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13 Oct
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जिनैक्टो करे फफूंद जनित रोगों की छुट्टी (Zinacto cures fungal diseases)


फसलों की स्वास्थ्य और उत्पादन में फफूंद जनित रोगों का एक महत्वपूर्ण स्थान होता है। ये रोग न केवल फसलों की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं, बल्कि उनकी उपज को भी घटाते हैं। ऐसे में 'देहात जिनैक्टो' (प्रोपिनेब 70% डब्लू.पी.) एक प्रभावी समाधान साबित हो सकता है। यह एक (Contact Fungicide) संपर्क फफूंदनाशी है जो फसलों को रोगों से बचाने में मदद करता है। आइए, 'देहात जिनैक्टो' की विशेषताओं, उपयोग, मात्रा और सावधानियों के बारे में विस्तार से जानते हैं।

'देहात जिनैक्टो' (प्रोपिनेब 70% डब्लू.पी.)की विशेषताएं (Features of 'Dehaat Zinacto' (Propineb 70% WP))

  • व्यापक स्पेक्ट्रम : 'देहात जिनैक्टो' एक प्रभावी फफूंदनाशक है, जो कई प्रकार के फफूंद जनित रोगों के खिलाफ काम करता है।
  • संपर्क और रोकथाम गुण : यह संपर्क और रोकथाम दोनों प्रकार से काम करता है, जिससे फसलों को सुरक्षा मिलती है।
  • जिंक का प्रभाव : इसमें जिंक की मौजूदगी पौधों की प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाती है, जिससे फसलें स्वस्थ बनती हैं।
  • बारिश के बाद भी प्रभावी : यह बारिश के बाद भी अपना प्रभाव बनाए रखता है, जिससे बार-बार छिड़काव की आवश्यकता नहीं होती और समय की बचत होती है।
  • आर्थिक लाभ : बार-बार छिड़काव की आवश्यकता न होने से किसानों का खर्च कम होता है, जिससे आर्थिक लाभ होता है।
  • किसानों के लिए आसान : 'देहात जिनैक्टो' का उपयोग करना आसान है, जिससे किसान अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए इसे आसानी से अपना सकते हैं।
  • उत्पादन में सुधार : इसके सही उपयोग से किसानों को फसलों के उत्पादन में सुधार देखने को मिलता है।

रोगों के लिए खुराक (Doses for Diseases): 'देहात जिनैक्टो' का उपयोग करते समय, सही मात्रा का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। सामान्यत: इसकी खुराक 600-800 ग्राम प्रति एकड़ होती है। यह मात्रा रोग की गंभीरता और फसल की स्थिति के अनुसार समायोजित की जा सकती है।

लक्षित फसल और रोग (Target crops and diseases): 'देहात जिनैक्टो' विभिन्न फसलों में फफूंद जनित रोगों के खिलाफ एक प्रभावी उपाय है। यह विशेष रूप से अंगूर में डाउनी मिल्ड्यू, अनार में पत्तियों और फलों पर धब्बे, आलू में अर्ली और लेट ब्लाइट, कपास में अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट, टमाटर में बके रॉट, धान में ब्राउन लीफ स्पॉट और नैरो लीफ स्पॉट, मिर्च में डाई बैक, और सेब में स्कैब जैसे रोगों से निपटने के लिए उपयोगी है। इसके प्रभावी उपयोग से किसान अपनी फसलों को स्वस्थ रख सकते हैं और उत्पादन में सुधार कर सकते हैं।

उपलब्ध पैकिंग (Available Packaging): 'देहात जिनैक्टो' बाजार में विभिन्न पैकिंग में उपलब्ध है, जो किसानों की आवश्यकताओं के अनुसार निर्धारित की गई है। इसमें 100 ग्राम , 250 ग्राम , 500 ग्राम , और 1 किलोग्राम की पैकिंग शामिल हैं। ये पैकिंग विकल्प किसानों को उनकी फसलों की आवश्यकताओं के अनुसार उचित मात्रा में खरीदारी करने की सुविधा प्रदान करते हैं, जिससे वे अपनी फसल की सुरक्षा के लिए सही मात्रा का चयन कर सकते हैं। इस प्रकार, 'देहात जिनैक्टो' विभिन्न फसलों के लिए एक बेहतर समाधान है, जो किसानों के लिए आर्थिक रूप से भी लाभदायक साबित होता है।

'देहात जिनैक्टो' के इस्तेमाल के समय रखें इन बातों का ध्यान (Keep these things in mind when using Dehaat Zinacto):

  • सही समय : फफूंद जनित रोगों से बचाव के लिए सबसे अच्छा समय है जब फसल पर रोग के लक्षण दिखाई देने से पहले ही छिड़काव करें।
  • पर्याप्त मात्रा : दी गई मात्रा का सही पालन करें। जरूरत से ज्यादा मात्रा का उपयोग करने से पौधों को नुकसान हो सकता है।
  • मिश्रण से बचें : 'देहात जिनैक्टो' को अन्य रसायनों के साथ मिलाने से पहले उत्पाद के लेबल को ध्यान से पढ़ें। कुछ रसायन एक साथ मिलाने पर प्रतिक्रिया कर सकते हैं।
  • मौसम का ध्यान : छिड़काव के समय मौसम का ध्यान रखें। बारिश, तेज़ हवा या धूप के कारण छिड़काव का असर कम हो सकता है।
  • सुरक्षा उपाय : छिड़काव करते समय सुरक्षात्मक कपड़े पहनें, जैसे मास्क और दस्ताने, ताकि रासायनिक प्रभाव से बचा जा सके।
  • पैकेजिंग का ध्यान : उत्पाद की पैकिंग को सुरक्षित स्थान पर रखें और किसी भी नुकसान से बचें।
  • समय पर कार्रवाई : फफूंद जनित रोगों के लक्षण दिखने पर तुरंत कार्रवाई करें। किसी भी समस्या का समाधान समय पर करना फसल के लिए फायदेमंद होता है।

क्या आपने कभी ‘जिनैक्टो’ का प्रयोग किया है? फसलों में फफूंद जनित रोगों से निपटने के लिए आप कौन-सा तरीका अपनाते हैं? अपने सुझाव और अनुभव हमारे साथ कमेंट्स में जरूर साझा करें। देहात उत्पादों से जुड़ी और जानकारी के लिए ‘देहात’ चैनल को फॉलो करें। इस पोस्ट को लाइक और शेयर करके इसे अधिक से अधिक किसानों तक पहुंचाना न भूलें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल | Frequently Asked Questions (FAQs)

Q: फफूंद रोग क्या है?

A: फफूंद रोग उन बीमारियों को कहते हैं जो पौधों में फफूंद (फंगस) के संक्रमण से होती हैं। ये रोग पौधों के ऊतकों को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे उनकी वृद्धि रुक जाती है और उत्पादन में कमी आती है। आमतौर पर, ये पत्तियों, तनों और फलों पर धब्बे, सड़न, या मुरझाने के रूप में दिखाई देते हैं। फफूंद रोग जल्दी फैल सकते हैं, खासकर आद्रता और गर्मी में, जिससे फसल की गुणवत्ता प्रभावित होती है।

Q: पौधों में फंगस से कौन-कौन से रोग होते हैं?

A: पौधों में फंगस से होने वाले प्रमुख रोगों में डाउनी मिल्ड्यू, पाउडरी मिल्ड्यू, लेट ब्लाइट, अर्ली ब्लाइट, स्कैब, रूट रॉट, और अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट शामिल हैं। ये सभी रोग फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को प्रभावित करते हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान होता है। उदाहरण के लिए, डाउनी मिल्ड्यू अंगूर और अनार में आम है, जबकि आलू और टमाटर में लेट ब्लाइट हानिकारक होता है।

Q: 'देहात जिनैक्टो' किन-किन फसलों के लिए उपयोगी है?

A: 'देहात जिनैक्टो' विभिन्न फसलों में फफूंद जनित रोगों के खिलाफ प्रभावी है। यह विशेष रूप से अंगूर में डाउनी मिल्ड्यू, अनार में पत्तियों और फलों पर धब्बे, आलू में अर्ली और लेट ब्लाइट, कपास में अल्टरनेरिया लीफ स्पॉट, टमाटर में बके रॉट, धान में ब्राउन लीफ स्पॉट और नैरो लीफ स्पॉट, मिर्च में डाई बैक, और सेब में स्कैब जैसी बीमारियों से निपटने के लिए उपयोगी है। सही खुराक का पालन करने से पौधों को अधिकतम सुरक्षा मिलती है और फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है।

Q: 'देहात जिनैक्टो' रोगों के लिए कितनी खुराक में इस्तेमाल करें?

A: 'देहात जिनैक्टो' का उपयोग करते समय सही मात्रा का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक है। सामान्यत: इसकी खुराक 600-800 ग्राम प्रति एकड़ होती है। यह मात्रा रोग की गंभीरता और फसल की स्थिति के अनुसार समायोजित की जा सकती है। यदि खुराक सही तरीके से निर्धारित की जाए, तो किसान न केवल फफूंद जनित रोगों से बच सकते हैं, बल्कि अपने उत्पादन को भी बढ़ा सकते हैं।

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