लहसुन में खरपतवार प्रबंधन | Weed Management in Garlic

लहसुन का उपयोग भोजन का स्वाद बढ़ाने में तो किया ही जाता है, साथ ही इसके औषधीय गुण भी होते हैं। लहसुन की खेती में एक बड़ी चुनौती खरपतवारों का नियंत्रण है, क्योंकि खरपतवार फसल की उत्पादकता को प्रभावित कर सकते हैं। खरपतवारों के पनपने से फसल की वृद्धि में भी बाधा आती है। सही तरीके से खरपतवारों का प्रबंधन न किया जाए, तो यह लहसुन की फसल को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं। खरपतवारों की प्रभावी रोकथाम से फसल की गुणवत्ता में सुधार के साथ कृषि में होने वाली लागत भी नियंत्रित रहती है। इस आर्टिकल में हम लहसुन की फसल में खरपतवार प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं जैसे लहसुन में होने वाले प्रमुख खरपतवारों के नाम, उनसे होने वाले नुकसान एवं नियंत्रण के विभिन्न तरीकों पर जानकारी प्राप्त करेंगे।
लहसुन की फसल में होने वाले कुछ प्रमुख खरपतवार | Major Weeds Found in Garlic Crops
- लहसुन की खेती में सामान्यतः कुछ प्रमुख खरपतवार देखने को मिलते हैं जो फसल की वृद्धि और विकास को प्रभावित करते हैं। इनमें सावा घास, मोथा घास, बथुआ, दूब घास, चौलाई, हिरनखुरी, केना घास, आदि शामिल हैं। ये बहुत तेजी से बढ़ते हुए फसल को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
लहसुन की फसल में खरपतवारों के कारण होने वाले नुकसान | Damage Caused by Weeds in Garlic Crop
- पोषक तत्वों की कमी: खरपतवार फसल के साथ पोषक तत्वों, नमी और सूर्य के प्रकाश को ग्रहण करते हैं। इससे लहसुन के पौधों को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है, जो उनकी वृद्धि और पैदावार को प्रभावित करता है।
- उत्पादन में कमी: खेत में अधिक खरपतवारों के होने से लहसुन की उत्पादकता में भारी कमी आ सकती है। खरपतवारों की अधिकता पौधों की जड़ों, पत्तियों, और बल्बों पर असर डालती है, जिससे फसल की गुणवत्ता कम हो जाती है। कुछ मामलों में खरपतवारों के कारण लहसुन की कलियां पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पाती हैं।
- रोग और कीट संक्रमण का जोखिम: कुछ खरपतवार लहसुन की फसल में कीट और रोग फैलाने वाले कारकों को आमंत्रित करते हैं। खरपतवारों पर कीटों और कवक के छिपने और फैलने की संभावना अधिक होती है।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी: खरपतवार पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को ग्रहण कर लेते हैं, जिससे पौधे धीरे-धीरे कमजोर होने लगते हैं और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
- खेती की लागत में वृद्धि: खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए किसानों को श्रम और खरपतवार नाशक दवाओं का अधिक उपयोग करना पड़ता है, जिससे खेती की लागत बढ़ जाती है।
लहसुन में खरपतवारों पर नियंत्रण के विभिन्न तरीके | Different Methods for Weed Control in Garlic
- खेत की गहरी जुताई: फसल बुवाई से पहले खेत की गहरी जुताई करने से खरपतवार के बीज जमीन के अंदर दब जाते हैं, जिससे उनका अंकुरण रुक जाता है। इससे खेत में पहले मौजूद खरपतवार के जड़ भी भूमि की सेहत के ऊपर आ जाते हैं और सूख कर नष्ट हो जाते हैं।
- हाथों से निराई: यह खरपतवारों को निकालने का एक पारंपरिक तरीका है, जिसमें खेत में हाथों से खरपतवारों को उखाड़ कर हटाया जाता है। हालांकि, इस प्रक्रिया में मानव श्रम एवं समय दोनों की लागत अधिक होती है, लेकिन यह तरीका छोटे खेतों में कारगर साबित होता है।
- कवर क्रॉप: कुछ पौधों का उपयोग कवर क्रॉप के रूप में किया जा सकता है, जो खरपतवारों के उगने की संभावना को कम करते हैं। कवर क्रॉप फसल के बीच में उगाए जाते हैं और खरपतवारों को बढ़ने से रोकते हैं।
- फसल चक्र: खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए फसल चक्र अपनाना एक बेहतर तरीका साबित हो सकता है।
- मल्चिंग: खरपतवारों को पनपने से रोकने के लिए खेत में मल्चिंग करना लाभदायक होता है। इसके लिए आप पुआल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
रासायनिक खरपतवारों के इस्तेमाल के तरीके | Ways to Use Chemical Herbicides
- प्री-इमर्जेंस हर्बीसाइड्स: इस श्रेणी में शामिल खरपतवार नाशकों का उपयोग फसलों की बुवाई से पहले किया जाता है, जिससे खरपतवार के बीज अंकुरित न हो सके।
- पोस्ट-इमर्जेंस हर्बीसाइड्स: इस तरह के खरपतवारों का इस्तेमाल खेत में खरपतवारों के पनपने के बाद किया जाता है। पोस्ट-इमर्जेंस हर्बीसाइड्स का छिड़काव खरपतवारों के पत्तों और तनों पर किया जाता है, जिससे वे नष्ट हो जाते हैं।
- सिलेक्टिव हर्बीसाइड्स: ये विशेष प्रकार के खरपतवार नाशक होते हैं, जो सिर्फ खरपतवारों को प्रभावित करते हैं और फसल को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाते। इनका उपयोग विशेष सावधानी से किया जाता है जिससे फसल सुरक्षित रहे।
लहसुन में खरपतवारों पर नियंत्रण की रासायनिक विधि | Chemical Methods for Weed Control in Garlic
लहसुन की फसल में खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए नीचे बताई गई दवाओं में से किसी एक का प्रयोग करें।
- प्रति एकड़ खेत में 400 मिलीलीटर ऑक्सीफ्लोरफेन 23.5% ईसी (अदामा गैलिगन, देहात ऑक्सीबिक्स) का प्रयोग करें।
- पौधों में 2-4 पत्तियां आने के बाद प्रति एकड़ खेत में 350 मिलीलीटर प्रोपाक्विज़ाफॉप 5% + ऑक्सीफ्लुरोफेन 12% w/w ईसी (अडामा डेकेल) का प्रयोग करें।
- प्रति एकड़ खेत में 400 मिलीलीटर क्विज़ालोफ़ॉप इथाइल 4% + ऑक्सीफ्लोरफेन 6% ईसी (धानुका वनकिल, गोदरेज पोर्ट्रेट) का प्रयोग करें।
- प्रति एकड़ खेत में 400 मिलीलीटर क्विज़ालोफ़ॉप इथाइल 5% (धानुका टार्गा सुपर, कात्यायनी तथास्तु) का प्रयोग करें।
खरपतवारों के छिड़काव के समय रखें इन बातों का ध्यान | Important Points to Consider When Spraying Herbicides
- सही समय का चयन: खरपतवार नाशक दवाओं का छिड़काव सही समय पर करना बहुत जरूरी है। अगर छिड़काव बहुत जल्दी या बहुत देर से किया जाता है, तो उसका प्रभाव कम हो सकता है। प्री-इमर्जेंस हर्बीसाइड्स बुवाई के तुरंत बाद और पोस्ट-इमर्जेंस हर्बीसाइड्स खरपतवार के शुरुआती चरणों में इस्तेमाल करना चाहिए।
- मौसम की स्थिति: छिड़काव के समय मौसम का ध्यान रखना चाहिए। तेज हवा या बारिश के दौरान छिड़काव से हर्बीसाइड्स का प्रभाव कम हो जाता है और इससे फसल भी प्रभावित हो सकती है।
- उचित मात्रा: खरपतवार नाशक का उपयोग सही मात्रा में ही करना चाहिए। अधिक मात्रा में हर्बीसाइड्स का उपयोग फसल को नुकसान पहुंचा सकता है, वहीं कम मात्रा में इसका इस्तेमाल करने से खरपतवारों पर इसका असर नहीं होता।
- सुरक्षा उपकरणों का उपयोग: रासायनिक दवाओं के छिड़काव के दौरान अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप दस्ताने, मास्क, चश्मा और गमछा आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। खरपतवार नाशक दवाओं के सीधे संपर्क से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
- पर्यावरण का ध्यान: खरपतवार नाशक दवाओं का उपयोग करते समय यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वह आस-पास के जल स्रोतों में न मिलें या अन्य फसलों तक न पहुंचे, जिससे पर्यावरण को नुकसान न हो।
लहसुन की फसल में खरपतवारों पर नियंत्रण के लिए आप किन दवाओं का प्रयोग करते हैं? अपने जवाब हमें कमेंट के माध्यम से बताएं। विभिन्न फसलों में खरपतवारों पर नियंत्रण की अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए 'खरपतवार जुगाड़' चैनल को तुरंत फॉलो करें। इसके साथ ही इस पोस्ट को लाइक और शेयर करना न भूलें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)
Q: लहसुन में खरपतवार नाशक दवा कौन सी है?
A: लहसुन में खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए इस पोस्ट में बताई गई दवाओं में से आप किसी भी एक दवा का प्रयोग कर सकते हैं। यदि खरपतवारों की समस्या बाहर अधिक है तो अपने नजदीकी कृषि विशेषज्ञों से परामर्श करें।
Q: घास मारने की सबसे अच्छी दवा कौन सी है?
A: घास मारने की सबसे अच्छी दवा घास के प्रकार पर निर्भर करती है। खरपतवार नाशक दवाओं का इस्तेमाल करने से पहले यह देख लें कि खरपतवार सकरी पत्ती वाले हैं या चौड़ी पत्ती वाले। इसके साथ ही खेत में लगे फसलों की अवस्था का भी ध्यान रखें।
Q: पौधों को मारे बिना खरपतवार से कैसे छुटकारा पाएं?
A: पौधों को नुकसान पहुंचाए बिना खरपतवारों को नियंत्रित करने के कई तरीके हैं। हाथ से निराई-गुड़ाई और मल्चिंग खरपतवारों को हटाने के लिए प्रभावी तरीके हैं। इसके अतिरिक्त छोटे कृषि यंत्रों के द्वारा भी इन पर नियंत्रण किया जा सकता है।
जारी रखने के लिए कृपया लॉगिन करें

फसल चिकित्सक से मुफ़्त सलाह पाएँ
