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पानी में घुलनशील उर्वरक: प्रकार, इस्तेमाल के तरीके (Water Soluble Fertilizers: Types, Uses)
खेती में उत्पादन और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पौधों को उचित पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। पानी में घुलनशील उर्वरक (Water-Soluble Fertilizers या WSF) उन उर्वरकों में आते हैं जिन्हें आसानी से पानी में घोलकर फसल की जड़ों या पत्तियों पर छिड़का जा सकता है। ये उर्वरक पौधों को न केवल तुरंत पोषण प्रदान करते हैं, बल्कि मृदा स्वास्थ्य को भी सुरक्षित रखते हैं। इस लेख में हम पानी में घुलनशील उर्वरकों के विभिन्न प्रकारों, उनके फायदों, और इस्तेमाल के तरीकों पर विस्तार से जानकारी प्राप्त करेंगे।
पानी में घुलनशील उर्वरक के फायदे (Benefits of water soluble fertilizer)
- तुरंत पोषण: पानी में घुलनशील उर्वरक पानी के साथ पौधों तक तेजी से पहुँचते हैं, जिससे फसल को तुरंत पोषण मिलता है। इससे पौधों की वृद्धि और उत्पादन में तेजी आती है।
- सटीक पोषक तत्व: ये उर्वरक नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियम, सल्फर जैसे आवश्यक पोषक तत्वों का सटीक अनुपात प्रदान करते हैं। इससे फसल को वह पोषण मिलता है जो उनकी वृद्धि और बेहतर गुणवत्ता के लिए आवश्यक है।
- फोलियर स्प्रे विकल्प: पानी में घुलनशील उर्वरक को फोलियर स्प्रे के रूप में पत्तियों पर छिड़कने का भी विकल्प होता है। यह तरीका उन फसलों के लिए फायदेमंद होता है, जिनमें जड़ों से पोषण लेने में दिक्कत होती है।
- फसल की गुणवत्ता में सुधार: इन उर्वरकों के उपयोग से फसल का रंग, स्वाद, और उत्पादन बेहतर होता है, जिससे किसान को बेहतर मूल्य मिलता है।
- जल की कमी में उपयोग: पानी में घुलनशील उर्वरक का उपयोग पानी की कमी वाले क्षेत्रों में भी कारगर होता है। ये उर्वरक सीमित जल के साथ भी पौधों को आवश्यक पोषण प्रदान करते हैं।
पानी में घुलनशील उर्वरक (Water Soluble Fertilizer)
- गेहूं स्पेशल (Wheat Special): विट स्पेशल फास्फोरस (15%), पोटेशियम (15%), मैग्नीशियम (15%), जिंक (2.50%) और सल्फर (12%) जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से बना हुआ एक प्रमुख उर्वरक है। यह उर्वरक गेहूं की फसल में बीज निर्माण को बढ़ावा देता है, साथ ही अनाज के रंग और वजन में सुधार करता है, जिससे उपज की गुणवत्ता में वृद्धि होती है। इसके उपयोग से फसल को रोगों और कीटों से सुरक्षा मिलती है, जो उत्पादन को सुरक्षित और बेहतर बनाने में मदद करता है। इसे प्रति एकड़ 1 किलोग्राम मात्रा में 40-45 दिन बाद उपयोग किया जा सकता है।
- फ्लावरिंग स्पेशल उर्वरक 9:27:18+TE (Flowering Special Fertilizer): फ्लावरिंग स्पेशल उर्वरक 9:27:18+TE एक खास उर्वरक है, जिसे फूलों वाली फसलों के लिए बनाया गया है। इसमें नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम, बोरॉन और सल्फर जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो फूलों की संख्या बढ़ाने और फलों की गुणवत्ता सुधारने में मदद करते हैं। यह उर्वरक पौधों में फूल और फल गिरने की समस्या को भी कम करता है। इसे फूल और फल बनने के समय 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर पौधों पर छिड़काव करें, जिससे पत्तियों और फलों का गिरना कम हो और उत्पादन बढ़े।
- NPK (19:19:19/20:20:20 WSF): इस उर्वरक में 19% नाइट्रोजन, 19% फास्फोरस, और 19% पोटेशियम होते हैं। यह उर्वरक पौधों की शुरुआती वृद्धि में बहुत फायदेमंद होता है और पत्तियों पर छिड़काव (स्प्रे) के रूप में 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर दिया जा सकता है। यह पौधों को संतुलित पोषण देता है, जिससे वे तेजी से बढ़ते हैं और स्वस्थ रहते हैं।
- MAP मोनो अमोनियम फॉस्फेट (Mono ammonium Phosphate) 12:61:00: इस उर्वरक में 12% नाइट्रोजन और 61% फास्फोरस होता है, जो पौधों की जड़ों और उनके विकास के लिए लाभकारी है। यह फूलों के गिरने को कम करने और फल बनने में सहायक होता है। इसका 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने से पौधों को जरूरी पोषक तत्व जल्दी मिलते हैं और उत्पादन में वृद्धि होती है।
- MKP मोनो पोटैशियम फॉस्फेट (Mono Potassium Phosphate) 00:52:34: इस उर्वरक में 52% फास्फोरस और 34% पोटेशियम होता है। यह पौधों में फूल और फल गिरने को कम करता है और कठिन मौसम में भी फसल को स्वस्थ बनाए रखता है। 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर इसका छिड़काव करें, जिससे पौधों की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार होता है।
- KNO3 पोटेशियम नाइट्रेट (Potassium Nitrate) 13:00:45: इसमें 13% नाइट्रोजन और 45% पोटेशियम होता है, जो फलों की परिपक्वता बढ़ाता है और उनके रंग, स्वाद और चमक में सुधार करता है। फलों के बनने के बाद इसका 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर पत्तियों पर छिड़काव करने से फसल की गुणवत्ता और बाजार मूल्य दोनों बढ़ते हैं।
- SOP सल्फेट ऑफ पोटॅश (Potassium Sulphate) 00:00:50 +17.5% S: SOP में 50% पोटेशियम और 17.5% सल्फर होता है, जो फसल को रोगों से बचाने और उसकी चमक बढ़ाने में सहायक है। यह पाउडरी मिल्ड्यू जैसे फंगल रोगों पर भी नियंत्रण रखता है। इसका 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर परिपक्वता के समय छिड़काव करें।
- CaNO₃ (कैल्शियम नाइट्रेट) - 15.5% नाइट्रोजन और 18.5% कैल्शियम: इस उर्वरक में 15.5% नाइट्रोजन और 18.5% कैल्शियम होता है, जो पौधों की कोशिकाओं को मजबूत बनाता है और उनकी गुणवत्ता में सुधार करता है। इसे किसी भी फसल अवस्था में 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर छिड़काव कर सकते हैं।
- कैल्शियम नाइट्रेट बोरॉन के साथ (Calcium Nitrate with Boron) N-14.5%, Ca 17%, Boron 0.3%: इस उर्वरक में 14.5% नाइट्रोजन, 17% कैल्शियम और 0.3% बोरॉन होता है। यह पौधों की कोशिका दीवारों को मजबूत बनाता है और फूलों की गुणवत्ता को बढ़ाता है। इसका 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करने से पौधे स्वस्थ रहते हैं।
- NPK 13:40:13: इसमें 13% नाइट्रोजन, 40% फास्फोरस और 13% पोटेशियम होता है, जो जड़ों और फूलों के विकास को बढ़ावा देता है। इसे 5 ग्राम प्रति लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करने से पौधों में नई जड़ों का विकास होता है और फूल गिरने की समस्या कम होती है।
क्या आप भी अपनी फसलों में जल में घुलनशील उर्वरकों का इस्तेमाल करते हैं? और इसे किस तरीके से अपनाते हैं? अपने अनुभव और सवाल हमें कमेंट में जरूर बताएं। ऐसी ही खेती से जुड़ी महत्वपूर्ण और लाभकारी जानकारियों के लिए हमारे 'कृषि ज्ञान' चैनल को फॉलो करना न भूलें। अगर पोस्ट आपके लिए उपयोगी लगी हो, तो इसे लाइक करें और अपने किसान मित्रों के साथ साझा करें!
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल {Frequently Asked Questions (FAQs)}
Q: पानी में घुलनशील उर्वरक को कैसे घोलें?
A: पानी में घुलनशील उर्वरक को घोलने के लिए, उर्वरक को पानी में डालकर अच्छे से मिलाएं, ताकि वह पूरी तरह घुल जाए। यह सुनिश्चित करें कि उर्वरक का पानी से अनुपात पैकेज पर दिए गए निर्देशों के अनुसार हो। घुलने के बाद, उसे तुरंत पौधों पर छिड़काव या सिंचाई के लिए उपयोग करें।
Q: क्या मिट्टी में पानी में घुलनशील उर्वरक डाल सकते हैं?
A: पानी में घुलनशील उर्वरक को मिट्टी में डाला जा सकता है, लेकिन यह फर्टिगेशन (सिंचाई के माध्यम से) के रूप में किया जाता है। इससे उर्वरक सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचता है, और पौधे उन्हें जल्दी अवशोषित कर सकते हैं।
Q: पानी में घुलनशील उर्वरक का उपयोग कैसे करें?
A: पानी में घुलनशील उर्वरक का उपयोग फोलियर स्प्रे (पत्तियों पर छिड़काव) या फर्टिगेशन (सिंचाई के पानी में मिलाकर) के माध्यम से किया जा सकता है। फोलियर स्प्रे पौधों को तुरंत पोषण देता है, जबकि फर्टिगेशन से उर्वरक पौधों की जड़ों तक पहुँचता है।
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