबंधन कैसे करें? (How to manage fertilizer during flowering and fruit formation?)

बुवाई के 30 से 35 दिन बाद:

  • सोयाबीन की बुवाई के 30 से 35 दिन बाद एम.ए.पी (मोनो अमोनियम फॉस्फेट) - 12:61:00 खाद को 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करें इससे फूलों का झड़ना कम होता है और नए फूल बनने में भी मदद करता है।
  • इसके साथ ही धनजाइम गोल्ड 2 मिली प्रति लीटर पानी और  बोरॉन डीओटी (डिसोडियम ऑक्टाबोरेट टेट्राहाइड्रेट) बी-20% को 1 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
  • इससे सोयाबीन में अधिक मात्रा में फूल आएंगे इसके साथ ही फूल झड़ने की समस्या भी कम होगी। इसके अलावा अकिलिस जीए (जिबरेलिक एसिड 0.001% एल) दवा को 25 से 30 एम.एल. प्रति पंप में मिलाकर छिड़काव करने से फूलों का झड़ना कम होता है।

बुवाई के 45 से 50 दिन बाद:

  • न्यूट्री वन पोटेशियम नाइट्रेट 13:00:45 को 5 ग्राम प्रति लीटर पानी और न्यूट्री वन का बूस्ट मास्टर 2 से 3 मिली  प्रति लीटर पानी में मिलाकर उपयोग करें। इसके इस्तेमाल से सोयाबीन में फलियों की संख्या में वृद्धि होगी और दानों का आकार भी बड़ा होगा साथ ही दाने की चमक बनी रहेगी।
  • इसके अलावा माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (सूक्ष्म पोषक तत्वों) का उपयोग करना चाहिए इसके लिए मल्टीप्लेक्स कंपनी का न्यूट्री प्रो ग्रेड, 2,3,4,5 जो आपके राज्य के लिए उपयक्त हो उसका छिड़काव करें।

बुवाई के 55 से 60 दिन बाद:

  • सोयाबीन में एक समान अकार और चमकदार फलियां पाने के लिए एस.ओ.पी (पोटेशियम सल्फेट) 00:00:50+17.5% एस खाद को 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
  • इसके अलावा बोरॉन डीओटी (डिसोडियम ऑक्टाबोरेट टेट्राहाइड्रेट) बी-20% को 1 ग्राम एक लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ सोयाबीन के खेत में छिड़काव करें।
  • या फिर फ्लॉवरिंग स्पेशल -9:27:18+TE को  5 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

अन्य महत्वपूर्ण उपाय (Other important solution)

  • उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन: सोयाबीन में अधिक फूल और फली पाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले और रोग-प्रतिरोधी बीजों का चयन करें। सही समय पर बुवाई करने से पौधों को पर्याप्त नमी मिलती है, जिससे उनकी वृद्धि बेहतर होती है।
  • मिट्टी की जुताई और खाद: बुवाई से पहले मिट्टी की जुताई करें और समुचित खाद का उपयोग करें। मिट्टी परीक्षण के आधार पर आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा निर्धारित करें और उसी के अनुसार उर्वरकों का उपयोग करें।
  • सिंचाई: पौधों को समय पर सिंचाई करें, विशेषकर फूल आने के समय। पानी की कमी के कारण फूल गिर सकते हैं, इसलिए फूल आने के समय पौधों को पर्याप्त पानी दें।
  • पोटाश और फास्फोरस युक्त उर्वरक: फूल आने से पहले पोटाश और फास्फोरस युक्त उर्वरकों का प्रयोग करें। फूल झड़ने की समस्या को कम करने के लिए पोटेशियम नाइट्रेट का छिड़काव करें।
  • खरपतवार नियंत्रण: समय पर खरपतवार का नियंत्रण करें, ताकि पौधों को सभी पोषक तत्व और पानी मिल सके। इससे फूल और फलियों की संख्या में वृद्धि होगी।
  • रोग और कीट प्रबंधन: पौधों में रोग और कीटों का समय पर प्रबंधन करें। कीटनाशकों और फफूंदनाशकों का प्रयोग फूल आने के समय न करें, क्योंकि इससे फूलों की संख्या प्रभावित हो सकती है।
  • ग्रोथ हार्मोन का उपयोग: अधिक फूल और फली पाने के लिए ग्रोथ हार्मोन जैसे कि NAA (नैफ्थलीन एसिटिक एसिड) और सिटोकाइनिन्स का उपयोग किया जा सकता है। इसका प्रयोग फूल आने से पहले और फूल आने के दौरान किया जा सकता है।
  • उचित दूरी पर बुवाई: पौधों के बीच उचित दूरी रखकर बुवाई करें, ताकि उन्हें पर्याप्त स्थान मिल सके। अधिक घनी बुवाई से पौधों की वृद्धि और फूलों की संख्या कम हो सकती है।
  • फसल चक्र का पालन: फसल चक्र का पालन करें और दलहनी फसलों का चयन करें, जो मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा को बढ़ाते हैं और सोयाबीन की उत्पादन क्षमता में सुधार करते हैं।

क्या आप सोयाबीन की फसल में बेहतरीन फूल और फली पाना चाहते हैं? अपना जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट करके बताएं। इसी तरह की अन्य रोचक एवं महत्वपूर्ण जानकारियों के लिए 'किसान डॉक्टर' चैनल को अभी फॉलो करें। और अगर पोस्ट पसंद आयी तो इसे लाइक करके अपने किसान दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: सोयाबीन की फसल में बेहतरीन फूल और फली कैसे प्राप्त करें?

A: सोयाबीन की फसल में अच्छे फूल और फली पाने के लिए उचित जलवायु, सही समय पर बुवाई, अच्छा पोषण, और नियमित कीट और रोग प्रबंधन आवश्यक है। मिट्टी की जांच करवा कर आवश्यक तत्वों की पूर्ति करें और फसल के विकास के साथ-साथ फूल और फली की देखरेख पर ध्यान दें।

Q: सोयाबीन की बुवाई के लिए सबसे अच्छा समय क्या है?

A: सोयाबीन की बुवाई का सबसे अच्छा समय मानसून के आगमन के बाद होता है, जब मिट्टी में नमी अच्छी तरह से स्थापित हो चुकी हो। सामान्यतः जुलाई से अगस्त के बीच बुवाई की जाती है।

Q: सोयाबीन में जिंक कब डालना चाहिए?

A: सोयाबीन में जिंक की कमी को पूरा करने के लिए इसे बुवाई के 30-35 दिन बाद डालना चाहिए। जिंक की कमी से पौधों की वृद्धि धीमी हो सकती है और फलियों की संख्या प्रभावित हो सकती है।

44 Likes
Like
Comment
Share
फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ