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16 Apr
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तरबूज: फल मक्खी कीट से होने वाले नुकसान एवं बचाव के तरीके | Watermelon: Damages Caused by Fruit Flies and Prevention Methods

तरबूज की फसल में फल मक्खी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इस पर नियंत्रण के लिए उचित कदम नहीं उठाए गए तो फसल की उपज में 30-40 प्रतिशत तक कमी हो सकती है। इसके साथ ही इसके प्रकोप के कारण फलों की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है और फल उपयोग के लायक नहीं रहते हैं। जिससे इसकी बिक्री नहीं हो पाती है या बिक्री होने पर भी उचित मूल्य नहीं मिल पाता है। फल मक्खी किसानों के लिए बड़े आर्थिक नुक्सान का कारण बन सकती है। फल मक्खी की पहचान, इससे होने वाले नुकसान और इस कीट पर नियंत्रण की विस्तृत जानकारी के लिए इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ें।

फल मक्खी की कैसे करें पहचान | How to identify Fruit Fly

  • आकार: पूर्ण रूप से विकसित फल मक्खी की लम्बाई करीब 3 से 4 मिलीमीटर होती है।
  • रंग: आमतौर पर ये कीट भूरे-पीले रंग के होते हैं और इनकी आंखें लाल रंग की होती हैं।
  • पंख: इनके पंख पारदर्शी होते हैं।

फल मक्खी का जीवन चक्र | Life cycle of fruit fly

  • अंडे: मादा कीट के अंडे देने के 2-3 दिनों में लार्वा बाहर आते हैं।
  • लार्वा: लार्वा 10 से 12 दिनों के बाद प्यूपा में बदल जाते हैं।
  • प्यूपा: फल मक्खी के जीवन चक्र का यह समय आमतौर पर 10 से 12 दिनों का होता है। प्यूपा की स्थिति में ये कीट मिट्टी में रहते हैं।
  • वयस्क: यह प्यूपा चक्र के बाद की स्थिति है। एक वयस्क फल मक्खी का जीवन काल 2 से 3 माह का होता है। इस दौरान वे कई बार अंडे दे कर अपनी संख्या में तेजी से वृद्धि करते हैं।

तरबूज की फसल में फल मक्खी से होने वाले नुकसान | Damage caused by fruit fly in watermelon crop

  • व्यस्क कीट फलों में छेद करके उसके अंदर अंडे देती हैं।
  • अंडों से लार्वा निकलने के बाद वे फलों को अंदर से खा कर फलों को क्षति पहुंचाते हैं।
  • ये कीट ज्यादातर नए और कोमल फलों पर हमला करते हैं।
  • फलों की सतह पर कई छेद नजर आ सकते हैं।
  • प्रभावित फलों का आकार टेढ़ा होने लगता है।
  • फलों में समय से पहले गिरने की समस्या शुरू हो जाती है।
  • फल सड़ने लगते हैं।
  • कई बार फलों की सतह के छेद से रस निकलने लगता है।
  • गुणवत्ता के साथ उत्पादकता में भी कमी आती है।

तरबूज की फसल में फल मक्खी पर नियंत्रण के तरीके | Methods to control fruit fly in watermelon crop

  • पौधों को इस रोग से बचाने के लिए फसल चक्र अपनाएं।
  • बुरी तरह प्रभावित पौधों को नष्ट कर दें।
  • गर्मी के मौसम में खेत में गहरी जुताई करें।
  • पौधों के आसपास खुदाई करें, इससे मिट्टी में मौजूद प्यूपा कीट नष्ट हो सकते हैं।
  • खेत में फल मक्खी ट्रैप का प्रयोग करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 4-6 स्टिकी ट्रैप लगाने से भी इस कीट पर नियंत्रण किया जा सकता है।

तरबूज की फसल में फल मक्खी पर नियंत्रण के लिए रासायनिक विधि | Chemical method to control fruit fly in watermelon crop

  • प्रति एकड़ खेत में 300 मिलीलीटर सायनट्रानिलिप्रोल 10.26 % ओडी (बेनेविया) का प्रयोग करें।
  • प्रति एकड़ खेत में 50-80 मिलीलीटर थियामेथोक्सम 12.6 + लैम्ब्डा साइहलोथ्रिन 9.5%  जेड.सी. (देहात एंटोकिल) का प्रयोग करें।
  • फ्लुबेंडियामाइड 8.33 % + डेल्टामेथ्रिन 5.56 % w/w SC (बायर फेनोस क्विक) की 100-125 मिलीलीटर मात्रा का प्रति एकड़ की दर से प्रयोग करें।

कीटनाशक दवाओं के छिड़काव के समय रखें इन बातों का ध्यान | Keep these things in mind while spraying pesticides

  • सुरक्षा का ध्यान: दवाओं के प्रयोग के समय सुरक्षा का ध्यान रखते हुए मास्क, दस्ताने और चश्मे के प्रयोग से मुंह, नाक एवं आंखों को अच्छी तरह ढकें।
  • उचित मात्रा: दवाओं का प्रयोग उचित मात्रा में करें। अत्यधिक मात्रा में दवाओं के प्रयोग से फसलें भी प्रभावित हो सकती हैं। इसके साथ दवाओं के लेबल पर दिए गए निर्देशों का भी पालन करें।
  • हवा की दिशा का ध्यान: हवाओं के चलने पर दवाओं का छिड़काव करने से बचें। हवाओं की दिशा के साथ दवाएं अनपेक्षित क्षेत्रों में जा सकती हैं।
  • सही उपकरणों का प्रयोग: कीटनाशक दवाओं के छिड़काव के लिए स्प्रेयर, नोजल और पंप जैसे सही उपकरणों का प्रयोग करें। इससे दवाओं का छिड़काव समान रूप से होता है।
  • भंडारण एवं रख-रखाव: कीटनाशक दवाओं को किसी सूखे एवं ठंडे स्थान पर रखें। दवाओं को धूप में न रखें।
  • पहुंच से दूर: हानिकारक रसायनों से होने वाले नुकसान से बचने के लिए कीटनाशक दवाओं के पैकेट को बच्चों एवं पशुओं की पहुंच से दूर रखें। दवाओं के संपर्क में आने पर सबसे पहले पानी से साफ करें और फिर नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।

तरबूज की फसल को फल मक्खी से बचने के लिए आप क्या तरीका अपनाते हैं? अपने जवाब एवं अनुभव हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। इस तरह की अधिक जानकारियों के लिए 'किसान डॉक्टर' चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक एवं कमेंट करना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न | Frequently Asked Question (FAQs)

Q: फल मक्खी पर नियंत्रण का उपाय क्या है?

A: फल मक्खियों पर नियंत्रण के लिए फेरोमोन ट्रैप, फल मक्खी ट्रैप, स्टिकी ट्रैप, खेत की गहरी जुताई, रासायनिक दवाओं का प्रयोग किया जा सकता है। इससे फल मक्खियों पर आसानी से नियंत्रण किया जा सकता है।

Q: फल मक्खियों से छुटकारा पाने में कितना समय लगता है?

A: फल मक्खियों से छुटकारा पाने में लगने वाले समय में संक्रमण की गंभीरता और उपयोग किए जा रहे नियंत्रण उपायों के आधार पर परिवर्तन हो सकता है। सामान्यतौर पर इसने निजात पाने में 4-5 दिनों से लेकर कुछ सप्ताह का समय लग सकता है।

Q: तरबूज के फल का आकार कैसे बढ़ाएं?

A: तरबूज के फलों का आकार बढ़ाने के लिए पौधों की उचित देखभाल करें। कई बार पर्याप्त मात्रा में सिंचाई एवं सूरज की रोशनी नहीं मिलने के कारण भी पौधों एवं फलों का उचित विकास नहीं हो पाता है। फलों के उचित विकास के लिए सही मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग करना भी आवश्यक है।

Q: तरबूज के फलों में किन कीटों का प्रकोप होता है?

A: तरबूज के फलों में कई तरह के कीटों का प्रकोप होता है। जिनमें फल मक्खी, सफेद मक्खी, थ्रिप्स, एफिड्स जैसे रस चूसक कीट, माइट, आदि का प्रकोप अधिक होता है। इसके अलावा तरबूज की बेलों में जड़ गलन रोग, जीवाणु फल धब्बा रोग, चूर्णिल आसिता, आदि रोगों का प्रकोप भी अधिक होता है।

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