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किसान डॉक्टर
16 Jan
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टमाटर में पत्ती सुरंगक कीट पर नियंत्रण

पत्ती सुरंगक कीट यानी लीफ माइनर लेपिडोप्टेरा वर्ग का एक कीट है। मादा कीट पौधों के नरम भाग पर अंडे देती है। 4-6 दिनों बाद अंडो से पीले या हरे रंग का लार्वा निकलता है। ये कीट बहुत ही छोटे आकार के होते हैं। टमाटर के अलावा तरबूज, खरबूज, खीरा, बैंगन, मिर्च और कद्दू वर्गीय फसलों में इस कीट का प्रकोप अधिक होता है।

टमाटर में पत्ती सुरंगक कीट से होने वाले नुकसान

  • यह कीट टमाटर की पत्तियों के हरे पदार्थ को खुरच कर खाते हैं।
  • प्रभावित पत्तियों पर टेढ़े-मेढ़े सुरंग की तरह लकीरें उभरने लगती हैं।
  • पत्तियों पर सफेद रंग की धारियां नजर आने लगती हैं।
  • लार्वा पत्ती की ऊपरी परतों को नष्ट देते हैं, जिससे प्रकाश संश्लेषण क्रिया में बाधा आती है।
  • कुछ समय बाद पत्तियां कमजोर हो कर गिरने लगती हैं।
  • प्रकोप बढ़ने पर पौधों के विकास में बाधा आती है।

टमाटर में पत्ती सुरंगक कीट पर कैसे करें नियंत्रण?

  • पौधों के प्रभावित हिस्सों को नष्ट कर दें। इससे कीट को फैलने से रोका जा सकता है।
  • प्रति एकड़ खेत में 80 ग्राम एसिटामिप्रिड 20% एसपी (हाईफील्ड पिरामिड) का प्रयोग करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 300 मिलीलीटर क्विनालफोस 25% ईसी (धानुका धानुलक्स) का प्रयोग करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 100 मिलीलीटर इमिडाक्लोप्रिड 17.8% SL (सुमिटोमो एम-कॉन) का प्रयोग करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 200 मिलीलीटर सायंट्रानिलिप्रोल 10.26% डब्ल्यू /डब्ल्यू ओ डी (एफएमसी बेनेविया) का प्रयोग करें।

टमाटर की फसल में पत्ती सुरंगक कीट पर नियंत्रण के लिए आप किन दवाओं का प्रयोग करते हैं? अपने जवाब हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। फसलों को रोगों एवं कीटों से बचाने की अधिक जानकारी के लिए 'किसान डॉक्टर' चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें।

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